नई दिल्ली/नोएडा : देशभर में अग्निपथ को लेकर लगातार विरोध-प्रदर्शन हो रहा है. भारत बंद का ऐलान भी किया गया. इन सबके बीच नोएडा पुलिस और पूर्व सैनिकों ने एक अच्छी पहल की है. नोएडा पुलिस और आर्मी वेटरन ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता करके अग्निपथ को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर किया है. उन्होंने बताया कि अग्निपथ योजना में क्या है लाभदायक.
नोएडा पुलिस व आर्मी वेटरन की संयुक्त प्रेस वार्ता में नोएडा पुलिस से एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह मौजूद रहे. वहीं आर्मी वेटेरन कर्नल आईपी सिंह, कर्नल एसके वोहरा, कर्नल आरके भूषण, कर्नल एसके श्रीवास्तव व कर्नल शैलेन्द्र सिंह मौजूद रहे. इस दौरान कर्नल शैलेंद्र, एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह और अन्य आर्मी वेटरन में अग्निपथ के बारे में भ्रांतियों को दूर करने की कोशिश की. सबसे पहले इस बात का जवाब दिया कि आखिर 4 साल के लिए ही अग्निवीर क्यों रखे जाएंगे.
इस सवाल पर आर्मी वेटरन के कहा कि भारत को यंग आर्मी की जरूरत है. दुनियाभर के बड़े देशों में ऐसे सिस्टम चलते आ रहे हैं. ऐसे में भारत में भी इसकी जरूरत थी. इसके बाद आर्मी वेटरन ने बताया कि 25% जवानों को वापस रख लिया जाएगा. 75% को इतना ट्रेंड कर दिया जाएगा कि आगे रिटायर होकर भी कई जगह जा सकते हैं. उनको कई सशस्त्र बल, PSU, बैंक में प्राथमिकता दी जाएगी.
आर्मी वेटरन ने आगे कहा कि पहले हाथ और तलवारों के साथ युद्ध लड़ा जाता था. अब जमाना टेक्निकल लड़ाई का है. फौज को जवान रखना बेहद जरूरी है. 30 से 35 साल में 80% तक रिटायर हो जाते हैं. ऐसे में इस सिस्टम को खत्म करना जरूरी था.
इसके साथ ही आर्मी वेटरन ने इस सवाल का जबाब दिया कि जिन युवाओं ने फिजिकल या मेडिकल पिछले रिक्रूटमेंट पास कर लिया है और उम्र अब बची नहीं है. उनके लिए आखिर आगे क्या होगा. उनके भविष्य को लेकर एक बड़ी चिंता है. इस सवाल पर आर्मी वेटरन ने कहा कि सरकार ने उम्र सीमा 17 साल से 21 साल की बजाए 23 साल कर दिया है. ऐसे में क्योंकि वह पहले ही फिजिकल या मेडिकल में पास हो चुके हैं तो दोबारा उन्हें पास होने में कोई दिक्कत नहीं होगी.
आर्मी वेटरन ने कहा कि जो भी जवान भारतीय सेना में जाना चाहते हैं, वो इतने डिसिप्लिन्ड होते हैं कि इस तरह की हरकत कर ही नहीं सकते. जो भी लोग इस तरह की हरकत कर रहे हैं. वह भारतीय सेना के लायक नहीं हैं. इसलिए अगर फौज में जाना है तो इस तरह की हिंसा में जाने से बचना चाहिए. हिंसा के बारे में बात करते हुए एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने कहा कि जो लोग भी हिंसा में शामिल हुए हैं. पुलिस उनकी पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर कार्रवाई कर रही है. ऐसे में एक बार एफआईआर में नाम चढ़ने के बाद पुलिस वेरिफिकेशन के दौरान उन्हें कहीं भी नौकरी नहीं मिलेगी. इसलिए जो युवा हिंसा या विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, उन्हें इससे बचना चाहिए.