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इथियोपिया चुनाव : सत्तारूढ़ प्रोसपैरिटी पार्टी को मिला भारी बहुमत - सत्तारूढ़ प्रोसपैरिटी पार्टी

इथियोपिया की सत्तारूढ़ प्रोसपैरिटी पार्टी को पिछले महीने संपन्न हुए राष्ट्रीय चुनाव में शनिवार को भारी बहुमत से विजेता घोषित किया गया. सत्तारूढ़ दल ने संघीय संसद की 436 सीटों के लिए हुए चुनाव में से 410 सीटों पर जीत हासिल की है.

इथियोपिया चुनाव
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Published : Jul 11, 2021, 5:10 AM IST

अदीस अबाबा : इथियोपिया की सत्तारूढ़ प्रोसपैरिटी पार्टी को पिछले महीने संपन्न हुए राष्ट्रीय चुनाव में शनिवार को भारी बहुमत से विजेता घोषित किया गया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री अबिये अहमद के पांच वर्ष के दूसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है.

इथियोपिया के राष्ट्रीय चुनाव बोर्ड ने घोषणा की कि सत्तारूढ़ दल ने संघीय संसद की 436 सीटों के लिए हुए चुनाव में से 410 सीटों पर जीत हासिल की है. कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में अशांति या तकनीकी कारणों से मतदान नहीं होने के बाद दर्जनों अन्य सीटें खाली रह जाएंगी.

मतदान अबिये के लिए एक परीक्षा था, जो व्यापक विरोध के बीच पूर्व प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने के बाद अप्रैल 2018 में सत्ता में आया थाअबिये ने नाटकीय राजनीतिक सुधारों का निरीक्षण किया, लेकिन आलोचकों का कहना है कि वह राजनीतिक और मीडिया की स्वतंत्रता पर कुछ वादों से पीछे हट रहे हैं. उन्होंने टाइग्रे क्षेत्र में संघर्ष से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना भी की है जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं.

पढ़ें- दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति को जेल भेजे जाने पर हिंसक घटनाएं

बता दें कि जून में होने वाले मतादान को कोविड-19 महामारी और रसद मुद्दों के कारण दो बार स्थगित किया गया था.इथियोपिया में अक्टूबर के महीने तक नयी सरकार का गठन होने की उम्मीद है.

अदीस अबाबा : इथियोपिया की सत्तारूढ़ प्रोसपैरिटी पार्टी को पिछले महीने संपन्न हुए राष्ट्रीय चुनाव में शनिवार को भारी बहुमत से विजेता घोषित किया गया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री अबिये अहमद के पांच वर्ष के दूसरे कार्यकाल का रास्ता साफ हो गया है.

इथियोपिया के राष्ट्रीय चुनाव बोर्ड ने घोषणा की कि सत्तारूढ़ दल ने संघीय संसद की 436 सीटों के लिए हुए चुनाव में से 410 सीटों पर जीत हासिल की है. कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में अशांति या तकनीकी कारणों से मतदान नहीं होने के बाद दर्जनों अन्य सीटें खाली रह जाएंगी.

मतदान अबिये के लिए एक परीक्षा था, जो व्यापक विरोध के बीच पूर्व प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने के बाद अप्रैल 2018 में सत्ता में आया थाअबिये ने नाटकीय राजनीतिक सुधारों का निरीक्षण किया, लेकिन आलोचकों का कहना है कि वह राजनीतिक और मीडिया की स्वतंत्रता पर कुछ वादों से पीछे हट रहे हैं. उन्होंने टाइग्रे क्षेत्र में संघर्ष से निपटने के लिए बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय आलोचना भी की है जिसमें हजारों लोग मारे गए हैं.

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बता दें कि जून में होने वाले मतादान को कोविड-19 महामारी और रसद मुद्दों के कारण दो बार स्थगित किया गया था.इथियोपिया में अक्टूबर के महीने तक नयी सरकार का गठन होने की उम्मीद है.

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