नई दिल्ली/नोएडा: बढ़ रहे प्रदूषण को मद्देनजर रखते हुए नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने एक बड़ा आदेश जारी किया है. यमुना और हिंडन नदी पर गणेश विसर्जन नहीं किया जाएगा. जिसके लिए कृत्रिम तालाब बनाए जाएगें और मूर्ति का विसर्जन किया जाएगा.
सर्किल बनाएंगे तालाब
नोएडा के सभी सर्किल, 5 सितंबर तक 40 फीट लंबे 40 फीट चौड़े तथा 5 फीट गहरे तालाब पानी से भर दिए जाएंगे, सुरक्षा के लिए तालाबों के चारों ओर बैरिकेडिंग भी की जाएगी. कृत्रिम तालाब की व्यवस्था वर्क सर्कल करेगा और उसमें पानी की व्यवस्था जल विभाग करेगा.
जारी की गई गाइडलाइंस
जानकारी पर मालूम पड़ा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जून 2010 में मूर्ति विसर्जन के लिए गाइडलाइंस जारी की गई थी. इसके अलावा राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने सार्वजनिक जल निकाय खासकर नदियों में मूर्ति विसर्जन के लिए सख्त निर्देश दिए थे उसी के अनुपालन में प्राधिकरण ने आदेश जारी किए है.
मूर्ति विसर्जन पर लगाया गया प्रतिबंध
सीओ का मानना है कि अधिकांश मूर्ति प्लास्टर ऑफ पेरिस और केमिकल रंगों से बनाई जाती है. विसर्जन में यह केमिकल नदी या सार्वजनिक तालाबों नेहरों में पानी को प्रदूषित करता है. जल को प्रदूषण से बचाने के लिए मूर्ति का विसर्जन प्रतिबंधित किया गया है. उन्होंने बताया कि मूर्ति विसर्जन के बाद कृत्रिम तालाबों को मिट्टी से पाट दिया जाएगा.
इससे पहले दिल्ली सरकार ने भी इसी तरह नियम बना चुकी है.