कोलकाता: देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान में से एक 'पद्म भूषण’ से सम्मानित प्रख्यात शास्त्रीय नृत्यांगना मल्लिका साराभाई बीते रविवार (15 जनवरी) को कोलकाता में एक साहित्य समारोह में पहुंची थीं, जहां उन्होंने देश में 'आदर्शों के पूर्ण विनाश' पर आपत्ति जताई. उन्होंने आरोप लगाया है कि हिंदू धर्म के नाम पर देशवासियों पर 'हिंदुत्व’ की विचारधारा' को जबरन थोपा जा रहा है.
कोलकाता में एपीजे कोलकाता साहित्य समारोह (Apeejay Kolkata Literary Festival 2023) के समापन दिवस पर मल्लिका साराभाई ने अपने करियर के सफर के बारे में जिक्र किया. वहीं, हिंदूत्व के बारे में उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म में सवाल पूछने की कोई मनाही नहीं है. मल्लिका साराभाई ने कहा, 'आज मैं अपने आसपास जो कुछ भी देख रही हूं, वह मुझे पूरी तरह से तोड़ रहा है. मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि भारत में हमारे आदर्शों का पूर्ण विनाश होगा और सारे लोग एडवरटाइजिंग और ब्रांड की चमक में अंधे हो जाएंगे.'
साराभाई ने बताया, ' वास्तव में, कोलकाता आकर विभिन्न धर्मों के लोगों को साथ में रहते देख बहुत अच्छा लग रहा है. मुझे गुजरात में और अहमदाबाद में ऐसा नहीं दिखा.' साराभाई ने दावा किया कि उनके कई दोस्त जेल में हैं और वे सवाल पूछने के लिए मुकदमों का सामना कर रहे हैं.
उनका इशारा हाल-फिलहाल में कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की तरफ था. साराभाई ने कहा, 'हिंदू धर्म सवाल पूछने के बारे में है, जैसा कि हमारे शास्त्रों में बताया गया है. लेकिन दुर्भाग्य से हिंदू धर्म के नाम पर हमें हिंदुत्व का ज्ञान दिया जाता है और उसे लोगों पर थोपा जाता है.'
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