नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा के चर्चित निठारी कांड के 15वें केस में आरोपी सुरेंद्र कोली को CBI की विशेष अदालत ने गुरुवार को बरी कर दिया है. CBI कोर्ट ने सबूतों के अभाव में कोली को बरी किया है. सुरेंद्र कोली पर एक मासूम बच्चे के अपहरण के बाद हत्या और साक्ष्य मिटाने का आरोप था.
जानकारी के मुताबिक, यह बच्चा 27 अप्रैल 2006 को लापता हो गया था, जिसके संबंध में स्थानीय थाने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी. सालों तक चली बहस के बाद CBI कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को सबूतों के अभाव में बरी किया है. निठारी कांड में कोली के खिलाफ कुल 17 मामले दर्ज हैं. अब तक 12 मामलों में CBI Court कोली को फांसी की सज़ा सुना चुका (death sentence to surendra koli) है. बीते शुक्रवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 14वें मामले में भी कोली को बरी कर दिया था.
बीते वर्ष जनवरी 2021 में निठारी कांड के 12वें मामले में गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने दोषी सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई थी. भारत के इतिहास में सुरेंद्र कोली पहला ऐसा व्यक्ति है, जिसको 12वीं बार फांसी की सजा मुकर्रर की गई है. कोर्ट ने 12वें मामले में सुरेंद्र कोली पर 70 हजार का जुर्माना भी लगाया था.
29 दिसंबर 2006 को नोएडा सेक्टर 31 के कोठी नंबर 5 में 19 नरकंकाल मिले थे. 19 नरकंकाल जिसमें 1 बालिग, 5 मासूम बच्चे और बाकी सब नाबालिग लड़कियां थीं. उनका अपहरण कर रेप करने के बाद हत्या कर दी गई. फिर शव के साथ रेप किया. इसके बाद सुरेंद्र कोली उनका मांस काटकर खा गया. देश और दुनिया इसे निठारी कांड के नाम से जानती है.