नई दिल्ली : अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार जो बाइडेन की सहयोगी उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस भी भारतीय मूल की होने के कारण भारत में सभी की आंखों में बस गई हैं. उनकी मां श्यामला गोपालन का जन्म चेन्नई में हुआ था. पर्यवेक्षकों की दिलचस्पी का एक और वजह यह भी है कि इस वर्ष अमेरिकी संसद के चुनाव मे रिकॉर्ड 12 भारतीय-अमेरिकी मैदान में हैं. उनमें से 10 प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव लड़ रहे हैं जबकि दो संसद के ऊपरी सदन सीनेट की दौड़ में हैं.
इस वर्ष अमेरिकी चुनावों के पर्यवेक्षक सीनेट के उम्मीदवारों के रूप में जिनकी संभावना ज्यादा रुचि के साथ देख रहे हैं उनमें भारतीय मूल की सारा गिदोन हैं. भारतीय आप्रवासी पिता और दूसरी पीढ़ी की आर्मेनियाई मां से पैदा हुईं गिदोन मेन राज्य से डेमोक्रेटिक पार्टी की अमेरिकी सीनेट के लिए उम्मीदवार हैं. वह अभी मेन राज्य की प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष के रूप में काम कर रही हैं. चुने जाने के बाद वह कमला हैरिस के बाद भारतीय मूल की दूसरी सीनेटर बन जाएंगी. कमला हैरिस अभी कैलिफोर्निया का प्रतिनिधित्व करती हैं. यदि बिडेन राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो हैरिस को उपराष्ट्रपति के रूप में पदभार ग्रहण करने के लिए सीनेट की अपनी सीट छोड़नी पड़ेगी.
पर्यवेक्षकों के अनुसार गिदोन को मैन के मौजूदा रिपब्लिकन सीनेटर सुसान कोलिंस के लिए एक मजबूत चुनौती के रूप में देखा जा रहा है. पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी गिदोन की उम्मीदवारी का पुरजोर समर्थन किया है. एक पर्यवेक्षक के अनुसार कोलिंस पिछले कुछ समय से मेन में कमजोर हुए हैं. एक पर्यवेक्षक ने कहा कि कोलिंस एक विशिष्ट रिपब्लिकन और जमीनी उम्मीदवार नहीं हैं. मेन के मतदाता आमतौर पर उदार और शांत होते हैं. गिदोन ने अपनी प्राथमिकता सूची में मेन में श्रमिक वर्ग के परिवारों के हितों को रखा है और इस पूर्वोत्तर अमेरिकी राज्य में उन्हें अधिकतर श्रमिक संघों का समर्थन प्राप्त है. भारतीय मूल के जो दूसरे उम्मीदवार सीनेट की दौड़ में हैं, वे न्यू जर्सी के रिपब्लिकन रिक मेहता हैं लेकिन उनकी जीत की संभावना कम देखी जा रही है. गिदोन की संभावनाओं पर टिप्पणी करने वाले पर्यवेक्षक ने कहा कि रिक की जीत की संभावना बहुत अच्छी नहीं हैं क्योंकि न्यू जर्सी हमेशा से डेमोक्रेट समर्थक राज्य रहा है.
सीनेट के लिए दो उम्मीदवारों के अलावा भारतीय मूल के कम से कम 10 ऐसे उम्मीदवार हैं जो प्रतिनिधि सभा की दौड़ में हैं. उनमें से चार दोबारा चुनाव मैदान में हैं. ये हैं
- डेमोक्रेट राजा कृष्णमूर्ति (इलिनोइस)
- अमी बेरा (कैलिफोर्निया)
- प्रमिला जयपाल (वाशिंगटन)
- आरए खन्ना (कैलिफोर्निया).
चुनावी मैदान में उतरे अन्य लोगों में रिपब्लिकन
- रितेश टंडन ( कैलिफोर्निया में खन्ना के विरोध में उतरे )
- निशा शर्मा ( कैलिफोर्निया )
- मंगा अनंतमतुला (वर्जीनिया )
- डेमोक्रेट्स में कुलकर्णी (टेक्सास )
- डॉ. हिरेस टिपिरनेनी (एरिज़ोना )
- ऋषि कुमार (कैलिफोर्निया )
भारतीय अमेरिकी प्रवासियों की संख्या 40 लाख से अधिक है. उनके वोटों को लेकर उत्सुकता बनी हुई है और राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवार बिडेन व राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप वोट मांग रहे हैं.
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तीन नवंबर के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम में भारतीय अमेरिकियों के वोटों की अहम भूमिका होने की उम्मीद है. पर्यवेक्षकों के अनुसार भारतीय अमेरिकी मतदाताओं वोट प्रमुख स्विंग वाले राज्यों में बेहद महत्वपूर्ण होंगे जहां ट्रंप ने 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में केवल 10 से 40 हजार के अंतर से जीत हासिल की थी. ओपिनियन पोल में बिडेन की जीत की एक अच्छी संभावना जताई गई है, जबकि कोविड-19 महामारी और अर्थव्यवस्था व पर्यावरण से जुड़े मुद्दों से निपटने में नाकामी के लिए ट्रंप की काफी आलोचना की गई है. रियल क्लियर पॉलिटिक्स के आंकड़ों के आधार पर फाइनेंशियल टाइम्स के नवीनतम पोल ट्रैकर से पता चलता है कि डेमोक्रेट उम्मीदवार बिडेन 538 में से 272 इलेक्टोरल कॉलेज वोट जीत सकते हैं जबकि ट्रंप केवल 125 का इंतजाम कर सकते हैं. जीतने वाले उम्मीदवार को 538 वोटों में से 270 की जरूरत है.
(अरूणिम भुयान)