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मुरादनगर में 60 की जगह 30 रुपये प्रति लीटर मिल रहा दूध - lockdown effects in farmer

दूध का व्यापार करने वाले किसान जमशेद ने बताया कि रमजान के महीने में भी दूध की सही कीमत नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि लोगों के पास लाॅकडाउन के चलते पैसे नहीं हैं. इसलिए उनका अधिकतर दूध बर्बाद हो रहा है.

milk prices fall 50 percent due to lockdown in Muradnagar
मुरादनगर : 50 फीसदी गिरी दूध की कीमत, 60 की जगह 30 रुपए मिल रहा रेट
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Published : May 2, 2020, 8:02 PM IST

Updated : May 2, 2020, 8:45 PM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान जहां अधिकतर खाद्य सामग्रियां तय दाम से ज्यादा रेट में बेची जा रही हैं तो वहीं दूध के व्यापार पर इसका उल्टा असर पड़ा है. मुरादनगर कस्बे के किसान जो दूध बेचने के काम करते हैं उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते दूध के दाम 50 फीसदी गिर गए हैं.

क्या कह रहे मुरादनगर के दूध व्यापारी

दूध का व्यापार करने वाले किसान का कहना है कि लंबे वक्त से चले आ रहे लाॅकडाउन की वजह से उनको दूध के व्यापार में काफी नुकसान हो रहा है. सुचारु रूप से शहरी क्षेत्रों में दुध सप्लाई ना होने की वजह से वह आसपास के क्षेत्रों में ही सस्ते दामों में दूध बेच रहे हैं.

सप्लाई सुचारू नहीं

मुरादनगर कस्बे के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर किसान पशुपालन कर उनके दूध का व्यापार करते हैं. उनके दूध की सप्लाई बड़े शहरी क्षेत्रों में होती है, लेकिन लाॅकडाउन के चलते दूध की सप्लाई सुचारू ढंग से नहीं हो पा रही है. इसलिए दूध व्यापारी काफी परेशान हैं. लाॅकडाउन के चलते पशुपालन कर दूध का व्यापार करने वाले किसानों को क्या दिक्कतें हो रही हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत में किसान से बातचीत की

बर्बाद हो रहा दूध

दूध का व्यापार करने वाले किसान जमशेद ने बताया कि रमजान के महीने में भी दूध की सही कीमत नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि लोगों के पास लाॅकडाउन के चलते पैसे नहीं हैं. इसलिए उनका अधिकतर दूध बर्बाद हो रहा है. इसके साथ ही उनका कहना है कि लाॅकडाउन की वजह से पशुओं का चारा भी महंगा हो गया है.

दूध की सप्लाई बंद होने से हो रहा है नुकसान

किसान ने बताया कि लाॅकडाउन से पहले उनके दूध की मांग इतनी अधिक होती थी कि वह उसको पूरा भी नहीं कर पाते थे. पहले वह 60 रुपये प्रति किलोग्राम दूध बेचते थे, लेकिन अब मजबूरी में उनको 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से अपने आस-पास के क्षेत्रों में दूध बेचना पड़ रहा है. इस वजह से उनको बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान जहां अधिकतर खाद्य सामग्रियां तय दाम से ज्यादा रेट में बेची जा रही हैं तो वहीं दूध के व्यापार पर इसका उल्टा असर पड़ा है. मुरादनगर कस्बे के किसान जो दूध बेचने के काम करते हैं उनका कहना है कि लॉकडाउन के चलते दूध के दाम 50 फीसदी गिर गए हैं.

क्या कह रहे मुरादनगर के दूध व्यापारी

दूध का व्यापार करने वाले किसान का कहना है कि लंबे वक्त से चले आ रहे लाॅकडाउन की वजह से उनको दूध के व्यापार में काफी नुकसान हो रहा है. सुचारु रूप से शहरी क्षेत्रों में दुध सप्लाई ना होने की वजह से वह आसपास के क्षेत्रों में ही सस्ते दामों में दूध बेच रहे हैं.

सप्लाई सुचारू नहीं

मुरादनगर कस्बे के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले अधिकतर किसान पशुपालन कर उनके दूध का व्यापार करते हैं. उनके दूध की सप्लाई बड़े शहरी क्षेत्रों में होती है, लेकिन लाॅकडाउन के चलते दूध की सप्लाई सुचारू ढंग से नहीं हो पा रही है. इसलिए दूध व्यापारी काफी परेशान हैं. लाॅकडाउन के चलते पशुपालन कर दूध का व्यापार करने वाले किसानों को क्या दिक्कतें हो रही हैं. इसको लेकर ईटीवी भारत में किसान से बातचीत की

बर्बाद हो रहा दूध

दूध का व्यापार करने वाले किसान जमशेद ने बताया कि रमजान के महीने में भी दूध की सही कीमत नहीं मिल पा रहा है, क्योंकि लोगों के पास लाॅकडाउन के चलते पैसे नहीं हैं. इसलिए उनका अधिकतर दूध बर्बाद हो रहा है. इसके साथ ही उनका कहना है कि लाॅकडाउन की वजह से पशुओं का चारा भी महंगा हो गया है.

दूध की सप्लाई बंद होने से हो रहा है नुकसान

किसान ने बताया कि लाॅकडाउन से पहले उनके दूध की मांग इतनी अधिक होती थी कि वह उसको पूरा भी नहीं कर पाते थे. पहले वह 60 रुपये प्रति किलोग्राम दूध बेचते थे, लेकिन अब मजबूरी में उनको 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से अपने आस-पास के क्षेत्रों में दूध बेचना पड़ रहा है. इस वजह से उनको बहुत अधिक नुकसान उठाना पड़ रहा है.

Last Updated : May 2, 2020, 8:45 PM IST
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