गाजियाबाद : दिल्ली यूपी की सीमा (border of Delhi UP) गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर किसानों का जमावड़ा लग गया है. किसानों ने यहां पर फिर से एकजुट होकर हवन किया. भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर गाजीपुर बॉर्डर पर (Ghazipur border of Delhi) यह हवन किया गया. किसानों ने बताया कि 2 अक्टूबर का दिन किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है.
ये भी पढ़ें :-बॉर्डर छोड़ने से पहले टिकैत ने देशभर के किसानों से की फतेह मार्च को ऐतिहासिक बनाने की अपील
किसानों पर हुआ था लाठीचार्ज : अगर आप सोच रहे हैं कि किसानों ने फिर से किसान आंदोलन की शुरुआत किसानों ने कर दी है तो गलत है. बता दें कि इस बार मामला कुछ अलग है. मामला 2 अक्टूबर 2018 से जुड़ा हुआ है, जब किसान गाजीपुर बॉर्डर से दिल्ली जाना चाहते थे. उनकी कुछ मांगे थी, जिसको लेकर वह दिल्ली में शांतिपूर्ण ढंग से प्रवेश करना चाहते थे, मगर दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक लिया था. किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया तो पुलिस उन पर लाठीचार्ज की थी. इसीलिए 2 अक्टूबर के दिन को उस दिन की स्मृति के तौर पर याद करते हैं. उसी दिन किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर का नाम किसान क्रांति गेट रख दिया था. हर साल कांति गेट पर आकर वे उसी वजह से हवन और पूजा- अर्चना करते हैं. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तमाम जिलों से किसानों पहुंचते हैं. आज बड़ी संख्या में पहुंचे हैं.
ट्रैफिक पुलिस की एडवाइजरी : किसान आंदोलन या फिर किसानों के बॉर्डर पर आने की बात सामने आते ही पुलिस अलर्ट हो जाती है. ट्रैफिक पुलिस ने इसके चलते एडवाइजरी जारी की. एनएच- 24 पर निचले हिस्से पर ट्रैफिक अवॉयड करने के लिए कहा गया है. सिर्फ ऊपरी हिस्से यानी दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे से ट्रैफिक निकाला जा रहा है. गाजीपुर बॉर्डर के पास गाजीपुर गोल चक्कर की तरफ जाने वाले वाहनों को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे के ऊपर से भेजा जा रहा है. इसी वजह से दिल्ली के कुछ हिस्से में ट्रैफिक स्लो होने की खबर है. पूर्वी दिल्ली के कुछ हिस्से में ट्रैफिक की रफ्तार थम गई है.
ये भी पढ़ें :-किसान आंदोलन का समर्थन करने पहुंचे 97 साल के बुजुर्ग