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तो ये है दक्षिण हरियाणा में बारिश की वजह, जानें क्या कह रहे हैं मौसम वैज्ञानिक

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Published : Aug 21, 2020, 10:46 AM IST

पिछले 30 घंटे में औसतन 7.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. हालांकि मौसम विभाग के अनुसार ये बारिश औसतन कम है.

according to meteorologists know the reason for rain in South Haryana
हरियाणा मौसम अपडेट

नई दिल्ली/चंडीगढ़: इस प्रकृति ने पृथ्वी को कई मौसम तोहफे में दिए हैं, गर्मी, सर्दी, बरसात, पतझड़... ये सभी मौसम इस धरती के लिए काफी अहम हैं. मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन कभी कभी प्रकृति का ये रूप बेहद रौद्र हो जाता है और तब शुरू होती हैं परेशानियां. इस वक्त भादो का महीना है, लेकिन प्रकृति ने पूरे उत्तर भारत में ऐसा रूप दिखाया कि लगता है सावन की झड़ी लग गई है.

तो ये है दक्षिण हरियाणा में बारिश की वजह...

रुक-रुक कर हो रही है प्रदेश में बारिश

पिछले 30 घंटों से पूरे एनसीआर में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. इस भारी बारिश की वजह से आम जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. हरियाणा में बुधवार को 30 किमी प्रति घंटा की गति से चली तेज हवाओं के साथ आई बारिश की वजह से कई जिलों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर गिर गए. पिछले 30 घंटे में औसतन 7.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. हालांकि मौसम विभाग के अनुसार ये बारिश औसतन कम है.

हरियाणा में बारिश की संभावनाएं कैसे बनती है?

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अध्यक्ष एमएल खिचड़ का कहना है कि हरियाणा में बारिश आने की दो तरह से संभावनाएं बढ़ती हैं. एक अरब महासागर से और दूसरा बंगाल की खाड़ी से. यहां से साइक्लोनिक हवाएं हरियाणा तक पहुंचती हैं तो बारिश होती है, लेकिन लंबे समय से हरियाणा तक ये हवाएं पहुंचने तक कमजोर हो जाती है, जिस वजह से कई जिलों में औसतन कम बारिश हो रही हैं.

फिलहाल एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन दक्षिण हरियाणा के पास बना हुआ है. नमी वाली हवाए उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों की तरफ बढऩे की संभावना को देखते हुए हरियाणा राज्य में मॉनसूनी हवाओं की सक्रियता अगले दो दिनों तोक बने रहने की संभावना है.

हरियाणा में कहां कितनी हुई बारिश

पिछले दो दिनों पर नजर डालें तो हिसार में 8.2 मिलीमीटर, कैथल में 31 मिलीमीटर, अंबाला में 7 मिलीमीटर, फतेहाबाद में13 मिलीमीटर, जींद के अलेवा में 29 मिलीमीटर, करनाल में 35 मिलीमीटर, झज्जर में 4 मिलीमीटर, भिवानी में 10 मिलीमीटर, पानीपत में 5 मिलीमीटर, कुरुक्षेत्र में 10 मिलीमीटर, यमुनानगर में 28 मिलीमीटर बारिश हुई है. वहीं हरियाणा के बाकी जिलों में छिटपुट बारिश ही हुई.

डूब गया गुरुग्राम!

गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 95 मिलीमीटर पानी बरसा. इससे पूरा शहर पानी-पानी हो गया. एक चार मंजिला मकान गिरने को है. आलम तो यह है कि सड़क पर भरे बरसात के पानी में गोल्फर ज्योति रंधावा ने बोट चलाई. लोगों को आने-जाने में खासी मुसीबत का सामना करना पड़ा.

किसानों के लिए भेंट है ये बारिश

दरअसल मानसूनी हवाओं का टर्फ सामान्य स्थिति में अगले दो दिनों तक सक्रिय रहने की संभावना है. चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि इस बारिश से फसलों को भी फायदा होगा, बस पानी निकासी की सुविधा हो और तेज हवा नहीं चले.

मौसम विभाग के अनुसार एक सॉइक्लोनिक सर्कुलेशन पंजाब और इसके साथ लगते क्षेत्रों में बना हुआ है. अरब सागर से नमी वाली दक्षिण पश्चिमी हवाएं भी और अधिक प्रबल होने की संभावना पहले ही बनी हुई थी. आने वाले दो दिनों में प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी बारिश आने की उम्मीद है.

