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RRTS के मेरठ साउथ स्टेशन पर रैपिड रेल के साथ-साथ मेट्रो की भी सेवा - मेरठ साउथ स्टेशन

RRTS Corridor (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) का मेरठ साउथ स्टेशन मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन का एक उन्नत उदाहरण होगा. जिसका निर्माण कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है. यह स्टेशन लोगों को आरआरटीएस के साथ साथ मेरठ मेट्रो की भी सेवाएं प्रदान करेगा.

रैपिड रेल
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Published : Mar 30, 2022, 9:50 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: RRTS Corridor (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ) का मेरठ साउथ स्टेशन मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन का एक उन्नत उदाहरण होगा. जिसका निर्माण कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है. यह स्टेशन लोगों को आरआरटीएस के साथ साथ मेरठ मेट्रो की भी सेवाएं प्रदान करेगा. इस स्टेशन का निर्माण मेरठ एक्सप्रेस वे के पास किया जा रहा है. मेरठ साउथ से परतापुर की तरफ जाते हुए यह मेरठ एक्सप्रेस को क्रॉस करेगा और उसके ऊपर से गुजरेगा. यहां निर्मित पिलर की ऊंचाई लगभग 18 मीटर है. यह स्टेशन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सबसे ऊंचे स्टेशनों में से एक है.

मेरठ साउथ स्टेशन के निर्माण के लिए फांउंडेशन और पिलर निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है. अभी स्टेशन के दूसरे लेवल के लिए स्लैब बनाने का कार्य चल रहा है. इस स्टेशन की लंबाई 215 मीटर, चौड़ाई लगभग 24 मीटर और प्लेटफॉर्म लेवल की ऊंचाई करीब 20 मीटर होगी, यात्रियों को पहुंच में सुविधा और सुगमता प्रदान करने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर दो प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे.

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल प्रोजेक्ट का रास्ता साफ, प्रदूषण और जाम से मिलेगा छुटकारा!

इस स्टेशन के लिए चार लेवेल का निर्माण किया जाएगा. कॉनकोर्स लेवल पर यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच किओस्क और टिकट काउंटर के अलावा प्लेटफार्म लेवल पर जाने के लिए एएफसी (ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन) गेट आदि होंगे. साथ ही यात्री केंद्रित सुविधाएं जैसे आधुनिक सूचना डिस्प्ले बोर्ड (ऑडियो-वीडियो सहित), स्टेशन के आसपास के प्रमुख स्थान दर्शाने वाले सिस्टम मैप, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशामक प्रणाली और वॉशरूम आदि जैसी सुविधाएं भी कॉनकोर्स लेवल पर ही उपलब्ध होंगी. कॉनकोर्स लेवल से यात्री सीढ़ियों, लिफ्ट या एस्केलेटर की मदद से प्लेटफार्म लेवल पर पहुँचकर अपने गंतव्य स्थान के लिए ट्रेन ले सकेंगे.

इसे भी पढ़ेंः गाजियाबाद: दिल्ली-मेरठ रैपिड रेल नेटवर्क का काम तेज, 2023 में बनकर होगा तैयार


इस स्टेशन के प्लेटफ़ार्म लेवेल पर दो प्लेटफॉर्म और तीन ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जहां से लोग आरआरटीएस के साथ साथ मेरठ मेट्रो की ट्रेन भी ले सकेंगे. मेरठ साउथ स्टेशन से ही मेरठ मेट्रो की सेवा की शुरुआत होगी जो मोदीपुरम तक जाएगी. मेरठ मेट्रो सेवा के लिए कुल 13 स्टेशन होंगे. ये स्टेशन हैं मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो.


दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे इस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर है, इससे मेरठ मेट्रो और आरआरटीएस से यात्रा करने वाले यात्रियों को कनेक्टिविटी भी मिलेगी. इस ट्रेन के ऑपरेशन होने के बाद दिल्ली से आरआरटीएस के जरिए मेरठ साउथ पहुंच कर यात्री आगे मुजफ्फरनगर और हरिद्वार, ऋषिकेश आदि की बस सर्विस की सुविधा का लाभ भी ले सकेंगे. मुजफ्फरनगर, हरिद्वार और ऋषिकेश की ओर से आने वाले यात्री भी मेरठ साउथ स्टेशन से आरआरटीएस ट्रेन के जरिए 40 मिनट से भी कम समय मे दिल्ली पहुंच सकेंगे.

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नई दिल्ली/गाजियाबाद: RRTS Corridor (रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम ) का मेरठ साउथ स्टेशन मल्टीमॉडल इंटिग्रेशन का एक उन्नत उदाहरण होगा. जिसका निर्माण कार्य बहुत तेजी से किया जा रहा है. यह स्टेशन लोगों को आरआरटीएस के साथ साथ मेरठ मेट्रो की भी सेवाएं प्रदान करेगा. इस स्टेशन का निर्माण मेरठ एक्सप्रेस वे के पास किया जा रहा है. मेरठ साउथ से परतापुर की तरफ जाते हुए यह मेरठ एक्सप्रेस को क्रॉस करेगा और उसके ऊपर से गुजरेगा. यहां निर्मित पिलर की ऊंचाई लगभग 18 मीटर है. यह स्टेशन दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सबसे ऊंचे स्टेशनों में से एक है.

मेरठ साउथ स्टेशन के निर्माण के लिए फांउंडेशन और पिलर निर्माण का कार्य पूरा हो चुका है. अभी स्टेशन के दूसरे लेवल के लिए स्लैब बनाने का कार्य चल रहा है. इस स्टेशन की लंबाई 215 मीटर, चौड़ाई लगभग 24 मीटर और प्लेटफॉर्म लेवल की ऊंचाई करीब 20 मीटर होगी, यात्रियों को पहुंच में सुविधा और सुगमता प्रदान करने के लिए सड़क के दोनों किनारों पर दो प्रवेश और निकास द्वार बनाए जाएंगे.

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इस स्टेशन के लिए चार लेवेल का निर्माण किया जाएगा. कॉनकोर्स लेवल पर यात्रियों के लिए सुरक्षा जांच किओस्क और टिकट काउंटर के अलावा प्लेटफार्म लेवल पर जाने के लिए एएफसी (ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन) गेट आदि होंगे. साथ ही यात्री केंद्रित सुविधाएं जैसे आधुनिक सूचना डिस्प्ले बोर्ड (ऑडियो-वीडियो सहित), स्टेशन के आसपास के प्रमुख स्थान दर्शाने वाले सिस्टम मैप, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशामक प्रणाली और वॉशरूम आदि जैसी सुविधाएं भी कॉनकोर्स लेवल पर ही उपलब्ध होंगी. कॉनकोर्स लेवल से यात्री सीढ़ियों, लिफ्ट या एस्केलेटर की मदद से प्लेटफार्म लेवल पर पहुँचकर अपने गंतव्य स्थान के लिए ट्रेन ले सकेंगे.

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इस स्टेशन के प्लेटफ़ार्म लेवेल पर दो प्लेटफॉर्म और तीन ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जहां से लोग आरआरटीएस के साथ साथ मेरठ मेट्रो की ट्रेन भी ले सकेंगे. मेरठ साउथ स्टेशन से ही मेरठ मेट्रो की सेवा की शुरुआत होगी जो मोदीपुरम तक जाएगी. मेरठ मेट्रो सेवा के लिए कुल 13 स्टेशन होंगे. ये स्टेशन हैं मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो.


दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे इस स्टेशन से कुछ ही दूरी पर है, इससे मेरठ मेट्रो और आरआरटीएस से यात्रा करने वाले यात्रियों को कनेक्टिविटी भी मिलेगी. इस ट्रेन के ऑपरेशन होने के बाद दिल्ली से आरआरटीएस के जरिए मेरठ साउथ पहुंच कर यात्री आगे मुजफ्फरनगर और हरिद्वार, ऋषिकेश आदि की बस सर्विस की सुविधा का लाभ भी ले सकेंगे. मुजफ्फरनगर, हरिद्वार और ऋषिकेश की ओर से आने वाले यात्री भी मेरठ साउथ स्टेशन से आरआरटीएस ट्रेन के जरिए 40 मिनट से भी कम समय मे दिल्ली पहुंच सकेंगे.

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