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ग्रेटर नोएडा वासियों को जल्द मिलेगा गंगाजल, मास्टर रिजर्व वायर तक बिना लीकेज पहुंचा जल

लम्‍बे समय से गंगाजल परियोजना के पूर्ण होने और घर तक गंगाजल आने का इंतजार कर रहे ग्रेटर नोएडावासियों के लिए खुशखबरी है. घरों तक गंगाजल पहुंचाने की परियोजना शुक्रवार को एक कदम और बढ़ गई. पहली बार ग्रेटर नोएडा के जैतपुर स्थित मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल पहुंच गया है. दो माह तक परीक्षण के बाद लाइनों में गंगाजल छोड़ा जाएगा.

गंगाजल परियोजना
गंगाजल परियोजना
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Published : Sep 2, 2022, 10:16 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः बहुत जल्द गंगाजल परियोजना पूरी हो जाएगी. शुक्रवार को एक अहम का हो गया. पहली बार जैतपुर स्थित मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल पहुंच गया है. बड़ी बात यह रही कि जैतपुर मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल पहुंचाने में कहीं भी पाइप के लीकेज की दिक्कत नहीं हुई है.

प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्‍द्र सिंह का कहना है कि 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना सभी ग्रेटर नोएडावासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ग्रेनोवासियों के घरों में गंगाजल मिश्रित जलापूर्ति होगी. सप्लाई के लिए ग्राउंड वाटर पर निर्भरता कम हो जाएगी. इससे भूजल की बचत होगी. भूजल स्तर में सुधार होगा. प्राधिकरण की टीम इस प्रोजेक्ट को समय से पूरा कर ग्रेनोवासियों के घरों तक गंगाजल पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है.

क्या है गंगा जल परियोजना

दरअसल, अपर गंगा कैनाल (हापुड़) से 85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव सबसे पहले 2005 में बना. 2012 से 2014 के बीच ग्रेटर नोएडा परिक्षेत्र में जलापूर्ति नेटवर्क तैयार कर लिया गया. 2017 के बाद देहरा से जैतपुर तक 23 किलोमीटर की पाइपलाइन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व देहरा में इंटेक (प्रारंभिरक ट्रीटमेंट प्लांट) के निर्माण के कार्य शुरू किए. देहरा से 7.4 किलोमीटर की पाइप लाइन सिंचाई विभाग की जमीन पर की जानी थी, जिसको प्राधिकरण ने 2018 तक पूरा कर लिया. उसके आगे एनटीपीसी से जमीन लेकर पाइपलाइन बिछाई गई.

पल्ला के पास दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे से पाइपलाइन डालने का काम हुआ. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के नीचे से पाइपलाइन को पार करते हुए दिसंबर 2021 में गंगाजल पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंच गया. इस बीच कुछ किसान पल्ला में बने डब्ल्यूटीपी पर धरने पर बैठ गए, जिसके चलते काम रुक गया. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह के निर्देश पर एसीईओ अदिति सिंह ने किसानों से वार्ता कर एक जुलाई को धरना खत्म कराया और फिर इस परियोजना पर आगे का काम शुरू हुआ.

वरिष्ठ प्रबंधक कपिल सिंह ने बताया कि शुक्रवार को रेलवे के अधिकारियों ने भी रेलवे लाइन के निकट से गुजर रही गंगाजल लाइनों का निरीक्षण किया. टीम लगातार मौके पर जायजा लेती रही. मास्टर रिजर्ववायर पर टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है. इसके बाद ग्रेटर नोएडावासियों तक गंगाजल पहुंचाने का काम शुरू होगा. अगले तीन माह में गंगाजल की आपूर्ति के लिए कमिश्निंग का काम पूरा होने की उम्मीद जताई.

उन्होंने बताया कि जैतपुर मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल पहुंचाने में कहीं भी पाइप के लीकेज की दिक्कत नहीं हुई है. यह अपने आप में एक उपलब्धि है.

