ETV Bharat / city

'एक साथ पर्व मनाते आ रहे थे हिंदू-मुसलमान, उपद्रवियों ने पैदा कर दी दरार'

गाजियाबाद स्थित पसौंडा गांव में सालों से रह रहे हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच पिछले दिनों गांव में हुए उपद्रव ने खटास पैदा कर दी. गांव के बुजुर्ग और बुद्धिजीवी लोग चाहते हैं कि फिर से वही पुराना भाईचारा और वही सद्भाव लौटे और हिंदू-मुस्लिम एक परिवार की तरह साथ रहें.

author img

By

Published : Dec 28, 2019, 1:19 PM IST

miscreants created rift in Hindu and Muslim in Pasonda  Ghaziabad
हिंदू-मुस्लिम के लोगों में उपद्रवियों ने पैदा कर दी दरार

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के पसौंडा में सालों से हिंदू-मुस्लिम परिवार एक साथ रहते थे, लेकिन पिछले दिनों गांव में हुए उपद्रव ने दोनों समुदायों के बीच खटास पैदा कर दी. जिसे दूर करने में समाज के लोग जुटे हैं.

हिंदू-मुस्लिम के लोगों में उपद्रवियों ने पैदा कर दी दरार


'पहले कभी नहीं बिगड़ा था माहौल'
करीब एक लाख की आबादी वाले पसौंडा गांव में हिन्दू और मुस्लिमों की संख्या लगभग बराबर की है. इस गांव की खासियत यह है कि यहां हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोग परिवार की तरह रहते हैं. प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कई दंगे फसाद हुए, लेकिन पसौंडा में हिंदू-मुस्लिम हमेशा साथ रहे और कभी कोई घटना नहीं हुआ. लेकिन पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव ने दोनों समुदायों के बीच थोड़ी खाई जरूर पैदा कर दी है, जिसे पाटने में गांव के ही लोग जुटे हैं.

Pasonda  Ghaziabad
पसौंडा गांव , गाजियाबाद


'एक साथ पर्व मनाते आ रहे हैं हिन्दू-मुसलमान'
गांव के रहने वाले बुजुर्गों के चेहरे पर इस बवाल और उपद्रव के बाद उभरी चिंता की लकीरें साफ दिखाई देती हैं. स्थानीय बुजुर्गों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि इस वर्षों पुराने गांव में हिंदू-मुस्लिमों के बीच इस कदर आपसी सद्भाव रहा है कि हिंदुओं ने मुस्लिमों के हर त्यौहार में शिरकत की है. मुस्लिमों ने भी हिंदुओं के हर पर्व को उनके साथ मनाया है. यही नहीं गांव में मुस्लिमों ने अपनी जमीन पर हिंदुओं के लिए मंदिर के निर्माण में भी अपना सहयोग दिया है.


'एक दाग सा लग गया गांव की साख पर'
गांव में ही रहने वाले पूर्व पार्षद कहते हैं कि हमारा भाईचारा तो ऐसा था कि हम हिंदुओं को हिंदू नहीं बल्कि अपना भाई कहते और मानते हैं. लेकिन पता नहीं भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी कर के माहौल ऐसा बिगाड़ा कि इस गांव की पहचान पर एक दाग से लग गया. लेकिन इस घटना के बाद उन्हें लगता है कि कुछ दरार जरूर पैदा हुई है. जिसकी टीस उन सभी के मन में हैं. ऐसा लगता है कि परिवार में ही कुछ भाई रूठे हुए हैं. गांव के बुजुर्ग और बुद्धिजीवी लोग चाहते हैं कि फिर से वही पुराना भाईचारा और वही सद्भाव लौटे और हिंदू-मुस्लिम एक परिवार की तरह साथ रहें.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के पसौंडा में सालों से हिंदू-मुस्लिम परिवार एक साथ रहते थे, लेकिन पिछले दिनों गांव में हुए उपद्रव ने दोनों समुदायों के बीच खटास पैदा कर दी. जिसे दूर करने में समाज के लोग जुटे हैं.

हिंदू-मुस्लिम के लोगों में उपद्रवियों ने पैदा कर दी दरार


'पहले कभी नहीं बिगड़ा था माहौल'
करीब एक लाख की आबादी वाले पसौंडा गांव में हिन्दू और मुस्लिमों की संख्या लगभग बराबर की है. इस गांव की खासियत यह है कि यहां हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोग परिवार की तरह रहते हैं. प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर कई दंगे फसाद हुए, लेकिन पसौंडा में हिंदू-मुस्लिम हमेशा साथ रहे और कभी कोई घटना नहीं हुआ. लेकिन पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव ने दोनों समुदायों के बीच थोड़ी खाई जरूर पैदा कर दी है, जिसे पाटने में गांव के ही लोग जुटे हैं.

