नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजीपुर बॉर्डर पर बीते 11 महीने से किसानों का आंदोलन चल रहा है. यहां नेशनल हाईवे- 24 को बंद कर तंबू लगाए गए हैं. हालांकि इसको लेकर राकेश टिकैत समेत कई किसान नेता लगातार कहते आ रहे हैं कि हाईवे को हमने नहीं दिल्ली पुलिस की ओर से रोका गया है. दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की गई है.
गुरुवार को इसी को लेकर देश की शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को लेकर टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के कृषि कानूनों का विरोध करना किसानों का अधिकार है, लेकिन वे अनिश्चितकाल के लिए रास्ता रोककर नहीं रख सकते हैं.
किसान अलग-अलग तरीकों से आंदोलन कर सकते हैं, लेकिन लोगों को भी सड़कों पर चलने का अधिकार है. इसलिए कोई भी संगठन लंबे समय तक रास्ता रोककर नहीं रख सकता.
सुप्रीम कोर्ट नोएडा की निवासी मोनिका अग्रवाल की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया है कि किसान आंदोलन के कारण सड़क अवरुद्ध होने से आवाजाही में मुश्किल हो रही है.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने नेशनल हाईवे 24 के दिल्ली-गाजीपुर मुर्गा मंडी की तरफ जाने वाली सर्विस लेन को खोलने की कवायद शुरू की. सर्विस लेन पर दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग से सटे एक बड़े तंबू को किसानों ने खोलना शुरू किया. करीब एक घंटे तक राकेश टिकैत सैकड़ों किसानों के साथ तंबू खोलते रहे.
इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि रास्ता किसानों ने नहीं बल्कि दिल्ली पुलिस ने बंद कर रखा है. हम दिखाना चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग लगाई गई है जिसकी वजह से रास्ता बंद है. टिकैत ने कहा कि हम तंबू हटाकर रास्ता खोल रहे हैं. इस दौरान किसान नेता गाड़ियां और ट्रैक्टर लेकर बैरिकेडिंग के पास पहुंचे.
राकेश टिकैत ने कहा हम दिल्ली की तरफ जाना चाहते हैं, लेकिन रास्ता बंद है ऐसे में यह कैसे कहा जा सकता है कि किसानों ने रास्ता बंद कर रखा है.
ये भी पढ़ें- राकेश टिकैत बोले- किसानों के लिए कृषि कानून और देश के लिए मोदी काला
करीब एक घंटे तक किसान बैरिकेडिंग के पास लगा तंबू खोलते रहे. हालांकि दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग के पास तंबू अभी भी लगा हुआ है. किसानों ने तंबू नहीं हटाया है. इसके साथ ही गाजियाबाद के खोड़ की ओर यानी आंदोलन का दूसरा छोर भी किसानों द्वारा बैरिकेडिंग लगाकर रास्ता बंद किया गया है.
इस मामले पर भारतीय किसान यूनियन ने बयान जारी कर कहा है कि कुछ समय से यह अफवाह फैलाई जा रही हैं कि गाज़ीपुर बॉर्डर खाली किया जा रहा है. यह पूरी तरह से निराधार है. हम यह दिखा रहे हैं कि रास्ता किसानों ने नही दिल्ली पुलिस ने बंद किया है. गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन हटाने का कोई निर्णय नहीं है.
मौजूदा समय में तमाम किसान दिल्ली पुलिस की बैरिकेडिंग के पास से हट गए हैं. हालांकि तंबू पहले की तरह ही लगा हुआ है. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हम दिल्ली जाना चाहते हैं. संयुक्त किसान मोर्चा के एलान का इंतजार है. जैसे ही किसान मोर्चा द्वारा दिल्ली जाने का आह्वान किया जाएगा, गाजीपुर बॉर्डर से तमाम किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे.
ये भी पढ़ें- कृषि कानूनों पर रोक लगी है, किसके खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान : सुप्रीम कोर्ट
इसके पहले भी उच्चतम न्यायालय ने किसान आंदोलन की रूपरेखा को लेकर सवाल किए थे. कोर्ट ने कहा था कि जब तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी गई है तो किसान संगठन किसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.