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लॉकडाउन: नहीं बिक रहे फल, दर्द बयां करते हुए फल व्यापारी की आंखे हुई नम - Corona virus infection

कोरोना के संकट को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन की वजह से छोटे फल और सब्जी व्यापीरियों पर बड़ी गाज गिरी है. ऐसे में अब खरीदार ही नहीं आते. कुछ आते भी हैं तो उससे दिहाड़ी नहीं निकल पाती. कुछ ग्राहकों को डर है कि फल या सब्जी खरीदने से उन्हें कोरोना का संक्रमण हो सकता है.

Fruit vegetable traders upset due to closure of sale during lockdown
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Published : Apr 9, 2020, 1:03 PM IST

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: लॉकडाउन की वजह से छोटे फल-सब्जी व्यापारियों पर आर्थिक संकट आ गया है. वे लोग रोजाना ₹200 की दिहाड़ी भी नहीं निकाल पा रहे हैं और ब्रिकी न होने की वजह से उनके फल भी खराब हो जाते हैं.

'बिक्री न होने से सड़ जाते हैं फल'

'बिक्री न होने से सड़ जाते हैं फल'

नाजिम मुरादनगर कस्बे के मेन रोड पर फल की रेहड़ी लगाते हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से लोगों ने फलों की खरीदारी कम कर दी है. ईटीवी भारत ने नाजिम से बातचीत की तो अपना दर्द बयां करते हुए उनकी आंखें नम हो गईं.

नाजिम ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वो अपने और अपने हेल्पर की पूरे दिन में ₹200 की दिहाड़ी भी नहीं निकाल पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनका घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. उन्होंने आगे बताया कि बिक्री न होने की वजह से उनके फल रोजाना सूख जाते हैं और सड़ जाते हैं. इस वजह से उन्हें आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ता है.

'कर्ज उतारने का बना हुआ है तनाव'

नाजिम ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने कर्ज लिया था. लेकिन अब फलों की बिक्री बंद होने की वजह से उनको कर्ज न चुका पाने का डर सताने लगा है. वह यह उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही पीएम मोदी इस बीमारी को खत्म करें और सब कुछ सामान्य हो जाए. ताकि उनका रोजगार पटरी पर लौट पाए.

नई दिल्ली/ गाजियाबाद: लॉकडाउन की वजह से छोटे फल-सब्जी व्यापारियों पर आर्थिक संकट आ गया है. वे लोग रोजाना ₹200 की दिहाड़ी भी नहीं निकाल पा रहे हैं और ब्रिकी न होने की वजह से उनके फल भी खराब हो जाते हैं.

'बिक्री न होने से सड़ जाते हैं फल'

'बिक्री न होने से सड़ जाते हैं फल'

नाजिम मुरादनगर कस्बे के मेन रोड पर फल की रेहड़ी लगाते हैं. कोरोना वायरस के संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से लोगों ने फलों की खरीदारी कम कर दी है. ईटीवी भारत ने नाजिम से बातचीत की तो अपना दर्द बयां करते हुए उनकी आंखें नम हो गईं.

नाजिम ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से वो अपने और अपने हेल्पर की पूरे दिन में ₹200 की दिहाड़ी भी नहीं निकाल पा रहे हैं. जिसकी वजह से उनका घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है. उन्होंने आगे बताया कि बिक्री न होने की वजह से उनके फल रोजाना सूख जाते हैं और सड़ जाते हैं. इस वजह से उन्हें आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ता है.

'कर्ज उतारने का बना हुआ है तनाव'

नाजिम ने बताया कि कुछ समय पहले उन्होंने कर्ज लिया था. लेकिन अब फलों की बिक्री बंद होने की वजह से उनको कर्ज न चुका पाने का डर सताने लगा है. वह यह उम्मीद करते हैं कि जल्दी ही पीएम मोदी इस बीमारी को खत्म करें और सब कुछ सामान्य हो जाए. ताकि उनका रोजगार पटरी पर लौट पाए.

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