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मिलिए 14 साल के आदर्श से, सीख चुके हैं दर्जन भर Computer Programming Course

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Published : May 28, 2021, 11:08 PM IST

Updated : May 29, 2021, 8:44 AM IST

14 साल के आदर्श ने वो कर दिखाया है जो आम तौर पर इस उम्र के बच्चों की बस की बात नहीं होती. इतनी छोटी से उम्र में दर्जन भर प्रोग्रामिंग कोर्स (Computer Programming Course ) सीखने वाले आदर्श अरोड़ा (Adarsh Arora) ने अब तक दो ऐप (APP) भी विकसित कर दिए हैं. सुनिए आदर्श की प्रेरणादायक कहानी.

14 year old adarsh Inspiring story ghaziabad
आदर्श अरोड़ा के जज्बे को सलाम

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिंदगी में कुछ नया और अलग कर गुजरने का जज्बा हो तो, किसी भी काम के लिए उम्र की आड़े नहीं आती है. मेहनत और लगन से सपनो को हकीकत में बदला जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले आदर्श अरोड़ा (Adarsh Arora) ने. महज 14 साल की छोटी सी उम्र में आदर्श ने वो कर दिखाया है जो आमतौर पर लोग इस उम्र में नहीं कर पाते.

आदर्श अरोड़ा के जज्बे को सलाम
गाजियाबाद के प्रीजीडियम स्कूल पढ़ने वाले कक्षा 9वीं के छात्र आदर्श अरोड़ा ने महज 14 साल की उम्र में कंप्यूटर साइंस के दर्जन भर कोर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन पूरे कर लिए हैं. जिसमें से ऑनलाइन कोर्स मिशिगन यूनिवर्सिटी अमेरिका (University of Michigan USA) से लैंग्वेज पाइथन (Language python), हावर्ड यूनिवर्सिटी (Howard University) से सीएस 50, सीएस 50 ए वन हावर्ड यूनिवर्सिटी से पूरे किए हैं. कोर्स पूरा करने के बाद विश्विद्यालयों से उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं.


कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का था शौक
आदर्श अरोड़ा बताते हैं जब वो पांचवी कक्षा में थे तब उन्हें स्कूल में रोबोटिक्स पढ़ाई जाती थी. रोबोटिक्स सीखने के दौरान मन में प्रोग्रामिंग सीखने का विचार आया तो 'सी-प्रोग्रामिंग भाषा' (C-Programming Language) सीखनी शुरू की. जिसके बाद अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी रुचि बढ़ने लगी और सी++ (C++), कोर जावा (Core Java), एडवांस्ड जावा (Advanced Java) भी सीखना शुरू किया. तमाम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने के बाद विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालय से ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स (Online Certification Courses) भी किये.


पिता ने दिया साथ
आदर्श अपना प्रेरणा सोत्र अपने पिता गोपाल अरोड़ा को मानते हैं. जिन्होंने आदर्श की प्रतिभा को पहचाना और उसके हर सपने को अपना माना. यहीं से आदर्श के पिता ने ठान लिया कि उनके प्रतिभावान बेटे की क्षमताओं का पूरा विस्तार करना है. जिसके लिए उन्होंने दिन-रात योजनाबद्ध तरीके से मेहनत की और आज इसका फल दुनिया के सामने है. प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने के बाद आदर्श दो एंड्रॉइड एप्पलीकेशन बना चुके हैं. जो गूगल प्ले स्टोर पर ज्योमेट्री मॉन्स्टर (Geometry Monster) और स्पेस एडवेंचर (Space Adventure) के नाम से मौजूद हैं. दोनों गेमिंग ऐप्स हैं.

ये भी पढ़ें: जज्बा : बिना हाथों के अपनी किस्मत लिख रहे हरप्रीत


ठुकरा दिया ऑफर
आदर्श के पास न्यूर्याक सिटी स्थित अल्फर्ड यूनिवर्सिटी से जोनाथन ऐलन स्कॉलरशिप के तहत 84 हजार डालर देकर ग्रेजुएशन करने का ऑफर आया था लेकिन आदर्श ने इस ऑफर को ठुकरा दिया. आदर्श का सपना कैलिफ़ोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करना है.

