नई दिल्ली/गाजियाबाद: कांग्रेस पार्टी के नेताओं का आरोप है कि किसानों को खाद और यूरिया नहीं मिल रही है, क्योंकि उसकी कालाबाजारी की जा रही है. इसलिए किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद और यूरिया मुहैया कराई जाए. इन्हीं मांगों को लेकर बुधवार को कांग्रेस नेताओं ने मोदीनगर तहसील परिसर में ज्ञापन दिया है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अपील पर बुधवार को मोदीनगर शहर कांग्रेस कमेटी के नेता तहसील परिसर में पहुंचे और किसानों को खाद और यूरिया न मिलने और उसकी कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए तहसील परिसर में प्रदर्शन किया. साथ ही इन लोगों ने अपनी मांगो को लेकर उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने कांग्रेस नेताओं से खास बातचीत की.
'खाद की कालाबाजारी पर लगाई जाए रोक'
मोदीनगर शहर कमेटी के अध्यक्ष आशीष शर्मा ने ईटीवी भारत को बताया कि उत्तर प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की अपील पर वो मोदीनगर तहसील परिसर में उप जिलाधिकारी को ज्ञापन देने पहुंचे हैं. इस ज्ञापन में उन्होंने मांग की है कि जिस तरीके उत्तर प्रदेश में किसानों को यूरिया और खाद उपलब्ध नहीं हो रही है. उनको पर्याप्त खाद और यूरिया उपलब्ध कराई जाए. इस संबंध में उन्होंने ज्ञापन देकर सरकार से मांग की है.
इसके साथ ही मोदीनगर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष आशीष शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से बाजार में खाद और यूरिया की कमी पड़ रही है. उसमें कोई शंका नहीं है कि उसकी कालाबाजारी की जा रही है. इसलिए उनकी सरकार से मांग है कि इस कालाबाजारी पर रोक लगाई जाएं.
वहीं इस दौरान मोदीनगर व्यापार प्रकोष्ठ के शहर अध्यक्ष इशांत सहगल ने कहा कि जिस तरीके से किसानों को खाद और यूरिया की कमी हो रही है. उसकी पूर्ति की मांग के लिए उन्होंने ज्ञापन दिया है. उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी हर कदम पर किसानों का साथ देगी.
'किसानों की समस्या को लेकर करेंगे आंदोलन'
मोदीनगर यूथ कांग्रेस के नेता आरिफ रिजवी ने कहा कि किसानों की जो समस्या चली आ रही है. हम उन समस्याओं में किसानों के साथ हैं. अगर किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है तो वो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन करेंगे.
वहीं कांग्रेस पार्टी के जिला महासचिव राधा कृष्ण शर्मा ने कहा कि किसानों की मुख्य समस्या खाद और बीज है. इस समय धान की रोपाई चल रही है. लेकिन किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है और अगर मिल भी रही है तो वह बहुत अधिक महंगी मिल रहा है.
ऐसे में किसान उसको कैसे खरीद पाएगा. इसमें प्रशासन और सरकार की घोर लापरवाही है. उन्होंने आगे कहा कि किसानों को पहले से ही गन्ने की पेमेंट नहीं मिलती तो कभी बिजली के रेट बढ़ा दिए जाते हैं. इन वजहों से किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं.