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रजिस्ट्री विभाग की बढ़ी दर, 300 करोड़ का होगा फायदा - नोएडा

निबंधन शुल्क में बदलाव किया गया है. 20 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की प्रॉपर्टी पर नया नियम लागू होगा. स्टांप विभाग के अनुसार, जिले में हर साल करीब एक लाख 20 हजार प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती हैं.

Registry department increased rate
रजिस्ट्री विभाग की बढ़ी दर
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Published : Feb 17, 2020, 2:56 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: प्रदेश सरकार ने निबंधन शुल्क में बदलाव किया गया है, इसी क्रम में गौतमबुद्ध नगर में अब 20 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की प्रॉपर्टी पर एक परसेंट निबंधन शुल्क देना होगा. पहले दो परसेंट या अधिकतम 20 हज़ार शुल्क निर्धारित था, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद से 50 लाख रुपए की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर 30 हज़ार ज्यादा देने होंगे. जिले में नए नियम लागू होने के बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि निबंधन विभाग को 300 करोड़ अधिक राजस्व मिलेगा.

रजिस्ट्री विभाग की बढ़ी दर




300 करोड़ अधिक राजस्व
गौतम बुद्ध नगर में 80% से ज्यादा रजिस्ट्री 20 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की प्रॉपर्टी की होती है. स्टांप विभाग के मुताबिक जिले में हर साल करीब 1 लाख 20 हज़ार प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती है. विभाग को पहले 1,800 करोड़ रुपए हर साल राजस्व मिलता था लेकिन नए नियम के बाद अब 300 करोड़ रुपये और ज्यादा राजस्व मिलेगा.



1% हुआ निबंधन शुल्क
गौतम बुद्ध नगर जिले में हर साल 1 लाख 20 हज़ार रजिस्ट्री होती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि निबंधन विभाग को 300 करोड़ रुपये का अधिक राजस्व मिलेगा. पहले नियमों के स्टाम्प विभाग में 2 परसेंट या अधिकतम 20 हज़ार देने होते थे. लेकिन अब 20 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की प्रॉपर्टी पर नया नियम लागू होगा.


OC और CC के चक्कर में फंसी रजिस्ट्री
बतादें कि गौतमबुद्ध नगर में फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं होने के चलते रजिस्ट्री विभाग का करोड़ों रुपये फंसा हुआ है. बिल्डर अथॉरिटी में पूरा पैसा नहीं जमा करते हैं जिसके चलते प्राधिकरण उन्हें ओसी और सीसी जारी नहीं करती और इसीलिए फ्लैटों की रजिस्ट्री रुकी हुई है.

नई दिल्ली/नोएडा: प्रदेश सरकार ने निबंधन शुल्क में बदलाव किया गया है, इसी क्रम में गौतमबुद्ध नगर में अब 20 लाख रुपए से ज्यादा कीमत की प्रॉपर्टी पर एक परसेंट निबंधन शुल्क देना होगा. पहले दो परसेंट या अधिकतम 20 हज़ार शुल्क निर्धारित था, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद से 50 लाख रुपए की प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री पर 30 हज़ार ज्यादा देने होंगे. जिले में नए नियम लागू होने के बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि निबंधन विभाग को 300 करोड़ अधिक राजस्व मिलेगा.

रजिस्ट्री विभाग की बढ़ी दर




300 करोड़ अधिक राजस्व
गौतम बुद्ध नगर में 80% से ज्यादा रजिस्ट्री 20 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की प्रॉपर्टी की होती है. स्टांप विभाग के मुताबिक जिले में हर साल करीब 1 लाख 20 हज़ार प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री होती है. विभाग को पहले 1,800 करोड़ रुपए हर साल राजस्व मिलता था लेकिन नए नियम के बाद अब 300 करोड़ रुपये और ज्यादा राजस्व मिलेगा.



1% हुआ निबंधन शुल्क
गौतम बुद्ध नगर जिले में हर साल 1 लाख 20 हज़ार रजिस्ट्री होती है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि निबंधन विभाग को 300 करोड़ रुपये का अधिक राजस्व मिलेगा. पहले नियमों के स्टाम्प विभाग में 2 परसेंट या अधिकतम 20 हज़ार देने होते थे. लेकिन अब 20 लाख रुपये से ज्यादा कीमत की प्रॉपर्टी पर नया नियम लागू होगा.


OC और CC के चक्कर में फंसी रजिस्ट्री
बतादें कि गौतमबुद्ध नगर में फ्लैट की रजिस्ट्री नहीं होने के चलते रजिस्ट्री विभाग का करोड़ों रुपये फंसा हुआ है. बिल्डर अथॉरिटी में पूरा पैसा नहीं जमा करते हैं जिसके चलते प्राधिकरण उन्हें ओसी और सीसी जारी नहीं करती और इसीलिए फ्लैटों की रजिस्ट्री रुकी हुई है.

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