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तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा, कश्मीर मुद्दे को बातचीत से सुलझाना अनिवार्य

संयुक्त राष्ट्र में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कश्मीर मसले को बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए. यही नहीं, उन्होंने कश्मीर मुद्दे पर ध्यान न देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भी आलोचना की. पढ़ें पूरी खबर...

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन (फाइल फोटो))
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Published : Sep 25, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 11:12 PM IST

न्यूयॉर्क: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया. राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि को कश्मीर से अलग नहीं किया जा सकता है.

संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के बावजूद भारतीय कश्मीर में '80 लाख लोग फंसे हुए हैं.'

उन्होंने कहा कि सुरक्षित भविष्य के लिए संघर्ष के बजाय बातचीत के जरिए कश्मीर के मुद्दे को सुलझाना अनिवार्य है.

राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि 72 साल पुराने कश्मीर मुद्दे को न्याय और निष्पक्षता के आधार पर बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए.

राष्ट्रपति एर्दोगन ने कश्मीर संघर्ष पर ध्यान देने में विफल रहने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचना की.

पढ़ें-भारत चाहता है कि वार्ता से पहले पाक 'कुछ ठोस कदम' उठाए : मोदी ने ट्रम्प से कहा

राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा, 'कश्मीरी लोगों के अपने पाकिस्तानी और भारतीय पड़ोसियों के साथ एक सुरक्षित भविष्य के लिए, समस्या का समाधान बातचीत और न्याय के आधार पर करना जरूरी है, लेकिन टकराव के माध्यम से नहीं.'

उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र के मौके पर एर्दोगन से मुलाकात करने के बाद आई.

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार खान ने उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों और भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को 5 अगस्त को निरस्त किए जाने की 'अवैध और एकतरफा कार्रवाइयों' के बाद की ताजा स्थिति पर चर्चा की.

न्यूयॉर्क: तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया. राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि को कश्मीर से अलग नहीं किया जा सकता है.

संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के बावजूद भारतीय कश्मीर में '80 लाख लोग फंसे हुए हैं.'

उन्होंने कहा कि सुरक्षित भविष्य के लिए संघर्ष के बजाय बातचीत के जरिए कश्मीर के मुद्दे को सुलझाना अनिवार्य है.

राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि 72 साल पुराने कश्मीर मुद्दे को न्याय और निष्पक्षता के आधार पर बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए.

राष्ट्रपति एर्दोगन ने कश्मीर संघर्ष पर ध्यान देने में विफल रहने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचना की.

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राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा, 'कश्मीरी लोगों के अपने पाकिस्तानी और भारतीय पड़ोसियों के साथ एक सुरक्षित भविष्य के लिए, समस्या का समाधान बातचीत और न्याय के आधार पर करना जरूरी है, लेकिन टकराव के माध्यम से नहीं.'

उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र के मौके पर एर्दोगन से मुलाकात करने के बाद आई.

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार खान ने उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों और भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को 5 अगस्त को निरस्त किए जाने की 'अवैध और एकतरफा कार्रवाइयों' के बाद की ताजा स्थिति पर चर्चा की.

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एर्दोगन ने यूएनजीए में कश्मीर मुद्दा उठाया



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न्यूयॉर्क, 25 सितम्बर (आईएएनएस)| तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा उठाया और कहा कि दक्षिण एशिया की स्थिरता और समृद्धि को कश्मीर से अलग नहीं किया जा सकता है। संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में एर्दोगन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के बावजूद भारतीय कश्मीर में "80 लाख लोग फंसे हुए हैं।"



उन्होंने कहा कि सुरक्षित भविष्य के लिए संघर्ष के बजाय बातचीत के जरिए कश्मीर के मुद्दे को सुलझाना अनिवार्य है।



एर्दोगन ने कहा कि 72 साल पुराने कश्मीर मुद्दे को न्याय और निष्पक्षता के आधार पर बातचीत के जरिए हल किया जाना चाहिए।



एर्दोगन ने कश्मीर संघर्ष पर ध्यान देने में विफल रहने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की आलोचना की।



एर्दोगन ने कहा, "कश्मीरी लोगों के अपने पाकिस्तानी और भारतीय पड़ोसियों के साथ एक सुरक्षित भविष्य के लिए, समस्या का समाधान बातचीत और न्याय के आधार पर करना जरूरी है, लेकिन टकराव के माध्यम से नहीं।"



उनकी यह टिप्पणी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74 वें सत्र के मौके पर एर्दोगन से मुलाकात करने के बाद आई। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार खान ने उनके साथ द्विपक्षीय संबंधों और भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को 5 अगस्त को निरस्त किए जाने की 'अवैध और एकतरफा कार्रवाइयों' के बाद की ताजा स्थिति पर चर्चा की।


Conclusion:
Last Updated : Oct 1, 2019, 11:12 PM IST
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