नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में अपने पिता की बीमारी के इलाज के लिए पवन ने हर किसी से मदद की गुहार लगा ली, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. पवन ने बताया कि पिता को गैंग्रीन जैसी घातक बीमारी है. पिछले 2 महीने से उनके पिता गोपाल इस उम्मीद में अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं कि शायद कोई अस्पताल डॉक्टर उसके पिता का इलाज कर दे. लेकिन ये बीमारी भी घातक है और इसका इलाज भी महंगा है. लॉकडाउन में जमा पूंजी भी खत्म हो चुकी है और अब इलाज कराने के लिए भी पैसे नहीं है.
दादरी विधायक से मांगी मदद
पीड़ित के बेटे पवन ने बताया कि दादरी विधायक का नंबर किसी से मिला और उनसे मदद मांगने की बात कही. पवन ने अपने पिता के इलाज के लिए दादरी विधायक को फोन भी मिलाया, लेकिन दादरी विधायक के किसी कार्यकर्ता ने फोन उठाया और बोले कि वह अभी नहीं हैं. दोबारा फोन मिलाया तो दादरी विधायक ने इलाज कराने के नाम पर निजी अस्पताल का पता बता दिया. जब पीड़ित का छोटा बेटा उस निजी अस्पताल में पहुंचा तो वहां इसका खर्चा 35 हजार बताया गया और इसका पैसा खुद पीड़ित को देना था. विधायक ने इलाज में मदद करने की बजाए अस्पताल का पता बता कर अपना पल्ला झाड़ लिया.
जिला अधिकारी से भी मांगी मदद लेकिन...
पवन के अनुसार उसने अपने पिता के इलाज के लिए सरकारी मदद की गुहार के लिए जिलाधिकारी सुहास एलवाई का भी नंबर मिलाया, लेकिन उनसे यह कहा गया कि साहब अभी मीटिंग में हैं. थोड़ी देर में बात करना. पीड़ित ने थोड़ी देर बाद दोबारा फोन मिलाया तो उन्होंने दफ्तर में आकर मिलने का समय दे दिया. वहीं मीटिंग में बिजी होने के कारण पीड़ित डीएम से मुलाकात नहीं कर सका.
अब मीडिया के सहारे मदद की लगा रहा गुहार
पीड़ित जब सरकारी दफ्तर और जनप्रतिनिधि से मदद मांगते मांगते थक गया लेकिन कहीं भी उसे मदद का भरोसा नहीं मिला तो उसने मीडिया पर अपना भरोसा दिखाया. मीडिया के जरिए वह अपने पिता के इलाज की मदद मांग रहा है.