नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली के अलीगांव सरिता विहार निवासी 35 वर्षीय प्रकाश पत्नी और अन्य परिजनों के साथ यूरिन रुकने की शिकायत लेकर नोएडा के सेक्टर 30 स्थित जिला अस्पताल (Noida sector 30 Hospital) में गुरुवार सुबह इलाज कराने पहुंचा था. इमरजेंसी में डॉक्टर द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया. प्रकाश के परिजनों द्वारा ओपीडी खुलने पर अन्य डॉक्टर को जिला अस्पताल में दिखाया. डॉक्टर द्वारा दवा और जांच लिखी गई. जांच होने के कुछ ही देर बाद प्रकाश को अत्यधिक परेशानी महसूस होने लगी. जिसपर परिजन प्रकाश काे लेकर इमरजेंसी में पहुंचे, जहां इलाज के दौरान प्रकाश की मौत हो गई.
प्रकाश की मौत के बाद परिजनों द्वारा डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा (Family ruckus after death in Noida hospital) काटा. हंगामे की सूचना लोगों ने पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया. मृतक के परिजनों का कहना है कि प्रकाश को इलाज की जगह डॉक्टरों द्वारा केबिन से धक्का देकर बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद उसकी तबीयत और अधिक बिगड़ी और मौत हो गई. डॉक्टर अगर लापरवाही (Noida doctor accused of negligence) नहीं करते तो शायद प्रकाश की जान बच सकती थी.
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परिजनों द्वारा देर शाम तक शव को कब्जे में नहीं लिया गया था, जिस पर उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से पंचनामा करवायी गई. पैनल के माध्यम पोस्टमार्टम किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई. मृतक कैब चालक था. जिलाधिकारी ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को आवश्यक कार्रवाई करने की जिमेदारी सौंपी है. मृतक की पत्नी का कहना है कि अस्पताल के किसी भी डॉक्टर द्वारा गंभीरता से मरीज को नहीं देखा गया. जब उनसे इलाज करने के लिए कहा गया तो उनके द्वारा अपने केबिन से धक्के मार कर बाहर निकाल दिया गया. जिसके चलते अत्यधिक तबीयत बिगड़ी और प्रकाश की मौत हो गई.