नई दिल्ली/गाजियाबाद: आईएमटी कॉलेज जमीन घोटाले मामले में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आपको बता दें कि आईएमटी कॉलेज मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ का है.
आपको बता दें कि वार्ड 84 के पार्षद राजेंद्र त्यागी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मार्च में आईएमटी कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ शिकायत की थी. जिस जमीन पर आईएमटी बना है, उसे वर्ष 1968 में गाजियाबाद इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने 54 हजार 49 वर्ग गज भूमि लाजपत राय स्मारक महाविद्यालय सोसायटी साहिबाबाद को रियायती दर पर आवंटित की थी.
दरअसल इस जमीन पर कॉलेज का छात्रावास और खेल सुविधाएं विकसित करने थे. लेकिन, आईएमटी प्रबंधन द्वारा इस जमीन पर धोखे से आईएमटी कॉलेज का निर्माण किया गया. इतना ही नहीं छात्रों से फीस के एवज में लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं. जो सरासर लीज के नियमों का उल्लंघन है.
निरस्त होगा आईएमटी का नक्शा
इतना ही नहीं आईएमटी कॉलेज प्रबंधन पर यह भी आरोप है कि अधिकारियों की मिलीभगत से गैरकानूनी तरीके से नक्शा पास कराकर बिना आवंटन के राजनगर इलाके में हाई राइज हॉस्टल का निर्माण कराया गया है. जबकि नियमों के मुताबिक राजनगर इलाके में हाई राइज बिल्डिंग का निर्माण नहीं किया जा सकता. इस संबंध में जब जीडीए के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना है कि पूरे मामले की जांच की जा रही है और बहुत जल्द जमीन समेत आईएमटी का नक्शा निरस्त किया जाएगा.