वॉशिंगटन: अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को पूरी तरह निकाल लिया है. यूएस जनरल केनेथ एफ मैकेंजी ने इस बात की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि वे अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के पूरा होने और अमेरिकी नागरिकों और अफगानों को निकालने के लिए सैन्य मिशन की समाप्ति की घोषणा करते हैं. जनरल ने कहा कि अंतिम सी-17 विमान को हामिद करजई हवाई अड्डे से 30 अगस्त को दोपहर 3:29 बजे रवाना किया गया.
इसके अलावा अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपनी राजनयिक उपस्थिति को भी खत्म कर दिया और वह कतर में शिफ्ट हो गया है. न्यूज़ एजेंसी एएफपी ने अमेरिकी के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के हवाले से ये बात कही. ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका हर उस अमेरिकी की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहता है.
यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल फ्रैंक मैकेंजी ने क्या कहा,देखें वीडियो
अफगानिस्तान से सैन्य निकासी पूरी होने की घोषणा के साथ ही जनरल केनेथ एफ मैकेंजी कहा कि जबकि सैन्य निकासी पूरी हो गई है, अतिरिक्त अमेरिकी नागरिकों और अफगानों को सुनिश्चित करने के लिए राजनयिक मिशन जारी है. बता दें कि अमेरिका ने अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से पूरी तरह निकालने के लिए 31 अगस्त तक की समयसीमा तय की थी.
अफगानिस्तान छोड़ने वाले आखिरी अमेरिकी सैनिक
अमेरिकी रक्षा विभाग ने ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान छोड़ने वाले आखिरी अमेरिकी सैनिक- मेजर जनरल क्रिस डोनह्यू, 30 अगस्त को सी-17 विमान में सवार हुए, जो काबुल में अमेरिकी मिशन के अंत का प्रतीक है.'
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Now our 20-year military presence in Afghanistan has ended. I want to thank our commanders for their execution of the dangerous retrograde from Afghanistan as scheduled in early morning hours of Aug 31, Kabul time with no further loss of American lives: US President Joe Biden pic.twitter.com/3bsBcHwYPn
— ANI (@ANI) August 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अब अफगानिस्तान में हमारी 20 साल की सैन्य उपस्थिति समाप्त हो गई है. मैं अपने कमांडरों को अफगानिस्तान से खतरनाक निकासी के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं. जैसा कि 31 अगस्त सुबह का समय निर्धारित किया गया था.
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The past 17 days have seen our troops execute the largest airlift in US history, evacuating over 120,000 US citizens, citizens of our allies, and Afghan allies of the United States: President Joe Biden
— ANI (@ANI) August 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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जो बाइडेन ने कहा कि यूएन सिक्योरिटी काउंसिल का प्रस्ताव एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान से आगे बढ़ने की अपेक्षा करता है, विशेष रूप से यात्रा की स्वतंत्रता को लेकर. तालिबान ने सुरक्षित मार्ग पर प्रतिबद्धता जताई है और दुनिया उन्हें अपनी प्रतिबद्धताओं पर कायम रखेगी. इसमें अफगानिस्तान में चल रही कूटनीति...जो लोग अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं उनके लिए निरंतर प्रस्थान के लिए हवाई अड्डे को फिर से खोलने के लिए भागीदारों के साथ समन्वय शामिल होगी.”
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Tomorrow afternoon, I will address the people on my decision not to extend our presence in Afghanistan beyond 8/31. It was the unanimous recommendation of the Joint Chiefs and of all of our commanders on the ground to end our airlift mission as planned: US President Joe Biden pic.twitter.com/2nwY4qUAaz
— ANI (@ANI) August 30, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ये भी कहा कि मैंने विदेश मंत्री से कहा है कि वे अपने अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ निरंतर समन्वय का नेतृत्व करें ताकि किसी भी अमेरिकी, अफगान भागीदारों और विदेशी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जा सके जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं. इसमें आज पारित यूएनएससी प्रस्ताव शामिल होगा.
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने भारत की मौजूदा अध्यक्षता में सोमवार को अफगानिस्तान के हालात पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें मांग की गई है कि युद्ध प्रभावित देश का इस्तेमाल किसी देश को डराने या हमला करने या आतंकवादियों को पनाह देने के लिए नहीं किया जाए.