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नोएडा: एक्सप्रेसवे पुलिस थाने की हालत जर्जर, किसी भी समय हो सकता हादसा - नोएडा एक्सप्रेसवे पुलिस थाना खराब

नोएडा प्राधिकरण के सौजन्य से सेक्टर 135 स्थित एक्सप्रेसवे थाने की हालत जर्जर हो चुकी है. जिसके कारण इस पुलिस थाने में किसी वक्त कोई बड़ा हादसा हो सकता है. लेकिन किसी भी अधिकारी की तरफ से एक बार भी थाने का निरीक्षण नहीं किया गया.

expressway police station is in bad condition in noida
एक्सप्रेसवे पुलिस थाने की हालत खराब
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Published : Mar 10, 2021, 2:29 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: पुलिस आम जनता की सुरक्षा 24 घंटे करने में लगी रहती है. साथ ही अधिकारियों के प्रोटोकॉल को भी निभाने के लिए पुलिस किसी भी वक्त तैनात रहती है. लेकिन पुलिस की रक्षा कौन करता है. इस सवाल का जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है.

पुलिस थाने की हालत जर्जर

इसी कड़ी में नोएडा के थाना एक्सप्रेस वे का एक मामला सामने आया है, जहां बेसमेंट में 12 महीनों से पानी जमा रहता है. जिसके चलते थाने की पूरी दीवार जर्जर हो चुकी है. सीलन से भरे इस थाने में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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एक्सप्रेस वे थाने की बेसमेंट में भरा रहता पानी

नोएडा प्राधिकरण के सौजन्य से सेक्टर 135 स्थित एक्सप्रेसवे थाना 11 अप्रैल 2015 को बनकर तैयार हुआ. थाने का उद्घाटन उच्चाधिकारियों ने किया. लेकिन 2015 से लेकर अब तक का हाल देखा जाए तो गौतम बुध नगर जिला से कमिश्नरी बन गया. लेकिन किसी भी अधिकारी की तरफ से एक बार भी थाने का निरीक्षण नहीं किया गया. थाने के बेसमेंट का हाल इतना बुरा है कि बिन बरसात यहा घुटने तक पानी लगा रहता है.

किसी भी समय थाना जमीन दोष हो सकता

वर्तमान समय में बारिश हुए महीनों हो रहे हैं लेकिन वहां अभी भी पानी लगा हुआ है. साथ ही मेंढकों ने बेसमेंट को अपना डेरा बना रखा है. बेसमेंट में हमेशा पानी भरे होने के चलते थाने की पूरी दीवार सीलन से भर गई है. जर्जर हाल में बिल्डिंग के दीवारों और पीलरों की हालत देखकर यह कहा जा सकता है कि किसी भी समय थाना जमीन दोष हो सकता है.

अधिकारियों का अभी तक कोई ध्यान नहीं

गौतम बुध नगर कमिश्नरी में एसीपी से लेकर सीपी तक करीब 38 गस्टेड अफसर तैनात है. लोग थानों पर आते हैं. कर्मचारियों को दिशा निर्देश देते हैं और चले जाते हैं. लेकिन थाने के बदहाली पर किसी ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया हैं.

ये भी पढ़ें:-बजट: 2047 तक दिल्ली बनेगी सिंगापुर, केजरीवाल सरकार का 'फ्यूचर प्लान'

किसी बड़े हादसे का अधिकारियों को इंतजार

अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक किसी ने भी एक्सप्रेस वे थाने की बदहाली के संबंध में कैमरे पर कुछ नहीं बोला. लेकिन थाने के सूत्रों की माने तो इस संबंध में प्राधिकरण से लेकर उच्च अधिकारियों तक के संज्ञान में दिया गया है. लेकिन किसी के कान में आज तक जूं तक नहीं रेगा. सूत्रों का यह भी कहना है कि अधिकारियों और प्राधिकरण की उदासीनता को देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि किसी बड़े हादसे का इन्हें इंतजार है.

नई दिल्ली/नोएडा: पुलिस आम जनता की सुरक्षा 24 घंटे करने में लगी रहती है. साथ ही अधिकारियों के प्रोटोकॉल को भी निभाने के लिए पुलिस किसी भी वक्त तैनात रहती है. लेकिन पुलिस की रक्षा कौन करता है. इस सवाल का जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है.

पुलिस थाने की हालत जर्जर

इसी कड़ी में नोएडा के थाना एक्सप्रेस वे का एक मामला सामने आया है, जहां बेसमेंट में 12 महीनों से पानी जमा रहता है. जिसके चलते थाने की पूरी दीवार जर्जर हो चुकी है. सीलन से भरे इस थाने में किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है.

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एक्सप्रेस वे थाने की बेसमेंट में भरा रहता पानी

नोएडा प्राधिकरण के सौजन्य से सेक्टर 135 स्थित एक्सप्रेसवे थाना 11 अप्रैल 2015 को बनकर तैयार हुआ. थाने का उद्घाटन उच्चाधिकारियों ने किया. लेकिन 2015 से लेकर अब तक का हाल देखा जाए तो गौतम बुध नगर जिला से कमिश्नरी बन गया. लेकिन किसी भी अधिकारी की तरफ से एक बार भी थाने का निरीक्षण नहीं किया गया. थाने के बेसमेंट का हाल इतना बुरा है कि बिन बरसात यहा घुटने तक पानी लगा रहता है.

किसी भी समय थाना जमीन दोष हो सकता

वर्तमान समय में बारिश हुए महीनों हो रहे हैं लेकिन वहां अभी भी पानी लगा हुआ है. साथ ही मेंढकों ने बेसमेंट को अपना डेरा बना रखा है. बेसमेंट में हमेशा पानी भरे होने के चलते थाने की पूरी दीवार सीलन से भर गई है. जर्जर हाल में बिल्डिंग के दीवारों और पीलरों की हालत देखकर यह कहा जा सकता है कि किसी भी समय थाना जमीन दोष हो सकता है.

अधिकारियों का अभी तक कोई ध्यान नहीं

गौतम बुध नगर कमिश्नरी में एसीपी से लेकर सीपी तक करीब 38 गस्टेड अफसर तैनात है. लोग थानों पर आते हैं. कर्मचारियों को दिशा निर्देश देते हैं और चले जाते हैं. लेकिन थाने के बदहाली पर किसी ने अभी तक कोई ध्यान नहीं दिया हैं.

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किसी बड़े हादसे का अधिकारियों को इंतजार

अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक किसी ने भी एक्सप्रेस वे थाने की बदहाली के संबंध में कैमरे पर कुछ नहीं बोला. लेकिन थाने के सूत्रों की माने तो इस संबंध में प्राधिकरण से लेकर उच्च अधिकारियों तक के संज्ञान में दिया गया है. लेकिन किसी के कान में आज तक जूं तक नहीं रेगा. सूत्रों का यह भी कहना है कि अधिकारियों और प्राधिकरण की उदासीनता को देखकर उम्मीद जताई जा रही है कि किसी बड़े हादसे का इन्हें इंतजार है.

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