नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा : करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए जिला अस्पताल में सीवर की समस्या से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सीवर जाम होने से पूरे अस्पताल परिसर में बदबू है, जिससे लोगों का हाल बेहाल है. सफाईकर्मियों ने बताया कि सीवर जाम की समस्या से इस प्रकार की स्थिति निर्मित होती. इसके संबंध में उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है लेकिन कोई सुनने वाली नहीं है.
सफाई कर्मचारी का कहना है कि करीब 2 साल से सीवर जाम है. कोरोना के दौर में अस्पताल बंद होने की वजह से मामला दबा रहा, लेकिन मरीजों के आने से और बारिश होने के कारण अस्पताल की छतों से पानी टपकने लगा. वहीं पैथोलॉजी एरिया में शौचालय और लिंटर की बुरी स्थिति है. यहां पर रोजोना सैकड़ों की संख्या में मरीज आते हैं.
ये भी पढ़ें- फिर चला प्राधिकरण का बुलडोजर, ढहाये गए दो दर्जन दुकान
नोएडा सेक्टर 30 में 600 करोड़ की लागत से बने इस हॉस्पिटल की छत से पानी टपक रहा है. जहां-तहां गंदगी ही गंदगी फैली है. जिससे मरीज और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हॉस्पिटल में सफाई का काम करने वाले कर्मचारियों का कहना है कि इन सभी समस्याओं के बारे में उच्च अधिकारियों को जानकारी दी गई है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई.
ये भी पढ़ें- नोएडा: डीसीपी महिला सुरक्षा ने किया महिला बंदी सुधार गृह का औचक निरीक्षण
14 अक्टूबर 2011 को उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती द्वारा अपने ड्रीम प्रोजेक्ट नोएडा के सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल का लोकार्पण किया गया था. जब तक मायावती की सरकार रही तब तक नोएडा प्राधिकरण अस्पताल की देखरेख और उसका मेंटेनेंस, बिल्डिंग बनाने का काम सब कुछ किया गया. सरकार बदलने के बाद अस्पताल का नाम बदलकर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर से राजकीय जिला चिकित्सालय रख दिया गया.