ग्रेटर नोएडा: प्रदेश के देखा जाए तो सबसे बड़े घोटाले के रूप में ग्रेटर नोएडा के चिटहरा जमीन घोटाला मामला सामने आया है. जिसमें गेंगेस्टर और भू-माफिया यशपाल तोमर सहित नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. इस संबंध में उप जिलाधिकारी ने दादरी तहसील के अधिकारी को निर्देश दिए थे. इस कांड में पूर्व के कुछ अधिकारियों के नाम भी सामने आए है.
ग्रेटर नोएडा के दादरी थाने में तहसील दादरी के अधिकारी पंकज निर्वाल ने मुकदमा दर्ज कराया है. जिसमें 9 लोगों को नामजद बनाया गया है. इनमें गैंगस्टर और भूमाफिया यशपाल तोमर, नरेंद्र कुमार, कर्मवीर, वैलू, कृष्णपाल, यम भास्करण, केएम संत उर्फ खचेरमल, गिरीश वर्मा और सरस्वती देवी शामिल है. तहरीर में बताया गया है कि यशपाल तोमर ने फर्जी तरीके से किसानों से जबरन जमीन पट्टा कराई है. जिसमें लेखपाल शीतला प्रसाद की अहम भूमिका थी.
यह मामला 1997 का है. जब मामले का खुलासा हुआ तो जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे. इस जांच में लेखपाल दोषी पाया गया और उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. जांच में पाया गया कि यशपाल तोमर ने जबरदस्ती किसानों से जमीन पट्टा कराकर खरीदी थी. इस दौरान यशपाल तोमर ने अपने आदमियों का बैंक में फर्जी तरीके से खाता खुलवाया था और फर्जी तरीके से उनके नाम पर सरकारी मुआवजा भी लिया.
एडिशनल डीसीपी ग्रेटर नोएडा विशाल पांडेय ने बताया कि तहसील दादरी के अधिकारी पंकज निर्वाल द्वारा यशपाल तोमर सहित नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. तहरीर के आधार पर धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की गई है. साक्ष्य और दस्तावेजों के आधार पर जो भी दोषी पाए जाएंगे. उनके खिलाफ उचित वैधानिक कार्यवाही की जाएगी. बता दें कि गैंगस्टर यशपाल तोमर जमीनों पर कब्जे के जरिए काफी संपत्ति उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तक फैला रखा है. उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारे में भी उसकी मजबूत पकड़ है.
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