नई दिल्ली/नोएडा: उत्तरप्रदेश के अलीगढ़ में 2 दिन पहले हुई मासूम बच्ची की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इसे लेकर देश भर में लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं. वहीं नोएडा के लोगों ने भी मासूम को न्याय दिलाने के लिए कैंडल मार्च निकाला.
ये मार्च नोएडा के सदरपुर के आम्रपाली सैफायर से शुरू होकर सेक्टर-44 स्टेलर ग्रीन पार्क पर जाकर पूरा हुआ. ढाई साल की मासूम को न्याय दिलाने के लिए नोएडा की सड़कों पर लोग हाथों में जलती हुए कैंडल लेकर निकल पड़े. सबकी एक ही मांग थी कि ऐसा जघन्य अपराध करने वालों को बख्शा ना जाए और उन्हें फांसी की सजा दी जाए.
महिलाएं भी इस वारदात से काफी आहत और गुस्से में दिखी. उनका कहना था कि अब तो घरों में भी बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं. हमें जवाब चाहिए कि अपराधियों को सजा कब मिलेगी. उनकी मांग है कि दोषियों को ऐसी सजा दी जाए कि भविष्य में कोई ऐसा कुकृत्य ना कर पाए.
'एसआईटी का गठन'
बता दें कि इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. साथ ही इस केस में पॉक्सो एक्ट लगाया गया है. गौरतलब है कि महज दस हजार के लिए एक नन्ही बच्ची का गला घोंट कर हत्या कर उसके शव को कूड़े के ढेर पर फेंक दिया गया था. 30 मई को गायब हुई बच्ची का शव बाद में घर के पास के कूड़ाघर में 2 जून को सड़ी गली हालत में मिला. लापरवाही बरतने के आरोप में इंस्पेक्टर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
'पहचान ना हो उजागर'
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने कहा है कि बच्ची की पहचान उजागर करना पॉक्सो कानून 2012 की धारा 23 और जेजे कानून 2015 की धारा 74 के तहत दंडनीय अपराध है. मीडिया संगठनों को रिपोर्टिंग करते समय बहुत ही सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है, ताकि बच्ची की पहचान उजागर न हो.