नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने गुरुवार को खेड़ा चौगानपुर में 15 साल पुराने अवैध निर्माण को ढहा दिया. वहीं बिसरख जलालपुर में भी बन रही अवैध कॉलोनी को गिरा दिया गया. दोनों जगहों पर की गई कार्रवाई से करीब 28 हजार वर्ग मीटर जमीन खाली करा ली गई है. इसकी कीमत करीब 57 करोड़ रुपये होने का अनुमान है. इन जगहों पर किसानों के लिए छह फीसदी आबादी भूखंड नियोजित किए गए हैं.
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के प्रभारी महाप्रबंधक सलिल यादव ने बताया कि वर्क सर्किल तीन के प्रभारी चेतराम सिंह के नेतृत्व में टीम ने खेड़ा चौगानपुर में 20, 243 वर्ग मीटर जमीन खाली कराई है. जिसकी कीमत लगभग 41 करोड़ रुपये बताई जा रही है. वहीं, बिसरख जलालपुर गांव से 8 हजार वर्ग मीटर जमीन खाली कराई जिसकी कीमत लगभग 16 करोड़ रुपये है.
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यहां की जमीन पर 2008 से अतिक्रमण किया गया था. कॉलोनाइजर इस जमीन पर अवैध कॉलोनी बनाने की तैयारी में थे. इस जमीन कीमत करीब 41 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसके बाद इसी टीम ने बिसरख जलालपुर में करीब 8000 वर्ग मीटर जमीन खाली कराई. यह प्राधिकरण की अर्जित और कब्जा प्राप्त जमीन है. यहां भी अवैध कालोनी बनाने की तैयारी थी. इस जमीन कीमत भी करीब 16 करोड़ रुपये आंकी गई है.
पांच जेसीबी, पांच डंफर व 25 कर्मचारियों की टीम ने इन दोनों कार्रवाइयों को अंजाम दिया. इन दोनों जगहों पर किसानों की छह फीसदी आबादी भूखंड नियोजित किए गए हैं. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह ने कहा है कि अधिसूचित एरिया में अवैध निर्माण करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. कार्रवाई लगातार जारी रहेगी. अवैध निर्माण को ध्वस्त करने के साथ ही कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी.
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