नई दिल्ली/गुरुग्राम: कोरोना ने पूरे देश मे मौत का तांडव मचा रखा है. यही नहीं कोरोना के सामने आम इंसान हो या खास सभी लाचार नजर आ रहे हैं. वहीं सिस्टम के दावे खोखले नजर आने लगे हैं. जहां सरकार तमाम तरह की व्यवस्था होने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी ओर गुरुग्राम के नामी निजी अस्पताल की पार्किंग में पूर्व राजदूत की अस्पताल में बेड ना मिलने से दर्दनाक मौत हो गई.
दरअसल पूर्व राजदूत अशोक अमरोही कोरोना से पीड़ित थे और इलाज के लिए वो गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन अस्पताल में बेड ना होने के चलते गाड़ी में ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई. वहीं इस लाचार और बेबस सिस्टम के सामने जिंदगियां घुटने टेक रही हैं. इस भयानक स्थिति से वह भी नहीं बच पाए जो राजनीतिक, प्रशासनिक का अच्छा अनुभव रखते थे.
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कई देशों में भारत के राजदूत रह चुके अशोक अमरोही अस्पताल के बाहर कार में ही कोरोना से जंग हार गए. जानकारी के अनुसार गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल के बाहर लगभग पांच घंटे तक वह कार पार्किंग में बेड का इंतजार करते रहे, लेकिन उनके परिवार वालों को अस्पताल में कागज़ी कार्रवाई में ही उलझाए रखा गया, लेकिन बेड नहीं मिला और इस लाचार सिस्टम की लाचारी के कारण अशोक अमरोही इस दुनिया को अलविदा कह गए.