नई दिल्ली/गुरुग्राम: चीन के अलीबाबा ग्रुप की कंपनी यूसी वेब के खिलाफ पूर्व असोसिएट डायरेक्टर ने गुरुग्राम कोर्ट में याचिका दायर की है. आरोप है कि वेबसाइट पर चलाई गई फेक न्यूज का विरोध किया तो कंपनी ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया. याचिका पर संज्ञान लेते हुए सिविल जज जूनियर डिविजन सोनिया श्योकंद की कोर्ट ने अली बाबा और फाउंडर जैक मा को नोटिस जारी किया है.
लद्दाख की गलवान घाटी में भारत-चीन सीमा विवाद के बाद भारत सरकार की ओर से प्रतिबंधित की गई चीन की 59 मोबाइल ऐप में अली बाबा ग्रुप की यूसी न्यूज और यूसी ब्राउजर ऐप भी शामिल है. अली बाबा ग्रुप की कंपनी यूसी वेब के गुरुग्राम ऑफिस में जुलाई 2017 तक असोसिएट डायरेक्टर के पद पर काम कर चुके पुष्पेंद्र सिंह परमार की ओर से उनके वकील अतुल अहलावत ने ये याचिका दायर की है.
12 लोगों को समन जारी
याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि कंपनी चीन विरोधी कंटेंट को सेंसर करने के लिए संवेदनशील शब्दों का इस्तेमाल करती थी. इसके ऐप यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज सामाजिक और राजनीतिक उथल-पुथल मचाने के लिए फेक न्यूज फैलाते हैं. कोर्ट ने कुल 12 लोगों को समन जारी कर 29 जुलाई तक खुद या वकील के जरिए पेश होने के निर्देश दिए हैं.
इन 12 लोगोंं में से अलीबाबा ग्रुप, यूसी वेब मोबाइल प्राइवेट लिमिटेड, फाउंडर जैक मा, कंपनी के दो चीनी व दो भारतीय डायरेक्टर आदि शामिल हैं. याचिकाकर्ता की ओर से दायर की गई 56 पेज की याचिका में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने अक्टूबर 2017 में उन्हें बगैर किसी नोटिस के निकाल दिया था.
कंपनी पर लगाए गंभीर आरोप
पूर्व कर्मचारी का आरोप है कि साल 2017 के दौरान ऐप पर एक गलत पोस्ट डाला गया था जिसमें पोस्ट डालकर कहा गया था कि आज आधी रात से 2000 रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. 2018 के दौरान एक पोस्ट की हेडलाइन थी, अभी-अभी भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध छिड़ गया है, लेकिन भारत ने न ही दो हजार रुपये के नोटों पर प्रतिबंध लगाया और न ही साल 2018 के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध हुआ था.