नई दिल्ली/नोएडा: सोमवार को दोपहर बाद शाम होने के साथ ही आसमान से बूदों की बौछार शुरू हो गई. आसमान से बूदों की बौछार के साथ ही चिल्ला बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों ने अपने वॉटरप्रूफ टेंट के अंदर शरण लेना शुरू कर दिया. जैसे ही बारिश तेज हुई, किसान टेंट से बाहर निकले और नारेबाजी शुरू कर दी. वहीं कुछ किसानों का कहना और मानना है कि बारिश हमारे लिए लाभकारी है क्योंकि इस समय गेहूं के खेत में पानी देने का समय है और ऊपर वाला खुश होकर बारिश करा रहा है, ताकि गेहूं में पानी देने की समस्या खड़ी ना हो क्योंकि किसान अपनी मांगों को लेकर घरों से बाहर धरना-प्रदर्शन करने में लगा हुआ है.
एक बार बारिश की चपेट में आए किसान
लगातार 35 दिनों से कृषि कानून के विरोध में नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के बैनर तले कर रहे किसानों को देखा जाए तो पिछले 3 दिनों से लगातार बारिश का सामना करना पड़ रहा है. वहीं बारिश होने के चलते ठंड का भी प्रकोप बढ़ गया है, जिसका किसान खुले आसमान के नीचे कर रहे हैं.
ठंड से बचने के लिए ले रहे शरण
वहीं कुछ सामाजिक संगठनों द्वारा किसानों को वॉटरप्रूफ टेंट की व्यवस्था कराई गई है, जिसमें किसान तेज बारिश और ठंड से बचने के लिए शरण लेने का काम कर रहे हैं. आज कुछ घंटों के लिए खिली धूप निकलने के चलते किसानों का जो भी सामान बारिश में भीग गया था, उन्हें सुखाने का काम भी किसानों ने किया पर शाम होते-होते एक बार फिर तेज बारिश का किसानों को सामना करना पड़ा और जैसे ही बारिश शुरू हुई वैसे ही ठंड से बाहर निकलकर किसानों ने नारेबाजी करना शुरू कर दिया.
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'हम अपनी लड़ाोई से नहीं हटेंगे पीछे'
चिल्ला बॉर्डर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के किसानों का तेज बारिश और ठंड के संबंध में कहना है कि ऊपर वाला किसानों से खुश होकर तेज बारिश करने का काम कर रहा है क्योंकि जिन किसानों को अपने खेत में गेहूं की फसल में पानी देना था, वह आज सरकार की नीतियों के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करने में लगा हुआ है. किसान अपने खेत में पानी नहीं दे पा रहा है, जिसे पूरा करने का काम ऊपरवाला कर रहा है. हम ऊपर वाले के शुक्रगुजार हैं कि वह किसानों के साथ हैं. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि आंधी और तूफान भी आ जाए, तब भी हम अपनी लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे.