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सम्मान निधि योजना के नाम पर दी जा रही अपमान निधिः आंदोलनकारी किसान

कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर किसान गाजीपुर बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जारी की. इसको किसानों ने अपमान निधि बताया.

farmer protest
आंदोलनकारी किसान
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Published : May 14, 2021, 8:12 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जारी की. इसके तहत किसानों के खातों में 19,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाने हैं. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि यह सम्मान निधि नहीं, बल्कि अपमान निधि है.

किसानों ने सम्मान निधि योजना को बताया अपमानजनक

2 हजार रुपये का प्रचार-प्रसार, ढोल-बाजा बजा रही सरकार

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि फिर एक बार 2 हजार रुपये और 4 महीने का प्रचार-प्रसार करके दिखाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि 500 रुपये महीना देकर किसान का क्या सम्मान किया जा रहा है? जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से किसानों की लागत काफी बढ़ गई है, लेकिन उस हिसाब से निधि नहीं बढ़ी है. अगर यह सम्मान निधि की है, तो उसकी राशि भी सम्मान के लायक होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि देश के सभी किसानों को सम्मान निधि मिल भी नहीं पा रही है. किसी किसान के कागज होल्ड कर दिए गए, तो किसी का खाता कमजोर बता दिया गया. इस तरह लाखों किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाया है. कागजों का संशोधन नहीं होने से किसानों को मुश्किल हुई. जब सरकार के पास किसानों की सभी जानकारी उपलब्ध है, तो सबको यह निधि क्यों नहीं मिल रही? यह सम्मान नहीं, बल्कि अपमान निधि है.

जैविक खेती के मामले पर भी किसानों ने कहा कि सरकार कहेगी, तो जैविक खेती कर लेंगे, लेकिन जैविक संसाधन कौन खरीदेगा. जैविक उत्पादन की कीमत निश्चित कर देनी चाहिए. फैक्ट्री तभी सफल होगी, जब उसके प्रोडक्शन की बिक्री होगी, लेकिन फिलहाल किसान की बिक्री घाटे पर हो रही है.

ये भी पढ़ें-गाजियाबाद: राजनगर एक्सटेंशन की रिवर राइट सोसायटी सील, नोटिस चस्पा

किसान नहीं है अंधा और पागल

किसान दिनेश खेड़ा का कहना है कि किसान अंधा और पागल नहीं है. निधि के नाम पर धोखा दिया जा रहा है. किसान महिपाल सिंह चौहान ने कहा कि किसान अब सब समझ चुका है. इलेक्शन में सरकार को आईना दिखा दिया है और यह सब किसान की वजह से दिखाया गया है. वहीं, गाजियाबाद के बीकेयू के जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पहले सरकार किसानों की फसलों के सही दाम देना सुनिश्चित करें.

हर चीज पर महंगाई बढ़ रही है. डीजल, गैस सिलेंडर आदि के दाम बढ़ने से किसानों पर बोझ बढ़ा है. किसान खुश नहीं है. उनका कहना है गन्ने की पेमेंट भी ठीक से नहीं हुई है. किसानों के गन्ने का पेमेंट कर दिया जाए, तो खुद किसान सरकार की मदद को तैयार होगा. वहींं, मेरठ के किसान विनोद ने कहा कि गन्ने के रेट बढ़ाए जाने चाहिए. इससे किसान के लिए थोड़ी राहत होगी. हमें खैरात या भीख नहीं चाहिए.

तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग

गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने एक बार फिर से तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग को दोहराया है. बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि तब तक यहां बैठे रहेंगे, जब तक कृषि कानून रद्द करने की मांग पूरी नहीं होगी. वहीं, जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार बातचीत नहीं कर रही है. किसानों के साथ जल्द सरकार को बातचीत करनी चाहिए.

नई दिल्ली/गाजियाबादः एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को किसान सम्मान निधि की आठवीं किस्त जारी की. इसके तहत किसानों के खातों में 19,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाने हैं. इसको लेकर भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि यह सम्मान निधि नहीं, बल्कि अपमान निधि है.

किसानों ने सम्मान निधि योजना को बताया अपमानजनक

2 हजार रुपये का प्रचार-प्रसार, ढोल-बाजा बजा रही सरकार

भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि फिर एक बार 2 हजार रुपये और 4 महीने का प्रचार-प्रसार करके दिखाया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि 500 रुपये महीना देकर किसान का क्या सम्मान किया जा रहा है? जब से यह योजना शुरू हुई है, तब से किसानों की लागत काफी बढ़ गई है, लेकिन उस हिसाब से निधि नहीं बढ़ी है. अगर यह सम्मान निधि की है, तो उसकी राशि भी सम्मान के लायक होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि देश के सभी किसानों को सम्मान निधि मिल भी नहीं पा रही है. किसी किसान के कागज होल्ड कर दिए गए, तो किसी का खाता कमजोर बता दिया गया. इस तरह लाखों किसानों को इसका फायदा नहीं मिल पाया है. कागजों का संशोधन नहीं होने से किसानों को मुश्किल हुई. जब सरकार के पास किसानों की सभी जानकारी उपलब्ध है, तो सबको यह निधि क्यों नहीं मिल रही? यह सम्मान नहीं, बल्कि अपमान निधि है.

जैविक खेती के मामले पर भी किसानों ने कहा कि सरकार कहेगी, तो जैविक खेती कर लेंगे, लेकिन जैविक संसाधन कौन खरीदेगा. जैविक उत्पादन की कीमत निश्चित कर देनी चाहिए. फैक्ट्री तभी सफल होगी, जब उसके प्रोडक्शन की बिक्री होगी, लेकिन फिलहाल किसान की बिक्री घाटे पर हो रही है.

ये भी पढ़ें-गाजियाबाद: राजनगर एक्सटेंशन की रिवर राइट सोसायटी सील, नोटिस चस्पा

किसान नहीं है अंधा और पागल

किसान दिनेश खेड़ा का कहना है कि किसान अंधा और पागल नहीं है. निधि के नाम पर धोखा दिया जा रहा है. किसान महिपाल सिंह चौहान ने कहा कि किसान अब सब समझ चुका है. इलेक्शन में सरकार को आईना दिखा दिया है और यह सब किसान की वजह से दिखाया गया है. वहीं, गाजियाबाद के बीकेयू के जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने कहा कि पहले सरकार किसानों की फसलों के सही दाम देना सुनिश्चित करें.

हर चीज पर महंगाई बढ़ रही है. डीजल, गैस सिलेंडर आदि के दाम बढ़ने से किसानों पर बोझ बढ़ा है. किसान खुश नहीं है. उनका कहना है गन्ने की पेमेंट भी ठीक से नहीं हुई है. किसानों के गन्ने का पेमेंट कर दिया जाए, तो खुद किसान सरकार की मदद को तैयार होगा. वहींं, मेरठ के किसान विनोद ने कहा कि गन्ने के रेट बढ़ाए जाने चाहिए. इससे किसान के लिए थोड़ी राहत होगी. हमें खैरात या भीख नहीं चाहिए.

तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग

गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने एक बार फिर से तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग को दोहराया है. बीकेयू के प्रदेश अध्यक्ष राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि तब तक यहां बैठे रहेंगे, जब तक कृषि कानून रद्द करने की मांग पूरी नहीं होगी. वहीं, जिला अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार बातचीत नहीं कर रही है. किसानों के साथ जल्द सरकार को बातचीत करनी चाहिए.

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