Pasonda  Ghaziabad
पसौंडा गांव , गाजियाबाद


'एक साथ पर्व मनाते आ रहे हैं हिन्दू-मुसलमान'
गांव के रहने वाले बुजुर्गों के चेहरे पर इस बवाल और उपद्रव के बाद उभरी चिंता की लकीरें साफ दिखाई देती हैं. स्थानीय बुजुर्गों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि इस वर्षों पुराने गांव में हिंदू-मुस्लिमों के बीच इस कदर आपसी सद्भाव रहा है कि हिंदुओं ने मुस्लिमों के हर त्यौहार में शिरकत की है. मुस्लिमों ने भी हिंदुओं के हर पर्व को उनके साथ मनाया है. यही नहीं गांव में मुस्लिमों ने अपनी जमीन पर हिंदुओं के लिए मंदिर के निर्माण में भी अपना सहयोग दिया है.


'एक दाग सा लग गया गांव की साख पर'
गांव में ही रहने वाले पूर्व पार्षद कहते हैं कि हमारा भाईचारा तो ऐसा था कि हम हिंदुओं को हिंदू नहीं बल्कि अपना भाई कहते और मानते हैं. लेकिन पता नहीं भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी कर के माहौल ऐसा बिगाड़ा कि इस गांव की पहचान पर एक दाग से लग गया. लेकिन इस घटना के बाद उन्हें लगता है कि कुछ दरार जरूर पैदा हुई है. जिसकी टीस उन सभी के मन में हैं. ऐसा लगता है कि परिवार में ही कुछ भाई रूठे हुए हैं. गांव के बुजुर्ग और बुद्धिजीवी लोग चाहते हैं कि फिर से वही पुराना भाईचारा और वही सद्भाव लौटे और हिंदू-मुस्लिम एक परिवार की तरह साथ रहें.

Intro:गाज़ियाबाद के पसौंडा में सालों से हिदू-मुस्लिम परिवार एक साथ रहते थे। लेकिन पिछले दिनों गांव में हुए उपद्रव ने दोनों समुदायों के बीच खटास पैदा कर दी जिसे दूर करने में समाज के लोग जुटे हैं।

पहले कभी नहीं बिगड़ा था माहौल

करीब एक लाख के आबादी वाले पसौंडा गांव में हिन्दू व मुस्लिमों की संख्या लगभग बराबर की है। गांव के ज़्यादातर लोग सम्पन्न हैं। कई साल पुराने इस गांव की खासियत यह है कि यहां हिन्दू-मुस्लिम समुदाय के लोग परिवार की तरह रहे। प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर कई दंगे फसाद हुए लेकिन पसौंडा में हिंदू मुस्लिम हमेशा साथ रहे और कभी कोई छोटी घटना या बवाल तक नहीं हुआ। लेकिन पिछले शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुए उपद्रव ने दोनों समुदायों के बीच थोड़ी खाई जरूर पैदा कर दी है जिसे पाटने में गांव के ही लोग जुटे हैं।



Body:एक साथ पर्व मनाते आ रहे हैं हिन्दू-मुसलमान

गांव के रहने वाले बुजुर्गों के चेहरे पर इस बवाल व उपद्रव के बाद उभरी चिंता की लकीरें साफ दिखाई देती हैं। ऐसे ही बुजुर्गों ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया कि कई वर्षों पुराने गांव में हिंदू मुस्लिमों मुस्लिम के बीच इस कदर आपसी सद्भाव रहा है कि हिंदुओं ने मुस्लिमों के हर त्यौहार में शिरकत की है, वहीं मुस्लिमों ने हिंदुओं का हर पर्व उनके साथ मनाया है। सुख दुख में एक दूसरे के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे हैं। यही नहीं गांव में मुस्लिमों ने अपनी जमीन पर हिंदू भाई हिंदुओं के लिए मंदिर तक के निर्माण में अपना सहयोग दिया है। Conclusion:एक दाग सा लग गया गांव की साख पर

गांव में ही रहने वाले पूर्व पार्षद कहते हैं कि हमारा भाईचारा तो ऐसा था कि हम हिंदुओं को हिंदू नहीं बल्कि अपना भाई कहते और मानते हैं। लेकिन पता नहीं भीड़ में शामिल कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी कर के माहौल ऐसा बिगाड़ा एक दाग से लग गया इस गांव की पहचान पर।

फिर से लौटेगा भाईचारा

लेकिन इस घटना के बाद उन्हें लगता है कि कुछ दरार जरूर पैदा हुई है जिसकी टीस उन सभी के मन में है। ऐसा लगता है कि परिवार में ही कुछ भाई रूठे हुए हैं। इस टीस को, इस दरार को खत्म करने के लिए गांव के बुजुर्ग व बुद्धिजीवी लोग जुटे हैं और चाहते हैं कि फिर से वही पुराना भाईचारा और वही सद्भाव लौटे और हिंदू मुस्लिम एक परिवार की तरह साथ रहें।

गांव के बुजुर्गों के साथ टिक टैक
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.