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ट्विन टावर से निकलेगा साढ़े तीन हजार टन स्क्रैप, प्रोजेक्ट मैनेजर ने बताई ये अहम बात

ट्विन टावर को ध्वस्त करने वाली एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने क्या खास जानकारी दी है, पढ़िए इस रिपोर्ट में.

एटीएस और एंब्रॉयड बिल्डिंग के कुछ पिलरों में दरार
एटीएस और एंब्रॉयड बिल्डिंग के कुछ पिलरों में दरार
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Published : Sep 2, 2022, 10:25 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान लगाए गए वाइब्रेशन के पैमाने को नापने वाले ब्लैक बॉक्स सुरक्षित निकाल लिए गए हैं. बताया जा रहा है कि ट्विन टावर के मलवे में से करीब साढे़ तीन हजार टन स्क्रैप निकलेगा. इसे तीन महीने के अंदर निस्तारित किया जाएगा.

एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने ईटीवी भारत को बताया कि सुरक्षा के सभी मानकों को ध्यान में रख कर ट्विन टावर के मलवे को तोड़ने का काम किया जा रहा है. मौके पर पॉपलिन चलने से काफी आवाज उठ रही है, इसको लेकर भी विचार किया जा रहा है. आसपास सोसाइटी के रहने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े इसको लेकर योजना बनाई जा रही है.

ग्राउंड रिपोर्ट

इसे भी पढ़ें: ट्विन टावर के मलबे से बनेगा नोएडा का फुटपाथ

उन्होंने बताया कि एटीएस और एंब्रॉयड बिल्डिंग के कुछ पिलरों में दरार आने की जानकारी हुई है, जिसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि जान और माल दोनों का ही पूर्व में इंश्योरेंस कराया गया है, जो भी क्षति पहुंचेगी उसकी भरपाई जरूर की जाएगी. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में अत्यधिक मजदूरों को लगाकर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. मलबे के अंदर अभी भी 10 ब्लैक बॉक्स फंसे हुए हैं, जिनको निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

वहीं, मलबा हटाए जाने के संबंध में नोएडा के सीनियर पत्रकार दिनेश शर्मा का कहना है कि एडिफिस के लिए काफी चैलेंजिंग का काम है मलबे को तोड़ना और तीन महीने के अंदर यहां से उसको हटाना. साथ ही मलबे से निकलने वाले स्क्रैप को अलग करना और फिर उसे गैस कटर की मदद से छोटे-छोटे पार्ट में इकट्ठा करना. यह काफी मुश्किल भरा रहने वाला है. ध्वनि प्रदूषण को लेकर सोसाइटी के लोग विरोध भी कर सकते हैं.

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नई दिल्ली/नोएडा: ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण के दौरान लगाए गए वाइब्रेशन के पैमाने को नापने वाले ब्लैक बॉक्स सुरक्षित निकाल लिए गए हैं. बताया जा रहा है कि ट्विन टावर के मलवे में से करीब साढे़ तीन हजार टन स्क्रैप निकलेगा. इसे तीन महीने के अंदर निस्तारित किया जाएगा.

एडिफिस कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर मयूर मेहता ने ईटीवी भारत को बताया कि सुरक्षा के सभी मानकों को ध्यान में रख कर ट्विन टावर के मलवे को तोड़ने का काम किया जा रहा है. मौके पर पॉपलिन चलने से काफी आवाज उठ रही है, इसको लेकर भी विचार किया जा रहा है. आसपास सोसाइटी के रहने वाले लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना ना करना पड़े इसको लेकर योजना बनाई जा रही है.

ग्राउंड रिपोर्ट

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उन्होंने बताया कि एटीएस और एंब्रॉयड बिल्डिंग के कुछ पिलरों में दरार आने की जानकारी हुई है, जिसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है. उन्होंने यह भी बताया कि जान और माल दोनों का ही पूर्व में इंश्योरेंस कराया गया है, जो भी क्षति पहुंचेगी उसकी भरपाई जरूर की जाएगी. उन्होंने बताया कि आने वाले समय में अत्यधिक मजदूरों को लगाकर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा. मलबे के अंदर अभी भी 10 ब्लैक बॉक्स फंसे हुए हैं, जिनको निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

वहीं, मलबा हटाए जाने के संबंध में नोएडा के सीनियर पत्रकार दिनेश शर्मा का कहना है कि एडिफिस के लिए काफी चैलेंजिंग का काम है मलबे को तोड़ना और तीन महीने के अंदर यहां से उसको हटाना. साथ ही मलबे से निकलने वाले स्क्रैप को अलग करना और फिर उसे गैस कटर की मदद से छोटे-छोटे पार्ट में इकट्ठा करना. यह काफी मुश्किल भरा रहने वाला है. ध्वनि प्रदूषण को लेकर सोसाइटी के लोग विरोध भी कर सकते हैं.

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