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नोएडा: अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, 4 गिरफ्तार

नोएडा पुलिस ने एक ऐसे आरोपियों की गैंग को गिरफ्तार किया जो पत्रकारिता की आड़ में डिजिटल मीडिया के प्लैटफार्म का इस्तेमाल कर अधिकारियों को ब्लैकमेल करते थे.

ब्लैकमेल करने वाला गिरोह का पर्दाफाश, etv bharat
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Published : Aug 25, 2019, 12:07 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने पत्रकारिता की आड़ में अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में चार तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है जबकि एक अब भी फरार है. पुलिस ने फरार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. सभी पांचों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.

अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले आरोपी गिरफ्तार

अधिकारियों को रोकते थे कानूनी कार्रवाई से
इन सभी पर आरोप है पुलिस और दूसरे सरकारी अधिकारियों पर अपने भौतिक व आर्थिक लाभ के लिए अनुचित दबाव डालकर उन्हें कानूनी कार्रवाई से रोकने की कोशिश करते थे. जो सरकारी अधिकारी इनके प्रभाव में नहीं आते थे. उसके विरुद्ध ये लोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे न्यूज पोर्टल, व्हॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर व्यापक रूप से असत्य, अनर्गल व तथ्यहीन प्रचार-प्रसार कर उसकी नकारात्मक छवि बनाते थे.

आरोपी के पास से कई कीमती चीजें हुई हैं बरामद
सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इस अंतर्जनपदीय गैंग का नेतृत्व सुशील पंडित कर रहा था.
गिरफ्तार चंदन राय के कब्जे से एक फार्च्यूनर कार, एक आई-20 कार, एक एप्पल आईफोन-10, एक सैमसंग फोन व एक मैक बुक बरामद हुई है.
आरोपी उदित गोयल के कब्जे से एक इनोवा कार, दो मोबाइल फोन और सुशील पंडित के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है.

क्या था मामला
डीएम और एसएसपी ने बताया कि इसी गैंग के सदस्यों सुशील पंडित, उदित गोयल व रमन ठाकुर ने 30 जनवरी को थाना सेक्टर 20 के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत को आरोपियों के पक्ष में कार्य करने के लिए अवैध रूप से प्रेरित किया था.


उस कार्य के एवज में कुल 8 लाख रुपये लेकर 6 लाख रुपये खुद को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए हड़प लिए गए थे. ये तीनों व्यक्ति थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक के कक्ष से रंगे हाथ पकडे गये थे. ये जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद फिर गिरोह का संचालन शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया कि उस मामले में ये लोग गवाहों को प्रभावित करने और पैरवी करने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालने का काम कर रहे थे.

ऐसे करते थे ब्लैकमेलिंग
प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम और एसएसपी ने बताया कि सुशील पंडित एक वेब पोर्टल का संचालन और एक समाचार पत्र का भी सम्पादन किया जा रहा था. इसके अलावा ये गिरोह और भी कई तरह की न्यूज बेवसाइट चला रहा था और इसी के जरिए ये ब्लैकमेलिंग का खेल खेलते थे.

नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी दिल्ली से सटे नोएडा में पुलिस ने पत्रकारिता की आड़ में अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश किया है. इस मामले में चार तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है जबकि एक अब भी फरार है. पुलिस ने फरार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. सभी पांचों आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.

अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले आरोपी गिरफ्तार

अधिकारियों को रोकते थे कानूनी कार्रवाई से
इन सभी पर आरोप है पुलिस और दूसरे सरकारी अधिकारियों पर अपने भौतिक व आर्थिक लाभ के लिए अनुचित दबाव डालकर उन्हें कानूनी कार्रवाई से रोकने की कोशिश करते थे. जो सरकारी अधिकारी इनके प्रभाव में नहीं आते थे. उसके विरुद्ध ये लोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे न्यूज पोर्टल, व्हॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर व्यापक रूप से असत्य, अनर्गल व तथ्यहीन प्रचार-प्रसार कर उसकी नकारात्मक छवि बनाते थे.

आरोपी के पास से कई कीमती चीजें हुई हैं बरामद
सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इस अंतर्जनपदीय गैंग का नेतृत्व सुशील पंडित कर रहा था.
गिरफ्तार चंदन राय के कब्जे से एक फार्च्यूनर कार, एक आई-20 कार, एक एप्पल आईफोन-10, एक सैमसंग फोन व एक मैक बुक बरामद हुई है.
आरोपी उदित गोयल के कब्जे से एक इनोवा कार, दो मोबाइल फोन और सुशील पंडित के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है.

