नई दिल्ली: दुष्कर्म से बदरंग हुए जीवन में रंग भरने के लिए जिला गौतमबुद्ध नगर की पुलिस ने एक नई पहल की शुरुआत की. जिसका नाम पुलिस सखी रखा गया है. जिले में महिला पुलिसकर्मी काउंसलर बनकर दुष्कर्म पीड़िता का हौसला बढ़ाएंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगी. दरअसल, देखा जाए तो बच्चों-युवतियों के साथ कोई हैवानियत की घटना को अंजाम देता है तो बहुत से पीड़ित अवसाद में चलते समाज परिवार से कट जाते हैं. ऐसे में महिला पुलिसकर्मी इनको को बाहर निकालने के लिए पुलिस ने यह पहल शुरू की है.
'दुष्कर्म पीड़ितों को मुख्यधारा में जोड़ना उद्देश्य'
डीसीपी महिला सुरक्षा वृंदा शुक्ला ने बताया कि यह एक नई शुरुआत की गई है जिसमें जो बच्चे-युवती रेप से पीड़ित हैं. जो अवसाद में चले गए हैं उन्हें कैसे बाहर लाया जाए इसके लिए पुलिस ने 20 महिला पुलिसकर्मियों की टीम बनाई है. इसमें 15 उपनिरीक्षक है और पांच काउंसलर है यह 15 उप-निरीक्षक केस के विवेचक भी है. पुलिसकर्मियों को मनोचिकित्सक ट्रेनिंग दे रहे हैं कि कैसे काउंसिल कर पीड़ित को अवसाद कैसे बाहर निकालना है. जनपद में जो रेप के पीड़ित हैं उन्हें चिन्हित करके उनके परिवार के पास काउंसलर तीन से चार बार जाएंगे और जो पीड़ित हैं. उनकी काउंसलिंग करेंगे और उनको फिर जीवन की मुख्यधारा में लाने की कोशिश करेंगे.
'परिवारजनों से मिलेंगी महिला पुलिसकर्मी'
काउंसलिंग सेशन को तीन सत्रों में बांटा गया है. दुष्कर्म पीड़िता ने कैसे अपने साथ हुए अपराध के आघात को कम कर सकती हैं, किस तरह उनका हौसला बढ़ा कर जीवन में सफल होने के लिए प्रेरित किया जा सकता है और खास तौर पर परिजनों को इस बात के लिए तैयार करना कि वह पीड़िता को बार-बार उस घटना की याद दिलाएं. यह प्रशिक्षण गौतमबुद्ध नगर पुलिस की नई सेवा पुलिस सखी के तहत दिया गया है.