नई दिल्ली/चंडीगढ़: इस प्रकृति ने पृथ्वी को कई मौसम तोहफे में दिए हैं, गर्मी, सर्दी, बरसात, पतझड़... ये सभी मौसम इस धरती के लिए काफी अहम हैं. मानव जीवन के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन कभी कभी प्रकृति का ये रूप बेहद रौद्र हो जाता है और तब शुरू होती हैं परेशानियां. इस वक्त भादो का महीना है, लेकिन प्रकृति ने पूरे उत्तर भारत में ऐसा रूप दिखाया कि लगता है सावन की झड़ी लग गई है.

तो ये है दक्षिण हरियाणा में बारिश की वजह...

रुक-रुक कर हो रही है प्रदेश में बारिश

पिछले 30 घंटों से पूरे एनसीआर में बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है. इस भारी बारिश की वजह से आम जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है. हरियाणा में बुधवार को 30 किमी प्रति घंटा की गति से चली तेज हवाओं के साथ आई बारिश की वजह से कई जिलों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर गिर गए. पिछले 30 घंटे में औसतन 7.3 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई. हालांकि मौसम विभाग के अनुसार ये बारिश औसतन कम है.

हरियाणा में बारिश की संभावनाएं कैसे बनती है?

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के मौसम विभाग के अध्यक्ष एमएल खिचड़ का कहना है कि हरियाणा में बारिश आने की दो तरह से संभावनाएं बढ़ती हैं. एक अरब महासागर से और दूसरा बंगाल की खाड़ी से. यहां से साइक्लोनिक हवाएं हरियाणा तक पहुंचती हैं तो बारिश होती है, लेकिन लंबे समय से हरियाणा तक ये हवाएं पहुंचने तक कमजोर हो जाती है, जिस वजह से कई जिलों में औसतन कम बारिश हो रही हैं.

फिलहाल एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन दक्षिण हरियाणा के पास बना हुआ है. नमी वाली हवाए उत्तर पश्चिमी भारत के मैदानी क्षेत्रों की तरफ बढऩे की संभावना को देखते हुए हरियाणा राज्य में मॉनसूनी हवाओं की सक्रियता अगले दो दिनों तोक बने रहने की संभावना है.

हरियाणा में कहां कितनी हुई बारिश

पिछले दो दिनों पर नजर डालें तो हिसार में 8.2 मिलीमीटर, कैथल में 31 मिलीमीटर, अंबाला में 7 मिलीमीटर, फतेहाबाद में13 मिलीमीटर, जींद के अलेवा में 29 मिलीमीटर, करनाल में 35 मिलीमीटर, झज्जर में 4 मिलीमीटर, भिवानी में 10 मिलीमीटर, पानीपत में 5 मिलीमीटर, कुरुक्षेत्र में 10 मिलीमीटर, यमुनानगर में 28 मिलीमीटर बारिश हुई है. वहीं हरियाणा के बाकी जिलों में छिटपुट बारिश ही हुई.

डूब गया गुरुग्राम!

गुरुग्राम में सबसे ज्यादा 95 मिलीमीटर पानी बरसा. इससे पूरा शहर पानी-पानी हो गया. एक चार मंजिला मकान गिरने को है. आलम तो यह है कि सड़क पर भरे बरसात के पानी में गोल्फर ज्योति रंधावा ने बोट चलाई. लोगों को आने-जाने में खासी मुसीबत का सामना करना पड़ा.

किसानों के लिए भेंट है ये बारिश

दरअसल मानसूनी हवाओं का टर्फ सामान्य स्थिति में अगले दो दिनों तक सक्रिय रहने की संभावना है. चंडीगढ़ मौसम विभाग के निदेशक सुरेंद्र पॉल का कहना है कि इस बारिश से फसलों को भी फायदा होगा, बस पानी निकासी की सुविधा हो और तेज हवा नहीं चले.

मौसम विभाग के अनुसार एक सॉइक्लोनिक सर्कुलेशन पंजाब और इसके साथ लगते क्षेत्रों में बना हुआ है. अरब सागर से नमी वाली दक्षिण पश्चिमी हवाएं भी और अधिक प्रबल होने की संभावना पहले ही बनी हुई थी. आने वाले दो दिनों में प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी बारिश आने की उम्मीद है.

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