नई दिल्ली/नोएडा : रियल इस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (रेरा) की ग्रेटर नोएडा बेंच ने अंसल लैंडमार्क टाउनशिप्स प्राइवेट लिमिटेड को निर्देश दिया है कि वो चार फ्लैट खरीददारों को उनकी ओर से बुक किए गए फ्लैट के बराबर मूल्य के वैकल्पिक फ्लैट की रजिस्ट्री करे. रेरा ग्रेटर नोएडा बेंच के सदस्य बलविंदर कुमार ने अंसल लैंडमार्क को निर्देश दिया कि वो 31 दिसंबर तक फ्लैट की रजिस्ट्री सुनिश्चित करें.
अंसल लैंडमार्क ने प्रोजेक्ट की रजिस्ट्रेशन नहीं होने का हवाला दिया
इसके साथ ही रेरा ने 5 मई, 2016 से फ्लैट का कब्जा दिए जाने तक फ्लैट खरीददारों को बैंक की ओर से दिए जाने वाले ब्याज से एक फीसदी ज्यादा का ब्याज अदा करने के लिए भी कहा है. हालांकि रेरा ने ब्याज की गणना के लिए 25 मार्च से लेकर 25 सितंबर तक की अवधि को शामिल नहीं किया है.
सुनवाई के दौरान अंसल लैंडमार्क की ओर से कहा गया कि उनका प्रोजेक्ट रेरा में पंजीकृत नहीं है. इसलिए रेरा को इस पर सुनवाई करने का क्षेत्राधिकार नहीं है. रेरा ने साफ कहा कि अंसल लैंडमार्क टाउनशिप्स प्राइवेट लिमिटेड उक्त परिभाषा के अंतर्गत एक प्रमोटर है. ऐसे में वो रेरा एक्ट के तहत प्रमोटर की परिभाषा में आता है.
प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी नहीं दी गई
रेरा की तकनीकी टीम ने प्रोजेक्ट का मुआयना किया और पाया कि ग्रुप हाउसिंग के अंतर्गत कई प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन इनमें से कई टावर, विलाज, प्लॉट आदि को रजिस्टर्ड नहीं करवाया गया है और प्रोजेक्ट से संबंधित पूरी जानकारी नहीं दी गई है. रेरा ने पाया कि प्रोजेक्ट से संबंधित डेवलपमेंट वर्क 65 फीसदी से 68 फीसदी तक पूर्ण हो चुके हैं. रेरा ने अंसल लैंडमार्क टाउनशिप्स प्राइवेट लिमिटेड को निर्देश दिया कि वे अपने प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन तीन महीने के अंदर करवाएं.
2011 में फ्लैट बुक कराया था
बता दें कि फ्लैट खरीददारों ने दिसंबर 2011 में अंसल के एन-एच 24, डूंडाहेड़ा में अक्वापोलिस हाउसिंग प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक करवाया था. फ्लैट खरीददारों को मई 2012 में अंसल लैंडमार्क ने फ्लैट का आबंटन पत्र दे दिया था. उसके बाद फ्लैट खरीददार उसकी ईएमआई भरते रहे.
अगस्त 2016 में इस प्रोजेक्ट की अंतिम ईएमआई भी भर दी गई थी. अंतिम ईएमआई भरने के बाद जब फ्लैट खरीददारों ने फ्लैट का कब्जा मांगा तो उन्हें कब्जा नहीं दिया गया. इसके बाद कई बार फ्लैट खरीददारों ने अंसल लैंडमार्क टाउनशिप्स प्राइवेट लिमिटेड से मिलकर अपनी समस्या बताई, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. उसके बाद फ्लैट खरीददारों ने रेरा का दरवाजा खटखटाया.