ये भी पढ़ें: नारी तू नारायणी: नीतू का जज्बा जो बन गया दूसरों की रोजी रोटी का साधन


बचपन से अलग था आदर्श
आदर्श की मां कविता अरोड़ा बताती हैं आकाश बचपन से ही काफी अलग मिजाज का था. आमतौर पर बच्चे छोटी उम्र में खेलकूद में ज्यादा ध्यान लगाते हैं लेकिन आदर्श में बचपन से ही कुछ अलग चीज है और करने का जज्बा था. बचपन में आदर्श कार्टून आदि तक नहीं देखता था. टीवी पर डिस्कवरी, नेशनल जियोग्राफी आदि सीखने वाले कार्यक्रम देखा करता था.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: जिंदगी में कुछ नया और अलग कर गुजरने का जज्बा हो तो, किसी भी काम के लिए उम्र की आड़े नहीं आती है. मेहनत और लगन से सपनो को हकीकत में बदला जा सकता है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है गाजियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले आदर्श अरोड़ा (Adarsh Arora) ने. महज 14 साल की छोटी सी उम्र में आदर्श ने वो कर दिखाया है जो आमतौर पर लोग इस उम्र में नहीं कर पाते.

आदर्श अरोड़ा के जज्बे को सलाम
गाजियाबाद के प्रीजीडियम स्कूल पढ़ने वाले कक्षा 9वीं के छात्र आदर्श अरोड़ा ने महज 14 साल की उम्र में कंप्यूटर साइंस के दर्जन भर कोर्स ऑनलाइन और ऑफलाइन पूरे कर लिए हैं. जिसमें से ऑनलाइन कोर्स मिशिगन यूनिवर्सिटी अमेरिका (University of Michigan USA) से लैंग्वेज पाइथन (Language python), हावर्ड यूनिवर्सिटी (Howard University) से सीएस 50, सीएस 50 ए वन हावर्ड यूनिवर्सिटी से पूरे किए हैं. कोर्स पूरा करने के बाद विश्विद्यालयों से उन्हें प्रमाण पत्र भी दिए गए हैं.


कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का था शौक
आदर्श अरोड़ा बताते हैं जब वो पांचवी कक्षा में थे तब उन्हें स्कूल में रोबोटिक्स पढ़ाई जाती थी. रोबोटिक्स सीखने के दौरान मन में प्रोग्रामिंग सीखने का विचार आया तो 'सी-प्रोग्रामिंग भाषा' (C-Programming Language) सीखनी शुरू की. जिसके बाद अन्य प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में भी रुचि बढ़ने लगी और सी++ (C++), कोर जावा (Core Java), एडवांस्ड जावा (Advanced Java) भी सीखना शुरू किया. तमाम प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने के बाद विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालय से ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्स (Online Certification Courses) भी किये.


पिता ने दिया साथ
आदर्श अपना प्रेरणा सोत्र अपने पिता गोपाल अरोड़ा को मानते हैं. जिन्होंने आदर्श की प्रतिभा को पहचाना और उसके हर सपने को अपना माना. यहीं से आदर्श के पिता ने ठान लिया कि उनके प्रतिभावान बेटे की क्षमताओं का पूरा विस्तार करना है. जिसके लिए उन्होंने दिन-रात योजनाबद्ध तरीके से मेहनत की और आज इसका फल दुनिया के सामने है. प्रोग्रामिंग लैंग्वेज सीखने के बाद आदर्श दो एंड्रॉइड एप्पलीकेशन बना चुके हैं. जो गूगल प्ले स्टोर पर ज्योमेट्री मॉन्स्टर (Geometry Monster) और स्पेस एडवेंचर (Space Adventure) के नाम से मौजूद हैं. दोनों गेमिंग ऐप्स हैं.

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ठुकरा दिया ऑफर
आदर्श के पास न्यूर्याक सिटी स्थित अल्फर्ड यूनिवर्सिटी से जोनाथन ऐलन स्कॉलरशिप के तहत 84 हजार डालर देकर ग्रेजुएशन करने का ऑफर आया था लेकिन आदर्श ने इस ऑफर को ठुकरा दिया. आदर्श का सपना कैलिफ़ोर्निया की स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करना है.

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बचपन से अलग था आदर्श
आदर्श की मां कविता अरोड़ा बताती हैं आकाश बचपन से ही काफी अलग मिजाज का था. आमतौर पर बच्चे छोटी उम्र में खेलकूद में ज्यादा ध्यान लगाते हैं लेकिन आदर्श में बचपन से ही कुछ अलग चीज है और करने का जज्बा था. बचपन में आदर्श कार्टून आदि तक नहीं देखता था. टीवी पर डिस्कवरी, नेशनल जियोग्राफी आदि सीखने वाले कार्यक्रम देखा करता था.

Last Updated : May 29, 2021, 8:44 AM IST
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