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GST फ्रॉड रैकेट चला रहा था एक पैन कार्ड पर 11 फर्में, 628 करोड़ की फर्जी बिलिंग की

केंद्रीय जीएसटी विभाग ने फ़र्ज़ी फर्में और बिल बनाकर टैक्स चोरी करने वाले एक रैकेट का खुलासा किया है. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (CGST) विभाग ने दिसंबर 2020 में एक फर्म मेसर्स जय इंटरप्राइजेज और ग़ाज़ियाबाद स्थित 36 अन्य फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की. 36 फर्मों से करीब 628 करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग का पता चला है.

GST fraud racket was running eleven firms on one PAN card fake billing of crores
GST fraud racket was running eleven firms on one PAN card fake billing of crores
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Published : Mar 12, 2022, 4:55 PM IST

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : केंद्रीय जीएसटी विभाग ने फ़र्ज़ी फर्में और बिल बनाकर टैक्स चोरी करने वाले एक रैकेट का खुलासा किया है. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग ने दिसंबर 2020 में एक फर्म मेसर्स जय इंटरप्राइजेज और ग़ाज़ियाबाद स्थित 36 अन्य फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की. जांच में जीएसटी धोखाधड़ी करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. 36 फर्मों से करीब 628 करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग की गई थी. रैकेट ने कई पैन, मोबाइल नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल करके कई फर्जी फर्में बनाकर करीब 99 करोड़ की आईटीसी (Income Tax Credit) का लाभ विभाग से लिया गया था.

जांच के दौरान रैकेट के एक सदस्य नरेश कुमार को फर्जीवाड़े में उसकी सक्रिय संलिप्तता के कारण 21 अप्रैल 2021 को गिरफ्तार किया गया था. जांच को आगे बढ़ाते हुए 8 और 9 मार्च को CGST विभाग के अफसरों ने ग़ाज़ियाबाद और दिल्ली के 6 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान इस रैकेट में शामिल रूपक वशिष्ठ नाम के एक व्यक्ति को तलब किया गया.

GST फ्रॉड रैकेट चला रहा था एक पैन कार्ड पर 11 फर्में, 628 करोड़ की फर्जी बिलिंग की

पता चला कि रूपक वशिष्ठ के पैन कार्ड पर 11 फर्मे रजिस्टर्ड हैं. जांच में सभी फर्में फर्जी पाई गईं. रूपक ने फ़र्ज़ी बिलों से बिना किसी माल की सप्लाई किए सात करोड़ की टैक्स चोरी की है. रूपक की 11 फ़र्ज़ी फर्मों में दिया गए मोबाइल नंबर और बैंक खातों से क़रीब 50 और फ़र्ज़ी फर्मों की जानकारी मिली है.

GST fraud racket was running eleven firms on one PAN card fake billing of crores
GST फ्रॉड रैकेट चला रहा था एक पैन कार्ड पर 11 फर्में, 628 करोड़ की फर्जी बिलिंग की
इसे भी पढ़ें :शारजाह से तस्करी कर चेन्नई लाया गया 1 करोड़ 18 लाख का गोल्ड बरामदबिना किसी माल की प्राप्ति के फ़र्ज़ी फर्में बनाकर फ़र्ज़ी बिल के आधार पर फ़र्ज़ी इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने के आरोप में रूपक वशिष्ठ को 10 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद उसे विशेष सीजेएम कोर्ट मेरठ में पेश किया गया. जहां से उसे 23 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.

नई दिल्ली/ग़ाज़ियाबाद : केंद्रीय जीएसटी विभाग ने फ़र्ज़ी फर्में और बिल बनाकर टैक्स चोरी करने वाले एक रैकेट का खुलासा किया है. केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विभाग ने दिसंबर 2020 में एक फर्म मेसर्स जय इंटरप्राइजेज और ग़ाज़ियाबाद स्थित 36 अन्य फर्मों के खिलाफ जांच शुरू की. जांच में जीएसटी धोखाधड़ी करने वाले एक रैकेट का पर्दाफाश हुआ था. 36 फर्मों से करीब 628 करोड़ रुपए की फर्जी बिलिंग की गई थी. रैकेट ने कई पैन, मोबाइल नंबर और बैंक खातों का इस्तेमाल करके कई फर्जी फर्में बनाकर करीब 99 करोड़ की आईटीसी (Income Tax Credit) का लाभ विभाग से लिया गया था.

जांच के दौरान रैकेट के एक सदस्य नरेश कुमार को फर्जीवाड़े में उसकी सक्रिय संलिप्तता के कारण 21 अप्रैल 2021 को गिरफ्तार किया गया था. जांच को आगे बढ़ाते हुए 8 और 9 मार्च को CGST विभाग के अफसरों ने ग़ाज़ियाबाद और दिल्ली के 6 विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान इस रैकेट में शामिल रूपक वशिष्ठ नाम के एक व्यक्ति को तलब किया गया.

GST फ्रॉड रैकेट चला रहा था एक पैन कार्ड पर 11 फर्में, 628 करोड़ की फर्जी बिलिंग की

पता चला कि रूपक वशिष्ठ के पैन कार्ड पर 11 फर्मे रजिस्टर्ड हैं. जांच में सभी फर्में फर्जी पाई गईं. रूपक ने फ़र्ज़ी बिलों से बिना किसी माल की सप्लाई किए सात करोड़ की टैक्स चोरी की है. रूपक की 11 फ़र्ज़ी फर्मों में दिया गए मोबाइल नंबर और बैंक खातों से क़रीब 50 और फ़र्ज़ी फर्मों की जानकारी मिली है.

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