न्यूयॉर्क : 'टाइम' पत्रिका की पहली 'किड ऑफ द ईयर' और भारतीय मूल की 15 वर्षीय अमेरिकी वैज्ञानिक गीतांजलि राव ने कहा, वह कोरोना वायरस के टीके के प्रभावी वितरण का समाधान खोजने की कोशिश में जुटी हैं और भविष्य में वैश्विक महामारियों को रोकने के उपाय खोजने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं.
गीतांजलि ने दिए साक्षात्कार में कहा, वह टीका वितरण के समाधान के लिए प्रौद्योगिकी आधारित उपकरणों के इस्तेमाल पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं. प्रभावी टीका वितरण कोविड-19 वैश्विक महामारी से जूझ रही दुनिया के लिए चुनौती है.
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गीतांजलि ने प्रौद्योगिकी का उपयोग कर दूषित पेयजल से लेकर अफीम की लत और साइबर धौंस जैसे मुद्दों से निपटने के मामले में शानदार कार्य किया है.टाइम की प्रथम 'किड ऑफ द ईयर' के लिये 5,000 से अधिक दावेदारों में से गीतांजलि का चयन किया गया.
गीतांजलि ने कहा, मैं निश्चित ही वैश्विक महामारी से निपटने पर ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं. हमारे सामने अगली सबसे बड़ी समस्या टीकों का वितरण और टीका देने संबंधी प्राथमिकता तय करना है. मैं इसे अपने डेटा और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण से देख रही हूं.
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उन्होंने कहा कि वह अभी इस पर 'विचार मंथन' करने के चरण में हैं. हर व्यक्ति को टीका दिए जाने की आवश्यकता है. ऐसे में मैं विचार कर रही हूं कि टीका वितरण की योजना बनाने के लिए भविष्य सूचक विश्लेषण और डेटा मॉडल का किस प्रकार इस्तेमाल किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि वह 'किड ऑफ द ईयर' चुने जाने पर बहुत उत्साहित हैं. अपने कार्यों के जरिए कई लोगों के लिए प्रेरणा बनीं गीतांजलि अपनी मां भारती और पिता राम राव तथा परिवार को अपनी 'सबसे बड़ी प्रेरणा' बताती हैं. उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि अधिक से अधिक लड़कियों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में अध्ययन के अवसर मिलें.