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सरकार किसानों को मजदूर बनाना चाहती है : गाजीपुर बॉर्डर पर बोले गौरव टिकैत - गाजीपुर बॉर्डर गाजियाबाद

गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच पर पहुंचे आज भारतीय किसान यूनियन (युवा) के अध्यक्ष गौरव टिकैत ने कहा कि सरकार किसान को थकाकर हराने के सपने देख रही है लेकिन वह गलतफहमी में है. किसान अपनी मांगें मनवाने के बाद ही घर लौटेगा.

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किसान नेता गौरव टिकैत
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Published : Mar 12, 2021, 9:30 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच से आज भारतीय किसान यूनियन (युवा) के अध्यक्ष गौरव टिकैत पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार किसान को थकाकर हराने के सपने देख रही है लेकिन वह गलतफहमी में है. किसान अपनी मांगें मनवाने के बाद ही घर लौटेगा.

गौरव टिकैत ने कहा कि जिस किसान को सरकार बिल समझाने की बात करती है वह किसान सब कुछ समझ गया है और इसीलिए साढ़े तीन महीनों से सड़कों पर है. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के लिए बनाए गए यह कानून किसान को मजदूर बनाने के लिए हैं.

ये भी पढ़ें : 'आंदोलन की भूमि है बंगाल का नंदीग्राम'- किसान महापंचायत पर बोले BKU नेता

उन्होंने आगे कहा कि खेती किसानी बड़ी-बड़ी कंपनियों के हाथों सौंपने के बाद किसानों को सरकार मजदूर बना देगी. आज हम खेत में पैदा हुआ अनाज खा लेते हैं लेकिन कॉन्ट्रेक्ट खेती के बाद हमें भी अनाज खरीदकर खाना पड़ेगा. सरकार यही चाहती है कि किसान अपनी आवाज उठाने लायक ना रहें.

गौरव टिकैत ने आगे कहा कि सरकार को हमारी फसलों के सही दाम देने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को अच्छे से लागू करना चाहिए. किसानों की दुर्दशा फसलों के सही दाम मिलने से ही दूर होगी.

ये भी पढ़ें : किसानों से मुलाकात करने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे अधिकारी, बिजली-पानी-गंदगी पर चर्चा

आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन के 107वें दिन मंच पर किसानों ने 24 घंटे का क्रमिक अनशन किया.

नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजीपुर बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के मंच से आज भारतीय किसान यूनियन (युवा) के अध्यक्ष गौरव टिकैत पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार किसान को थकाकर हराने के सपने देख रही है लेकिन वह गलतफहमी में है. किसान अपनी मांगें मनवाने के बाद ही घर लौटेगा.

गौरव टिकैत ने कहा कि जिस किसान को सरकार बिल समझाने की बात करती है वह किसान सब कुछ समझ गया है और इसीलिए साढ़े तीन महीनों से सड़कों पर है. उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग के लिए बनाए गए यह कानून किसान को मजदूर बनाने के लिए हैं.

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उन्होंने आगे कहा कि खेती किसानी बड़ी-बड़ी कंपनियों के हाथों सौंपने के बाद किसानों को सरकार मजदूर बना देगी. आज हम खेत में पैदा हुआ अनाज खा लेते हैं लेकिन कॉन्ट्रेक्ट खेती के बाद हमें भी अनाज खरीदकर खाना पड़ेगा. सरकार यही चाहती है कि किसान अपनी आवाज उठाने लायक ना रहें.

गौरव टिकैत ने आगे कहा कि सरकार को हमारी फसलों के सही दाम देने के लिए स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को अच्छे से लागू करना चाहिए. किसानों की दुर्दशा फसलों के सही दाम मिलने से ही दूर होगी.

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आपको बता दें कि गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन के 107वें दिन मंच पर किसानों ने 24 घंटे का क्रमिक अनशन किया.

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