नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने पत्रकारिता की आड़ में अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में चार तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है जबकि एक अब भी फरार है. पुलिस ने फरार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. सभी पांचों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.
अधिकारियों को रोकते थे कानूनी कार्रवाई से
इन सभी पर आरोप है पुलिस और दूसरे सरकारी अधिकारियों पर अपने भौतिक व आर्थिक लाभ के लिए अनुचित दबाव डालकर उन्हें कानूनी कार्रवाई से रोकने की कोशिश करते थे. जो सरकारी अधिकारी इनके प्रभाव में नहीं आते थे. उसके विरुद्ध ये लोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे न्यूज पोर्टल, व्हॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर व्यापक रूप से असत्य, अनर्गल व तथ्यहीन प्रचार-प्रसार कर उसकी नकारात्मक छवि बनाते थे.
आरोपी के पास से कई कीमती चीजें हुई हैं बरामद
सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इस अंतर्जनपदीय गैंग का नेतृत्व सुशील पंडित कर रहा था.
गिरफ्तार चंदन राय के कब्जे से एक फार्च्यूनर कार, एक आई-20 कार, एक एप्पल आईफोन-10, एक सैमसंग फोन व एक मैक बुक बरामद हुई है.
आरोपी उदित गोयल के कब्जे से एक इनोवा कार, दो मोबाइल फोन और सुशील पंडित के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है.
क्या था मामला
डीएम और एसएसपी ने बताया कि इसी गैंग के सदस्यों सुशील पंडित, उदित गोयल व रमन ठाकुर ने 30 जनवरी को थाना सेक्टर 20 के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत को आरोपियों के पक्ष में कार्य करने के लिए अवैध रूप से प्रेरित किया था.
उस कार्य के एवज में कुल 8 लाख रुपये लेकर 6 लाख रुपये खुद को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए हड़प लिए गए थे. ये तीनों व्यक्ति थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक के कक्ष से रंगे हाथ पकडे गये थे. ये जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद फिर गिरोह का संचालन शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया कि उस मामले में ये लोग गवाहों को प्रभावित करने और पैरवी करने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालने का काम कर रहे थे.
ऐसे करते थे ब्लैकमेलिंग
प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम और एसएसपी ने बताया कि सुशील पंडित एक वेब पोर्टल का संचालन और एक समाचार पत्र का भी सम्पादन किया जा रहा था. इसके अलावा ये गिरोह और भी कई तरह की न्यूज बेवसाइट चला रहा था और इसी के जरिए ये ब्लैकमेलिंग का खेल खेलते थे.