नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि विधेयकों को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि इनसे कृषि क्षेत्र में बड़ा परिवर्तन आएगा. एक तरफ केंद्र सरकार इन विधेयकों को किसानों के हित में उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम बता रही है, तो वही दूसरी तरफ किसान संगठन और विपक्षी पार्टियां इसके विरोध में हैं. 14 सिंतबर को भारतीय किसान यूनियन (भकियू) ने भी कृषि विधेयकों के विरोध में यूपी गेट पर विरोध प्रदर्शन किया था.
किसान सड़क पर आने को मजबूर
कृषि विधायकों के विरोध में प्रदर्शनों का दौर देशभर में जारी है. भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) समेत कई किसान संगठन ने 25 सितंबर को भारत बंद और चक्का जाम करने की घोषणा की है. भाकियू के मुताबिक तीनों कृषि विधेयक किसान विरोधी हैं और इन विधेयकों के विरोध में किसान सड़क पर आने को मजबूर हैं.
गाजियाबाद जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट
किसान यूनियनों के जरिए की गई भारत बंद और चक्का जाम की घोषणा को मद्देनजर रखते हुए गाजियाबाद जिला प्रशासन और पुलिस अलर्ट मोड पर है. शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने 8 मजिस्ट्रेट की तैनाती की है. इसके अतिरिक्त जिले के कई आला अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र में लगातार भ्रमण पर रहकर शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जरिए किए जा रहे भारत बंद और चक्के जाम में कई किसान संगठनों समेत विभिन्न श्रमिक संगठनों और विपक्षी पार्टियां भी अपना समर्थन दे सकती हैं.