नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिवाली के बाद से ही गाजियाबाद को प्रदूषण ने अपनी आगोश में ले रखा है. शहर में हर तरफ धुंध और धुआं नजर आ रहा है. आलम यह है कि वाहनों को दिन में भी हेडलाइट जलाकर चलाना पड़ रहा है. गाज़ियाबाद की हवा लोगों का दम घोटने का काम कर रही है. शहर वासियों को लगातार बढ़ रहे प्रदूषण स्तर से सांस लेने में परेशानी हो रही है और आंखों में जलन समेत कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदूषण में 44% पराली का योगदान
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार गाज़ियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स डार्क रेड ज़ोन में है. प्रदूषण का यह स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है. गाजियाबाद के जिलाधिकारी अजय शंकर पांडे ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर कहा कि हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार जनपद के प्रदूषण में 44% योगदान पराली जलने का है, जनपद में पराली कहीं नहीं जल रही है, पड़ोस की राज्यों मे पराली जलने से गाज़ियाबाद का प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है.
15 से 31 अक्टूबर के बीच 2 करोड़ 29 लाख का जुर्माना
जनपद में ग्रेप लागू होने के तुरंत बाद जिलाधिकारी ने ग्रेप इंप्लीमेंटेशन स्क्वायड (जीआईएस) का गठन किया था. 15 से 31 अक्टूबर के बीच प्रदूषण फैलाने पर जीआईएस द्वारा 2 करोड़ 29 लाख रुपये का जुर्माना किया गया है. कूड़ा जलाने पर जनपद में 19 मामलों पर एफ आई आर दर्ज कराई गई है जबकि 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.
प्रदूषण फैलाने वाले अनधिकृत उद्योगों पर कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने 176 अनधिकृत उद्योगों को बंद किया है. जिला प्रशासन ने जनपद के तमाम स्कूलों के लिए एडवाइजरी जारी की है कि सभी स्कूलों में नियमित रूप से छिड़काव कराया जाए साथ ही बच्चों को प्रदूषण से बचाने के लिए बताया गया है.