नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिला मुख्यालय के बाहर बीते एक हफ्ते से गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन का धरना और भूख हड़ताल जारी है. मांगों को मनवाने के लिए पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी, साधना सिंह और भारती शर्मा भूख हड़ताल पर बैठी हुई हैं.
हालांकि, साधना सिंह और भारती शर्मा की भूख हड़ताल के दौरान तबीयत बिगड़ी थी. जिसके बाद उनको अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन ठीक होने के बाद दोनों महिलाएं फिर से भूख हड़ताल पर बैठ गई हैं. वहीं आज गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा त्यागी की अचानक से बीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
हड़ताल को मिला पार्टियों का समर्थन
गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन के धरने और भूख हड़ताल को अब तक कई राजनीतिक पार्टियों और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल चुका है. मंगलवार को शिवसेना के प्रदेश उप-प्रमुख महेश कुमार आहूजा पेरेंट्स एसोसिएशन के धरने में पहुंचे और समर्थन दिया. इस दौरान उनके साथ भारी संख्या में शिवसेना के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
DM के पहुंचने के बाद भी नहीं हल
बीते 7 दिनों से धरना और भूख हड़ताल जारी है. इस बीच जिले के आला अधिकारी और पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों के बीच कई बार बातचीत भी हुई, लेकिन बातचीत में कोई समाधान नहीं निकल पाया. कल जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे स्वयं पेरेंट्स एसोसिएशन के धरने में पहुंचे थे. करीब 15 मिनट उन्होंने अभिभावकों और एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत की, लेकिन इसके बावजूद भी कोई हल नहीं निकल पाया.
भूख हड़ताल पर बैठी साधना सिंह ने कहा कि गांधी बनकर देख लिया, अब शहीद भगत सिंह बनने की बारी आ गई है. जिला प्रशासन को आज शाम तक का समय दिया गया है. अगर इस बीच अभिभावकों की मांगों को नहीं माना जाता है, तो कल दोपहर पेरेंट्स एसोसिएशन और भारी संख्या में अभिभावक जिले में चक्का जाम करेंगे.
सरकार और जिला प्रशासन के समक्ष गाजियाबाद पेरेंट्स एसोसिएशन द्वारा रखी गई ये मांग-
- लॉकडाउन के दौरान तमाम स्कूल बंद रहे, ऐसे में अप्रैल मई-जून (एक-तिमाही) की फीस स्कूलों द्वारा माफ की जाए.
- कक्षा 5 तक के विद्यार्थियों को ऑनलाइन क्लासेस दिए जाने पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए.
- स्कूल ना खुलने तक फीस का निर्धारण ऑनलाइन दी जा रही शिक्षा के आधार पर किया जाए.
- सरकारी विद्यालयों का जीर्णोद्धार किया जाए.
- सभी निजी स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम सख्ती से सुनिश्चित कराया जाए.