क्या था मामला
डीएम और एसएसपी ने बताया कि इसी गैंग के सदस्यों सुशील पंडित, उदित गोयल व रमन ठाकुर ने 30 जनवरी को थाना सेक्टर 20 के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत को आरोपियों के पक्ष में कार्य करने के लिए अवैध रूप से प्रेरित किया था.


उस कार्य के एवज में कुल 8 लाख रुपये लेकर 6 लाख रुपये खुद को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए हड़प लिए गए थे. ये तीनों व्यक्ति थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक के कक्ष से रंगे हाथ पकडे गये थे. ये जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद फिर गिरोह का संचालन शुरू कर दिया था.
उन्होंने बताया कि उस मामले में ये लोग गवाहों को प्रभावित करने और पैरवी करने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालने का काम कर रहे थे.

ऐसे करते थे ब्लैकमेलिंग
प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम और एसएसपी ने बताया कि सुशील पंडित एक वेब पोर्टल का संचालन और एक समाचार पत्र का भी सम्पादन किया जा रहा था. इसके अलावा ये गिरोह और भी कई तरह की न्यूज बेवसाइट चला रहा था और इसी के जरिए ये ब्लैकमेलिंग का खेल खेलते थे.

Intro:- सभी पांच आरोपियों पर गैंगस्टर, एक 25 हजार का इनामी फरार

नोएडा -- नोएडा पुलिस ने पत्रकारिता की आड़ में डिजिटल मीडिया के प्लैटफ़ार्म का इस्तेमाल कर अधिकारियों को ब्लैकमेल करने वाले इंटरस्टेट गैंग का पर्दाफाश चार तथाकथित पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। जबकि एक अब भी फरार है। पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। सभी पांच आरोपियों पर गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की गई है। ।
पुलिस की गिरफ्त में खड़े सुशील पंडित, उदित गोयल, चंदन राय और नितीश पांडेय को पुलिस ने नोएडा, गाजियाबाद और नोएडा से गिरफ्तार किया गया है। जब की रमन ठाकुर अब भी फरार है। पुलिस ने उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है। इन सभी पर आरोप है पुलिस और दूसरे सरकारी अधिकारियों पर अपने भौतिक व आर्थिक लाभ के लिए अनुचित दबाव डालकर उन्हें कानूनी कार्रवाई से रोकने की कोशिश करते थे जो सरकारी अधिकारी इनके प्रभाव में नहीं आते थे, उसके विरुद्ध ये लोग विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे न्यूज पोर्टल, व्हॉट्सएप, फेसबुक और ट्विटर आदि पर व्यापक रूप से असत्य, अनर्गल व तथ्यहीन प्रचार-प्रसार कर उसकी नकारात्मक छवि बनाकर इतना दबाव डालने का प्रयत्न करते थे डीएम और एसएसपी ने बताया कि 23 अगस्त-2019 को ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा-2 थाने में के गैंगस्टर तहत मामला दर्ज कर चार लोगों का गिरफ्तार किया गया है।

बाइट – ब्रजेश नारायण सिंह (डीएम जीबीएन)


Body:सेक्टर-27 स्थित कैंप कार्यालय में शनिवार को हुई प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम बीएन सिंह और एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि इस अंतर्जनपदीय गैंग का नेतृत्व सुशील पंडित कर रहा था। अभियुक्त सुशील पंडित और उदित गोयल को गौतमबुद्धनगर, चंदन राय को गाजियाबाद और नितीश पांडेय को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। इनके कार्यालयों को भी सील किया गया है। अभियुक्त रमन ठाकुर फरार चल रहा है। उसकी गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। गिरफ्तार चंदन राय के कब्जे से एक फार्च्यूनर कार, एक आई-20 कार, एक एप्पल आईफोन-10, एक सैमसंग फोन व एक मैक बुक बरामद हुई है। आरोपी उदित गोयल के कब्जे से एक इनोवा कार, दो मोबाइल फोन और सुशील पंडित के पास से एक मोबाइल फोन बरामद हुआ है।

बाइट -- वैभव कृष्ण (एसएसपी,जीबीएन)

