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गाजियाबाद: बर्ड फ्लू के साए में ठप हो गया चिकन व्यापार

गाजियाबाद के चिकन व्यापारियों ने बताया कि पहले उनके व्यापार पर कोरोना का साया पड़ा था. वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्लू की वजह से खरीदार नहीं आ रहे हैं.

Interaction with Chicken Traders in ghaziabad
गाजियाबाद
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Published : Jan 19, 2021, 8:12 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे मांस और अंडे के व्यवसाय पर अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. पिछले कुछ दिनों में न सिर्फ चिकन की डिमांड में कमी आई है, बल्कि इसके रेट भी गिर गए हैं. इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के चिकन व्यापारियों ने बताया कि पहले उनके व्यापार पर कोरोना का साया पड़ा था. वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्लू की वजह से खरीदार नहीं आ रहे हैं.

बर्ड फ्लू का साया पड़ने से चिकन व्यापार हुआ ठप

जिसकी वजह से उनका व्यापार ठप हो गया है. बर्ड फ्लू के कारण नॉनवेज के शौकीन लोग काफी कशमकश में चल रहे हैं. ऐसे में चिकन व्यापार पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है, जिससे चिकन व्यापारियों का काम धंधा चौपट हो रहा है.

कोरोना के बाद व्यापार पर पड़ा बर्ड फ्लू का साया

वहीं चिकन व्यापारी सुहेल ने बताया कि वह 10 साल से चिकन का काम कर रहे हैं. बर्ड फ्लू के कारण अब चिकन का व्यापार काफी मंदा हो गया है. सुबह से शाम तक उनके 20 से 30 मुर्गे भी नहीं बिक पाते हैं. सुहेल का कहना है कि चिकन का दाम 90 से 100 रुपये किलो है. इसके बावजूद बर्ड फ्लू के कारण लोग मुर्गा खरीदने से बच रहे हैं. इसकी वजह से उनका चिकन का रोजगार ठप हो गया है. ऐसे में दुकान का किराया निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है.


90 से 100 रुपये किलो हुआ चिकन के दाम

ऐसा ही कुछ हाल चिकन की दुकान चलाने वाले दानिश का भी है. उनका कहना है कि पहले उनके व्यापार पर लाॅकडाउन और कोरोना का साया पड़ा था. तो अब वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्लू की वजह से व्यापार चौपट हो गया है. मंडी से तो मुर्गे आ रहे हैं. लेकिन बाजार में नहीं बिक पा रहे हैं.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: लॉकडाउन के बाद धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहे मांस और अंडे के व्यवसाय पर अब बर्ड फ्लू का खतरा मंडरा रहा है. पिछले कुछ दिनों में न सिर्फ चिकन की डिमांड में कमी आई है, बल्कि इसके रेट भी गिर गए हैं. इसी कड़ी में राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद के चिकन व्यापारियों ने बताया कि पहले उनके व्यापार पर कोरोना का साया पड़ा था. वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्लू की वजह से खरीदार नहीं आ रहे हैं.

बर्ड फ्लू का साया पड़ने से चिकन व्यापार हुआ ठप

जिसकी वजह से उनका व्यापार ठप हो गया है. बर्ड फ्लू के कारण नॉनवेज के शौकीन लोग काफी कशमकश में चल रहे हैं. ऐसे में चिकन व्यापार पर इसका सीधा प्रभाव पड़ रहा है, जिससे चिकन व्यापारियों का काम धंधा चौपट हो रहा है.

कोरोना के बाद व्यापार पर पड़ा बर्ड फ्लू का साया

वहीं चिकन व्यापारी सुहेल ने बताया कि वह 10 साल से चिकन का काम कर रहे हैं. बर्ड फ्लू के कारण अब चिकन का व्यापार काफी मंदा हो गया है. सुबह से शाम तक उनके 20 से 30 मुर्गे भी नहीं बिक पाते हैं. सुहेल का कहना है कि चिकन का दाम 90 से 100 रुपये किलो है. इसके बावजूद बर्ड फ्लू के कारण लोग मुर्गा खरीदने से बच रहे हैं. इसकी वजह से उनका चिकन का रोजगार ठप हो गया है. ऐसे में दुकान का किराया निकालना भी मुश्किल होता जा रहा है.


90 से 100 रुपये किलो हुआ चिकन के दाम

ऐसा ही कुछ हाल चिकन की दुकान चलाने वाले दानिश का भी है. उनका कहना है कि पहले उनके व्यापार पर लाॅकडाउन और कोरोना का साया पड़ा था. तो अब वहीं दूसरी ओर बर्ड फ्लू की वजह से व्यापार चौपट हो गया है. मंडी से तो मुर्गे आ रहे हैं. लेकिन बाजार में नहीं बिक पा रहे हैं.

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