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स्पेशल: अनलॉक 1 में खेतों पर काम मिलने से खुश हुईं महिला मजदूर

खेतों पर काम कर रही महिला मजदूरों का कहना है कि उनको लाॅकडाउन की वजह से कोई खास दिक्कत नहीं हुई हैं. उनको थोड़ा बहुत काम मिलता रहा हैं. लेकिन अगर मौसम खराब होता है, तो उनकों काम मिलना बंद हो जाएगा, जिससे उनको दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.

Women laborers happy to get work on farms in muradnagar ghaziabad due unlock 1
अनलॉक 1
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Published : Jun 4, 2020, 10:19 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लाॅकडाउन के दौरान किसानों और मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन अब जैसे-जैसे सरकार लाॅकडाउन में छूट देती जा रही है. वैसे-वैसे किसान और मजदूरों को सहूलियत मिलना शुरू हो गई है.

खेतों पर काम मिलने से खुश हुई महिला मजदूर

इलाके के खेतों पर मजदूरों को रोजगार मिलना शुरू हो गया है. वहीं लाॅकडाउन के पांचवें चरण में महिला मजदूरों के कैसे हैं हालात, क्या उनको समय पर उनकी क्षमता के मुताबिक दिहाड़ी मिल रही है, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने गाजियाबाद के मुरादनगर में खेतों पर काम करने वाली महिला मजदूरों से की खास बातचीत...


ईटीवी भारत को खेतों पर काम कर रही महिला मजदूरों ने बताया कि वह खेतों में नलाई (घास फूस काटना) करने का काम करती हैं. लाॅकडाउन के बाद से वह आज काम पर आई हैं. जहां पर उनको पूरी दिहाड़ी मिल रही है. लेकिन लाॅकडाउन की वजह से उनको कभी-कभी ही काम ही मिल रहा था.


'बराबर मिल रही है दिहाड़ी'

महिला मजदूरों ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनको खाने-पीने से जुड़ी चीजों में दिक्कतें हुईं लेकिन अब उनको 140 रुपये दिहाड़ी के हिसाब से काम मिल रहा है, जिसमें वह अपना गुजारा कर रही हैं.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन से पहले और अब भी उनकी दिहाड़ी बराबर ही है. महिला मजदूर मीना ने बताया कि वह काफी समय से खेतों पर नलाई का काम करती हैं, लेकिन अब लॉकडाउन के पांचवें चरण में काम मिलने से उनको खासी दिक्कत नहीं हो रही है.


नई दिल्ली/गाजियाबाद: लाॅकडाउन के दौरान किसानों और मजदूरों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन अब जैसे-जैसे सरकार लाॅकडाउन में छूट देती जा रही है. वैसे-वैसे किसान और मजदूरों को सहूलियत मिलना शुरू हो गई है.

खेतों पर काम मिलने से खुश हुई महिला मजदूर

इलाके के खेतों पर मजदूरों को रोजगार मिलना शुरू हो गया है. वहीं लाॅकडाउन के पांचवें चरण में महिला मजदूरों के कैसे हैं हालात, क्या उनको समय पर उनकी क्षमता के मुताबिक दिहाड़ी मिल रही है, इसी को लेकर ईटीवी भारत ने गाजियाबाद के मुरादनगर में खेतों पर काम करने वाली महिला मजदूरों से की खास बातचीत...


ईटीवी भारत को खेतों पर काम कर रही महिला मजदूरों ने बताया कि वह खेतों में नलाई (घास फूस काटना) करने का काम करती हैं. लाॅकडाउन के बाद से वह आज काम पर आई हैं. जहां पर उनको पूरी दिहाड़ी मिल रही है. लेकिन लाॅकडाउन की वजह से उनको कभी-कभी ही काम ही मिल रहा था.


'बराबर मिल रही है दिहाड़ी'

महिला मजदूरों ने बताया कि लाॅकडाउन की वजह से उनको खाने-पीने से जुड़ी चीजों में दिक्कतें हुईं लेकिन अब उनको 140 रुपये दिहाड़ी के हिसाब से काम मिल रहा है, जिसमें वह अपना गुजारा कर रही हैं.

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि लाॅकडाउन से पहले और अब भी उनकी दिहाड़ी बराबर ही है. महिला मजदूर मीना ने बताया कि वह काफी समय से खेतों पर नलाई का काम करती हैं, लेकिन अब लॉकडाउन के पांचवें चरण में काम मिलने से उनको खासी दिक्कत नहीं हो रही है.


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