वाशिंगटन : रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि अमेरिकी सेना अफगानिस्तान में संभावित खतरों के मद्देनजर अमेरिकियों एवं अन्य लोगों को निकालने के लिए उन्हें काबुल हवाईअड्डे तक लाने के नए तरीके खोज रही है. वहीं, अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने रविवार कहा कि वह अफगानिस्तान से निकाले गए लोगों को अन्य स्थानों पर पहुंचाने के लिए छह वाणिज्यिक विमानन कंपनियों से औपचारिक रूप से सहायता मांग रहा है.
ऑस्टिन ने एबीसी के 'दिस वीक' कार्यक्रम में कहा कि अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा दी गई समय सीमा 31 अगस्त करीब आ रही है, ऐसे में वह इसकी अवधि बढ़ाने की सिफारिश करेंगे.अभी भी कई हजार अमेरिकी नागरिकों एवं अन्य लोगों को अफगानिस्तान से निकाला जाना बाकी है.
अमेरिकी दूतावास ने शनिवार को एक नई सुरक्षा चेतावनी जारी करते हुए नागरिकों से कहा था कि वे काबुल हवाईअड्डे के द्वार पर सुरक्षा खतरों को देखते हुए "अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधि के व्यक्तिगत निर्देश" के बिना वहां नहीं आएं.
अधिकारियों ने आईएस के खतरे के बारे में विस्तार से जानकारी देने से इनकार किया, लेकिन कहा कि यह खतरा बड़ा है. उन्होंने कहा कि अभी तक आईएस के किसी हमले की पुष्टि नहीं हुई है. इस दौरान ऑस्टिन ने कहा, 'हम अफगानिस्तान से निकलने के इच्छुक प्रत्येक व्यक्ति, प्रत्येक अमेरिकी नागरिक को बाहर निकालने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. हमें लगता है कि हमें अमेरिकी नागरिकों को बाहर निकालने और उनसे संपर्क करने के नए तरीकों की तलाश जारी रखनी होगी ताकि उन्हें हवाईअड्डे तक सुरक्षित लाया जा सके.
इस बीच, अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने 'सिविल रिजर्व एयर फ्लीट' कार्यक्रम के प्रारंभिक चरण की शुरुआत कर दी है, जिसमें 18 विमान मांगे गए हैं. इनमें अमेरिकन एयरलाइन, एटलस एयर, डेल्टा एयरलाइन और ओमनी एयर से तीन-तीन जबकि हवाइन एयरलाइन से दो और यूनाइटेड एयरलाइन से पांच विमान मांगे गए हैं.
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पेंटागन के प्रेस सचिव जॉन किर्बी ने कहा कि विभाग को विमान उपलब्ध कराए जाने की सूरत में वाणिज्यिक उड़ानों पर बड़े प्रभाव की आशंका नहीं है. किर्बी के अनुसार, ये विमान काबुल स्थित हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उड़ान नहीं भरेंगे.
उन्होंने कहा कि काबुल छोड़ने के बाद यात्रियों को अन्य स्टेशनों से ले जाने के लिए इन विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे अमेरिकी सेना अफगानिस्तानी हिस्से से लोगों की निकासी पर ध्यान केंद्रित कर पाएगी.
(पीटीआई-भाषा)