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भूमि अधिग्रहण और विकास की ऐसी कहानी, जहां अदालतों में लड़ने को मजबूर हैं किसान! - उत्तर प्रदेश का शो विंडो

नोएडा में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार जमीन अधिग्रहण कर रही है. इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने सिर्फ कोरोना काल में ही 100 एकड़ से ज़्यादा जमीन का अधिग्रहण किया. लेकिन किसान इसके विरोध में है. उनका आरोप है कि उनको उनका हक नहीं मिल रहा है. देखिए ये खास रिपोर्ट...

land acquisition noida
किसानों की जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद
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Published : Nov 12, 2020, 10:44 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 1:42 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा को उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाता है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी लगातार नोएडा में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार जमीन अधिग्रहण कर रही है. विकास कार्यों को गति देने के लिए संबंधित विभाग भी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इसी कड़ी में नोएडा अथॉरिटी ने कोविड काल में ही 100 एकड़ से ज़्यादा जमीन का अधिग्रहण किया और 5 हज़ार करोड़ के विकास कार्यों को रफ्तार देने में प्राधिकरण के अधिकारी जुटे हुए हैं. ऐसे में किसानों का 'विकास' हो इस बात का भी ख्याल अथॉरिटीज को रखना होगा.

किसानों की जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया

सबसे पहले धारा 4 के तहत जमीन नोटिफाइड की जाती है. फिर धारा 6 के तहत मुआवज़ा देना शुरू किया जाता है. जमीन का अवार्ड कर जमीन पर अधिग्रहण किया जाता है. जो किसान मुआवजा नहीं उठाते हैं और उन्हें आपत्ति होती है तो वह कोर्ट चले जाते हैं. ऐसे में अथॉरिटी मुआवजा जिला प्रशासन के कोष में जमा कर देता है. उसके बाद वक्त में मुआवजा अगर किसान नहीं उठाते हैं तो ट्रेजरी से मुआवजा डिस्ट्रिक्ट जज के यहां जमा कर दिया जाता है.

Noida authority
नोएडा अथॉरिटी के नए प्रोजेक्ट पर विवाद

हालांकि नोएडा में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजे को लेकर कई दिनों से कई गांवों के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि उनकी जमीनों का उचित मुआवजा नहीं दिया गया.

Noida authority
नोएडा अथॉरिटी के नए प्रोजेक्ट

जबकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राजेश उपाध्याय का आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण किसानों को उनका हक नहीं दे रही है. किसानों का हक और उनका मुआवजा प्राधिकरण ने रोक रखा है.

Noida authority
नोएडा अथॉरिटी के नए प्रोजेक्ट

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा को उत्तर प्रदेश का शो विंडो कहा जाता है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भी लगातार नोएडा में विकास कार्यों को गति देने के लिए सरकार जमीन अधिग्रहण कर रही है. विकास कार्यों को गति देने के लिए संबंधित विभाग भी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इसी कड़ी में नोएडा अथॉरिटी ने कोविड काल में ही 100 एकड़ से ज़्यादा जमीन का अधिग्रहण किया और 5 हज़ार करोड़ के विकास कार्यों को रफ्तार देने में प्राधिकरण के अधिकारी जुटे हुए हैं. ऐसे में किसानों का 'विकास' हो इस बात का भी ख्याल अथॉरिटीज को रखना होगा.

किसानों की जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद

जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया

सबसे पहले धारा 4 के तहत जमीन नोटिफाइड की जाती है. फिर धारा 6 के तहत मुआवज़ा देना शुरू किया जाता है. जमीन का अवार्ड कर जमीन पर अधिग्रहण किया जाता है. जो किसान मुआवजा नहीं उठाते हैं और उन्हें आपत्ति होती है तो वह कोर्ट चले जाते हैं. ऐसे में अथॉरिटी मुआवजा जिला प्रशासन के कोष में जमा कर देता है. उसके बाद वक्त में मुआवजा अगर किसान नहीं उठाते हैं तो ट्रेजरी से मुआवजा डिस्ट्रिक्ट जज के यहां जमा कर दिया जाता है.

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नोएडा अथॉरिटी के नए प्रोजेक्ट पर विवाद

हालांकि नोएडा में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया और मुआवजे को लेकर कई दिनों से कई गांवों के किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों का आरोप है कि उनकी जमीनों का उचित मुआवजा नहीं दिया गया.

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नोएडा अथॉरिटी के नए प्रोजेक्ट

जबकि भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष राजेश उपाध्याय का आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण किसानों को उनका हक नहीं दे रही है. किसानों का हक और उनका मुआवजा प्राधिकरण ने रोक रखा है.

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नोएडा अथॉरिटी के नए प्रोजेक्ट
Last Updated : Nov 13, 2020, 1:42 PM IST
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