  • एक नजर में... कब क्या हुआ

    2005 में गंगाजल परियोजना का हुआ ऐलान
    फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति
    जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली एनओसी
    जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति
    जुलाई 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
    अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति
    दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंचा गंगाजल
    किसानों के विरोध के चलते दिसंबर 2021 से 1 जुलाई 2022 तक काम अटका
    2 सितंबर 2022 को जैतपुर स्थित मास्टर रिजर्ववायर तक पहुंचा गंगाजल

नई दिल्ली/नोएडाः बहुत जल्द गंगाजल परियोजना पूरी हो जाएगी. शुक्रवार को एक अहम का हो गया. पहली बार जैतपुर स्थित मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल पहुंच गया है. बड़ी बात यह रही कि जैतपुर मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल पहुंचाने में कहीं भी पाइप के लीकेज की दिक्कत नहीं हुई है.

प्राधिकरण के सीईओ सुरेन्‍द्र सिंह का कहना है कि 85 क्यूसेक गंगाजल परियोजना सभी ग्रेटर नोएडावासियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. ग्रेनोवासियों के घरों में गंगाजल मिश्रित जलापूर्ति होगी. सप्लाई के लिए ग्राउंड वाटर पर निर्भरता कम हो जाएगी. इससे भूजल की बचत होगी. भूजल स्तर में सुधार होगा. प्राधिकरण की टीम इस प्रोजेक्ट को समय से पूरा कर ग्रेनोवासियों के घरों तक गंगाजल पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है.

क्या है गंगा जल परियोजना

दरअसल, अपर गंगा कैनाल (हापुड़) से 85 क्यूसेक गंगाजल लाने का प्रस्ताव सबसे पहले 2005 में बना. 2012 से 2014 के बीच ग्रेटर नोएडा परिक्षेत्र में जलापूर्ति नेटवर्क तैयार कर लिया गया. 2017 के बाद देहरा से जैतपुर तक 23 किलोमीटर की पाइपलाइन, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट व देहरा में इंटेक (प्रारंभिरक ट्रीटमेंट प्लांट) के निर्माण के कार्य शुरू किए. देहरा से 7.4 किलोमीटर की पाइप लाइन सिंचाई विभाग की जमीन पर की जानी थी, जिसको प्राधिकरण ने 2018 तक पूरा कर लिया. उसके आगे एनटीपीसी से जमीन लेकर पाइपलाइन बिछाई गई.

पल्ला के पास दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे से पाइपलाइन डालने का काम हुआ. ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के नीचे से पाइपलाइन को पार करते हुए दिसंबर 2021 में गंगाजल पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंच गया. इस बीच कुछ किसान पल्ला में बने डब्ल्यूटीपी पर धरने पर बैठ गए, जिसके चलते काम रुक गया. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ और मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह के निर्देश पर एसीईओ अदिति सिंह ने किसानों से वार्ता कर एक जुलाई को धरना खत्म कराया और फिर इस परियोजना पर आगे का काम शुरू हुआ.

वरिष्ठ प्रबंधक कपिल सिंह ने बताया कि शुक्रवार को रेलवे के अधिकारियों ने भी रेलवे लाइन के निकट से गुजर रही गंगाजल लाइनों का निरीक्षण किया. टीम लगातार मौके पर जायजा लेती रही. मास्टर रिजर्ववायर पर टेस्टिंग का काम शुरू हो गया है. इसके बाद ग्रेटर नोएडावासियों तक गंगाजल पहुंचाने का काम शुरू होगा. अगले तीन माह में गंगाजल की आपूर्ति के लिए कमिश्निंग का काम पूरा होने की उम्मीद जताई.

उन्होंने बताया कि जैतपुर मास्टर रिजर्व वायर तक गंगाजल पहुंचाने में कहीं भी पाइप के लीकेज की दिक्कत नहीं हुई है. यह अपने आप में एक उपलब्धि है.

  • एक नजर में... कब क्या हुआ

    2005 में गंगाजल परियोजना का हुआ ऐलान
    फरवरी 2019 में दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन के नीचे काम करने की अनुमति
    जुलाई 2019 में एनटीपीसी दादरी से मिली एनओसी
    जून 2021 में वन विभाग ने दी काम करने की अनुमति
    जुलाई 2021 में आईओसीएल से पाइप लाइन डालने की मिली अनुमति
    अक्तूबर 2021 में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के नीचे से लाइन डालने की अनुमति
    दिसंबर 2021 में पल्ला के डब्ल्यूटीपी तक पहुंचा गंगाजल
    किसानों के विरोध के चलते दिसंबर 2021 से 1 जुलाई 2022 तक काम अटका
    2 सितंबर 2022 को जैतपुर स्थित मास्टर रिजर्ववायर तक पहुंचा गंगाजल
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