नई दिल्ली/गुरुग्राम: हरियाणा सरकार ने धान, बाजरे की खरीद को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे. लेकिन उनके सारे दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं. प्रदेश भर में किसानों को धान और बाजरे की बिक्री को लेकर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसी कड़ी में सोहना में भी किसानों को बाजरे की बिक्री को लेकर मंडी के चक्कर पे चक्कर लगाने पड़ रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी किसानों की फसल नहीं खरीदी जा रही है.
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की बाजरे की फसल एक अक्टूबर से सरकारी रेट पर खरीदने का ऐलान किया गया था. सरकार द्वारा कहा गया था कि अनाज मडियों में सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. लेकिन सोहना कि अनाज मंडी में सरकार के सभी इंतजामों की पोल खुलती दिखाई दे रही है.
किसानों को हो रही परेशानी
किसानों का कहना है कि हम सुबह से लेकर शाम तक भूखे प्यासे लाइन में लगकर टोकन का इंतजार करते रहते हैं. लेकिन फसल नहीं खरीदी जाती है. किसानों का कहना है कि बार-बार मंडी के चक्कर काटकर उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं कुछ किसानों का कहना है कि फसल को कई दिन से मंडी में लेकर आ रहे हैं. लेकिन उन से कह दिया जाता है कि साइट नहीं चल रही है. जिसके चलते उन्हें बार-बार किराए के साधन में फसल मंडी में लेके आनी पड़ रही है.
मंडी में सरकारी सिस्टम फेल
वहीं मार्किट कमेटी और कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आज 73 किसानों को अपनी फसल सरकारी रेट में बेचने के लिए मैसेज भेजकर बुलाया गया था. जिनमें से 47 किसानों के टोकन दोपहर एक बजे तक काट दिए गए. लेकिन दोपहर एक बजे से टोकन जारी करने वाली साइट नहीं चलने के कारण कुछ किसानों के टोकन नहीं कट सके. उनका कहना है कि जिन किसानों को टोकन नहीं मिल सका है. उन्हें दोबारा मैजेज भेजकर बुलाया जाएगा.