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दस्तावेजों में गलती कंपनी की, परेशान हो रहे ESI कार्ड होल्डर्स

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Published : Nov 9, 2019, 9:53 AM IST

ईएसआई कार्ड कंपनी की लापरवाही की वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है. गाजियाबाद में लापरवाही सामने आई है, जिसकी वजह से एक परिवार को इलाज में परेशानी आ रही है.

ESI कंपनी की लापरवाही

नई दिल्ली/गाजियाबाद: ईएसआई कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी करते वक्त कंपनी कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों और उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ता है. ऐसी ही एक लापरवाही गाजियाबाद से सामने आई है, जिसकी वजह से एक परिवार को इलाज में परेशानी आ रही है.

ESI कंपनी की लापरवाही से हो रही परेशानी

दरअसल, लोनी के सेवाधाम निवासी महिला के ससुर कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं. वो इलाज और दवाइयों के लिए दस्तावेज लेकर साहिबाबाद के राजेन्द्र नगर स्थित ईएसआई अस्पताल पहुंची, लेकिन महिला के ससुर के ईएसआई दस्तावेजों और आधार कार्ड में जन्मतिथि अलग थी, जिसके चलते महिला को इस खामी को कागजों में दुरुस्त करा कर आने को कहा गया.

कागजों में खामी से परेशानी
महिला की परेशानी को देखते हुए अस्पताल के सहायक निदेशक राज रंजन ने संबंधित लोगों से संपर्क कर खामी को सुधार दिया, जिसके बाद महिला को अस्पताल से दवाईयां मिली.

वहीं इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए ईएसआई अस्पताल की वरिष्ठ अधिशासी अधिकारी डॉ. सुरिंदर कौर ने कहा कि ईएसआई कार्ड बनवाते वक्त भरे गए कॉलम को बारीकी से देख और जांच लेना चाहिए कि कोई स्पेलिंग मिस्टेक या अन्य कोई गलती तो नहीं है, इसके लिए कम्पनी कर्मियों के साथ कार्ड धारकों को भी जागरूक होना चाहिए.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: ईएसआई कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी करते वक्त कंपनी कर्मियों की लापरवाही का खामियाजा मरीजों और उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ता है. ऐसी ही एक लापरवाही गाजियाबाद से सामने आई है, जिसकी वजह से एक परिवार को इलाज में परेशानी आ रही है.

ESI कंपनी की लापरवाही से हो रही परेशानी

दरअसल, लोनी के सेवाधाम निवासी महिला के ससुर कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं. वो इलाज और दवाइयों के लिए दस्तावेज लेकर साहिबाबाद के राजेन्द्र नगर स्थित ईएसआई अस्पताल पहुंची, लेकिन महिला के ससुर के ईएसआई दस्तावेजों और आधार कार्ड में जन्मतिथि अलग थी, जिसके चलते महिला को इस खामी को कागजों में दुरुस्त करा कर आने को कहा गया.

कागजों में खामी से परेशानी
महिला की परेशानी को देखते हुए अस्पताल के सहायक निदेशक राज रंजन ने संबंधित लोगों से संपर्क कर खामी को सुधार दिया, जिसके बाद महिला को अस्पताल से दवाईयां मिली.

वहीं इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए ईएसआई अस्पताल की वरिष्ठ अधिशासी अधिकारी डॉ. सुरिंदर कौर ने कहा कि ईएसआई कार्ड बनवाते वक्त भरे गए कॉलम को बारीकी से देख और जांच लेना चाहिए कि कोई स्पेलिंग मिस्टेक या अन्य कोई गलती तो नहीं है, इसके लिए कम्पनी कर्मियों के साथ कार्ड धारकों को भी जागरूक होना चाहिए.

Intro:ईएसआई कार्ड बनाने की प्रक्रिया पूरी करते वक़्त कंपनी कर्मियों की लापरवाही व गलती का खामियाजा मरीजों व उनके तीमारदारों को भुगतना पड़ता है। ईएसआई अस्पताल के अधिकारियों की मदद से मरीजों को राहत ज़रूर मिल जाती है लेकिन उनका कहना है कि कंपनी कर्मियों व साथ ही कार्ड धारकों को इस ओर जागरूक होना ज़रूरी है, जिससे वो ऐसी परेशानियों से बच सकें।


Body:दरअसल, लोनी के सेवाधाम निवासी महिला के ससुर कैंसर की बीमारी से जूझ रहे हैं। वह इलाज व दवाइयों के लिए कार्ड व दस्तावेज लेकर साहिबाबाद के राजेन्द्र नगर स्थित ईएसआई अस्पताल पहुंची। लेकिन महिला के ससुर के ईएसआई दस्तावेजों और आधार कार्ड में जन्मतिथि भिन्न थी। जिसके चलते महिला को इस खामी को कागजों में दुरुस्त करा कर आने को कहा गया।

महिला की परेशानी को देखते हुए अस्पताल के सहायक निदेशक राज रंजन ने संबंधित लोगों से संपर्क कर उक्त खामी को सुधार दिया गया। जिसके बाद महिला को अस्पताल से दवाई आदि मिल सकी।


Conclusion:वहीं इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए ईएसआई अस्पताल की वरिष्ठ अधिशासी अधिकारी डॉ सुरिंदर कौर ने कहा कि ईएसआई कार्ड बनवाते वक़्त भरे गए कॉलम को बारीकी से देख और जांच लेना चाहिए कि कोई स्पेलिंग मिस्टेक या अन्य कोई गलती तो नही है। इसके लिए कम्पनी कर्मियों के साथ कार्ड धारकों को भी जागरूक होना चाहिए।

बाईट - अस्पताल में आयी महिला

बाईट - सुरिंदर कौर / वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी / ईएसआई अस्पताल
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