डीएम और एसएसपी ने बताया कि इसी गैंग के सदस्यों सुशील पंडित, उदित गोयल व रमन ठाकुर ने 30 जनवरी-2019 को थाना सेक्टर-20 के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज पंत को आरोपियों के पक्ष में कार्य करने के लिए अवैध रूप से प्रेरित किया गया था। उस कार्य के एवज में कुल 08 लाख रुपये लेकर 06 लाख रुपये खुद को अनुचित आर्थिक लाभ पहुंचाने के लिए हड़प लिए गए थे। ये तीनों व्यक्ति थाना सेक्टर-20 के प्रभारी निरीक्षक के कक्ष से रंगे हाथ पकडे गये थे। ये जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद फिर गिरोह का संचालन शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि उस मामले में ये लोग गवाहों को प्रभावित करने और पैरवी करने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालने का काम कर रहे थे। अभियुक्त रमन ठाकुर के विरुद्ध वर्ष-2015 में भी थाना सेक्टर-20 में मुकदमा अपराध संख्या-795/15 धारा 420/467/468/471/500/504/506 भादवि, 25 शस्त्र अधिनियम व 66/67 आई.टी.एक्ट भी पंजीकृत किया गया था।
Conclusion: प्रेस कान्फ्रेंस में डीएम और एसएसपी ने बताया कि सुशील पंडित सनसनीइंडियाडॉटकॉम नामक वेब पोर्टल का संचालन और पैनी खबर नाम से समाचार पत्र का भी सम्पादन किया जा रहा था। यह पोर्टल टीम 50 नेटवर्क कंपनी द्वारा तैयार किया गया है। कंपनी भी संभवत: सुशील पंडित द्वारा ही संचालित की जा रही है। इसी प्रकार नितीश पांडेय द्वारा पुलिसमीडियान्यूजडॉटकॉम जबकि चंदन राय द्वारा पुलिसन्यूजयूपीडॉटकॉम नाम से वेब न्यूज पोर्टल का संचालन किया जा रहा था। रमन ठाकुर व उदित गोयल के द्वारा इन न्यूज पोर्टल पर चलाये जाने वाले दुष्प्रचार को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे व्हाट्सएप, ट्विटर, फेसबुक आदि पर प्रचारित व प्रसारित किया जाता था।
एसएसपी ने बताया कि 21 अगस्त-2019 से सनसनीइंडियाडॉटकॉम न्यूज पोर्टल व पैनी खबर समाचार पत्र में यादव थानेदारों पर क्यों मेहरबान नोएडा के कप्तान? ...शीर्षक के अन्तर्गत यह खबर चलाई जा रही है कि सपा सरकार मं पोस्ट रह चुके यादव थानेदार योगी सरकार में भी सक्रिय हैं। यह भी वर्णित है कि नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण की यादव परिवार में रिश्तेदारी है। रिश्तेदारी का रसूख और आईपीएस की पावर का नोएडा में मोटा खेल चल रहा है। सपा नेताओं के इशारे पर यादव जाति के लोगों को वरीयता दी जा रही है। पुलिसमीडियाडॉटकॉम पोर्टल पर यही खबर, आखिर क्यों सरनेम को छुपाकर इस जनपद में हो रही है पोस्टिंग शीर्षक से चलायी गयी है। इससे पूर्व पुलिसन्यूजयूपीडॉटकॉम पोर्टल द्वारा दिनांक 28 जून-2019 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ को लक्ष्य करते हुए- जाति के आधार पर एसएसपी कलानिधि नैथानी देते हैं थानेदारों को पोस्टिंग, खबर पोस्ट की गई है।
डीएम ने बाताया कि 18 अगस्त को जनपद में प्रभारी निरीक्षकों और थानाध्यक्षों का स्थानान्तरण किया गया था। उसमें विधिक रूप से उनकी की सहमति ली गई थी। उक्त सुशील पंडित द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वैभव कृष्ण को व्यक्तिगत रूप से लक्ष्य कर उक्त दुष्प्रचार किया गया है। सुशील पंडित पूर्व में अन्य सह-अभियुक्तों के साथ भ्रष्टाचार के प्रकरण में रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। डीएम और एसएसपी ने बताया कि अभियुक्तों के अपराध करने के तरीके, आय के स्रोत और अर्जित चल/अचल संपत्ति के बारे में जानकारी की जा रही है।
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