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ओवर स्पीड गाड़ियों पर स्पीड गन से रखी जा रही है नजर - नोएडा ट्रैफिक विभाग

नोएडा में ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहनों की गति पर लगाम लगाने के लिये स्पीड गन का प्रयोग किया जा रहा है. इसका मकसद हादसों पर लगाम लगाना है.

नोएडा ट्रैफिक पुलिस
नोएडा ट्रैफिक पुलिस
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Published : Nov 17, 2021, 8:59 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः अक्सर देखा जाता है कि लोग जैसे ही हाईवे पर गाड़ी लेकर पहुंचते हैं, तो उनकी रफ्तार तेज (Over speeding vehicles)हो जाती है. इसके चलते आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. इस तरह के हादसों और लोगों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए नोएडा ट्रैफिक विभाग (noida traffic police) द्वारा जगह-जगह स्पीड गन (speed gun) से नजर रख रहा है. ट्रैफिक विभाग द्वारा उन गाड़ियों को स्पीड गन के माध्यम से चिह्नित किया जाता है, जिनकी रफ्तार निर्धारित गति से ज्यादा होती है. इसके बाद इन वाहन चालकों का चालान किया जाता है.

यमुना एक्सप्रेस-वे, पेरीफेरल और एलिवेटेड रोड, जिन जगहों पर ट्रैफिक विभाग द्वारा कैमरे नहीं लगवाए गए हैं और रेड लाइट नहीं होती है. ऐसे रोड पर गाड़ियों की रफ्तार निर्धारित गति से काफी तेज रहती है. इसके चलते आए दिन हाईवे पर हादसे होते रहते हैं. ऐसे हादसों पर रोक और गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नोएडा ट्रैफिक विभाग द्वारा पहल शुरू की गई है. इसके तहत स्पीड गन के माध्यम से जगह-जगह पर वाहनों की स्पीड की जांच की जा रही है.

ये भी पढ़ें-सुपरटेक के कई ठिकानों पर ईडी का छापा


डीसीपी, ट्रैफिक गणेश प्रसाद ने ईटीवी भारत को बताया कि अब तक सर्वे में यही सामने आया है कि ओवर स्पीड से सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं, जिसमें लोगों की मौत भी हुई है, जिन जगहों पर कैमरे उपलब्ध नहीं हैं, उन जगहों पर स्पीड गन का प्रयोग किया जा रहा है. अलग-अलग हाईवे और रोड पर स्पीड निर्धारित है, जिसके आधार पर वाहनों के चालान काटे जाते हैं और लोगों को हिदायत भी दी जा रही है.

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नई दिल्ली/नोएडाः अक्सर देखा जाता है कि लोग जैसे ही हाईवे पर गाड़ी लेकर पहुंचते हैं, तो उनकी रफ्तार तेज (Over speeding vehicles)हो जाती है. इसके चलते आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. इस तरह के हादसों और लोगों की रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए नोएडा ट्रैफिक विभाग (noida traffic police) द्वारा जगह-जगह स्पीड गन (speed gun) से नजर रख रहा है. ट्रैफिक विभाग द्वारा उन गाड़ियों को स्पीड गन के माध्यम से चिह्नित किया जाता है, जिनकी रफ्तार निर्धारित गति से ज्यादा होती है. इसके बाद इन वाहन चालकों का चालान किया जाता है.

यमुना एक्सप्रेस-वे, पेरीफेरल और एलिवेटेड रोड, जिन जगहों पर ट्रैफिक विभाग द्वारा कैमरे नहीं लगवाए गए हैं और रेड लाइट नहीं होती है. ऐसे रोड पर गाड़ियों की रफ्तार निर्धारित गति से काफी तेज रहती है. इसके चलते आए दिन हाईवे पर हादसे होते रहते हैं. ऐसे हादसों पर रोक और गाड़ियों की रफ्तार पर लगाम लगाने के उद्देश्य से नोएडा ट्रैफिक विभाग द्वारा पहल शुरू की गई है. इसके तहत स्पीड गन के माध्यम से जगह-जगह पर वाहनों की स्पीड की जांच की जा रही है.

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डीसीपी, ट्रैफिक गणेश प्रसाद ने ईटीवी भारत को बताया कि अब तक सर्वे में यही सामने आया है कि ओवर स्पीड से सबसे ज्यादा हादसे हुए हैं, जिसमें लोगों की मौत भी हुई है, जिन जगहों पर कैमरे उपलब्ध नहीं हैं, उन जगहों पर स्पीड गन का प्रयोग किया जा रहा है. अलग-अलग हाईवे और रोड पर स्पीड निर्धारित है, जिसके आधार पर वाहनों के चालान काटे जाते हैं और लोगों को हिदायत भी दी जा रही है.

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