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गाजियाबाद: 5वें दिन भी जारी अभिभावकों की भूख हड़ताल, एक और अभिभावक हुईं बेहोश - गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन

गाजियाबाद में पिछले कुछ दिनों से गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के लोगों स्कूल फीस को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जिसमें रविवार के दिन भूख हड़ताल पर बैठी महिला भारती शर्मा की अचानक तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उन्हे अस्पताल में भर्ती कराया.

Ghaziabad Parents Association protests over school fees
पांचवे दिन अभिभावकों की भूख हड़ताल
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Published : Sep 6, 2020, 7:33 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जनपद गाजियाबाद में जिला मुख्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे पेरेंट्स का धरना 5वें दिन भी जारी है. पांचवें दिन भूख हड़ताल पर बैठी भारती शर्मा नाम की महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद एंबुलेंस बुलाकर भारती को अस्पताल में एडमिट कराया गया. वहीं गुस्साए अभिभावकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

पांचवे दिन अभिभावकों की भूख हड़ताल


रविवार को भी मांग पर अड़े रहे पेरेंट्स

बता दें कि पांचवें दिन रविवार रहा और जिला मुख्यालय नहीं खुला था. जिसके कारण कोई भी अधिकारी नहीं आया था लेकिन उसके बावजूद रोड के किनारे पेरेंट्स बैठे रहे और अपनी मांग पर अड़े रहे. वहीं जब भारती शर्मा की तबीयत बिगड़ी, तो वहीं इससे पहले दो और पेरेंट्स की तबीयत बिगड़ चुकी है. पेरेंट्स का कहना है कि मांग नहीं माने जाने तक, वह इसी तरह से भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.


पुलिस की निगरानी जारी

जिला मुख्यालय के बाहर हमेशा पुलिस रहती है और भूख हड़ताल कर रहे पेरेंट्स पर पुलिस की निगरानी भी लगातार बनी हुई है. पेरेंट्स का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से ना तो मांग सुनी जा रही है और ना ही किसी तरह की मदद की जा रही है. लोकतंत्र में आवाज उठाना सबका अधिकार है. पेरेंट्स सिर्फ शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठा रहे हैं. वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार से अभी भी उम्मीद है कि जल्द से जल्द उनकी मांग मान ली जाए. जिससे गरीब पेरेंट्स को लॉकडाउन के दर्द से थोड़ी राहत मिले.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जनपद गाजियाबाद में जिला मुख्यालय के बाहर भूख हड़ताल पर बैठे पेरेंट्स का धरना 5वें दिन भी जारी है. पांचवें दिन भूख हड़ताल पर बैठी भारती शर्मा नाम की महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद एंबुलेंस बुलाकर भारती को अस्पताल में एडमिट कराया गया. वहीं गुस्साए अभिभावकों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की.

पांचवे दिन अभिभावकों की भूख हड़ताल


रविवार को भी मांग पर अड़े रहे पेरेंट्स

बता दें कि पांचवें दिन रविवार रहा और जिला मुख्यालय नहीं खुला था. जिसके कारण कोई भी अधिकारी नहीं आया था लेकिन उसके बावजूद रोड के किनारे पेरेंट्स बैठे रहे और अपनी मांग पर अड़े रहे. वहीं जब भारती शर्मा की तबीयत बिगड़ी, तो वहीं इससे पहले दो और पेरेंट्स की तबीयत बिगड़ चुकी है. पेरेंट्स का कहना है कि मांग नहीं माने जाने तक, वह इसी तरह से भूख हड़ताल पर बैठे रहेंगे.


पुलिस की निगरानी जारी

जिला मुख्यालय के बाहर हमेशा पुलिस रहती है और भूख हड़ताल कर रहे पेरेंट्स पर पुलिस की निगरानी भी लगातार बनी हुई है. पेरेंट्स का आरोप है कि प्रशासन की तरफ से ना तो मांग सुनी जा रही है और ना ही किसी तरह की मदद की जा रही है. लोकतंत्र में आवाज उठाना सबका अधिकार है. पेरेंट्स सिर्फ शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठा रहे हैं. वह किसी को नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार से अभी भी उम्मीद है कि जल्द से जल्द उनकी मांग मान ली जाए. जिससे गरीब पेरेंट्स को लॉकडाउन के दर्द से थोड़ी राहत मिले.

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