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...तो गाजियाबाद के DM, SSP और नगर आयुक्त के आवास हैं अवैध !

अब सवाल ये उठता है कि जिस तरह से छोटे गरीब लोगों के बिना नक्शा पास कराए बने मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है, क्या जीडीए और जिला प्रशासन इन वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों को ध्वस्त करेगा?

DM, SSP और नगर आयुक्त के आवास हैं अवैध
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Published : May 31, 2019, 1:24 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक तरफ जहां गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम और जिला प्रशासन बिना नक्शा पास कराए मकान और अवैध निर्माण को ध्वस्त कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ डीएम, एसएसपी और नगर आयुक्त के आवास का नक्शा खुद स्वीकृत नहीं है.

'नक्शे की पत्रावली GDA के पास नहीं'
इस संबंध में वरिष्ठ नगर निगम पार्षद और आरटीआई एक्टिविस्ट राजेंद्र त्यागी ने बताया कि जिलाधिकारी, एसएसपी और नगर आयुक्त के आवास के नक्शे पास कराने संबंधित जानकारी के जवाब में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की तरफ से उन्हें जवाब मिला है कि डीएम आवास, एसएसपी आवास और नगर आयुक्त आवास का नक्शा पास करने की कोई भी पत्रावली जीडीए के पास नहीं है.

DM, SSP और नगर आयुक्त के आवास हैं अवैध

मुश्किल में जीडीए
अब सवाल ये उठता है कि जिस तरह से छोटे गरीब लोगों के बिना नक्शा पास कराए बने मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है, क्या जीडीए और जिला प्रशासन इन वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों को ध्वस्त करेगा?

आपको बता दें कि राजेंद्र त्यागी की शिकायत पर ही उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि आईएमटी द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को अविलंब मुक्त कराया जाए.

कुछ महीने पहले आरटीआई एक्टिविस्ट राजेंद्र त्यागी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर आईएमटी कॉलेज पर आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रबंधन ने लगभग साढ़े दस हजार वर्ग गज जमीन अवैध रूप से कब्जाई है और उस पर छात्रावास का निर्माण कराया है.

जीडीए ने आदेश दिया
इस पूरे मामले की जांच के बाद आईएमटी कॉलेज प्रबंधन को 15 दिनों के अंदर कब्जाई गई जमीन को खाली करने का आदेश जीडीए ने दिया है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: राजधानी दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक तरफ जहां गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम और जिला प्रशासन बिना नक्शा पास कराए मकान और अवैध निर्माण को ध्वस्त कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ डीएम, एसएसपी और नगर आयुक्त के आवास का नक्शा खुद स्वीकृत नहीं है.

'नक्शे की पत्रावली GDA के पास नहीं'
इस संबंध में वरिष्ठ नगर निगम पार्षद और आरटीआई एक्टिविस्ट राजेंद्र त्यागी ने बताया कि जिलाधिकारी, एसएसपी और नगर आयुक्त के आवास के नक्शे पास कराने संबंधित जानकारी के जवाब में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की तरफ से उन्हें जवाब मिला है कि डीएम आवास, एसएसपी आवास और नगर आयुक्त आवास का नक्शा पास करने की कोई भी पत्रावली जीडीए के पास नहीं है.

DM, SSP और नगर आयुक्त के आवास हैं अवैध

मुश्किल में जीडीए
अब सवाल ये उठता है कि जिस तरह से छोटे गरीब लोगों के बिना नक्शा पास कराए बने मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है, क्या जीडीए और जिला प्रशासन इन वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों को ध्वस्त करेगा?

आपको बता दें कि राजेंद्र त्यागी की शिकायत पर ही उत्तर प्रदेश सरकार ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि आईएमटी द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को अविलंब मुक्त कराया जाए.

कुछ महीने पहले आरटीआई एक्टिविस्ट राजेंद्र त्यागी ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर आईएमटी कॉलेज पर आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रबंधन ने लगभग साढ़े दस हजार वर्ग गज जमीन अवैध रूप से कब्जाई है और उस पर छात्रावास का निर्माण कराया है.

जीडीए ने आदेश दिया
इस पूरे मामले की जांच के बाद आईएमटी कॉलेज प्रबंधन को 15 दिनों के अंदर कब्जाई गई जमीन को खाली करने का आदेश जीडीए ने दिया है.

डीएम एसएसपी और नगर आयुक्त आवास का नक्शा नहीं है जीडीए से स्वीकृत.

गाजियाबाद : एक तरफ जहां गाजियाबाद विकास प्राधिकरण, नगर निगम तथा जिला प्रशासन बिना नक्शा पास कराए मकान और अवैध निर्माण को ध्वस्त कर रहे हैं.तो वहीं दूसरी तरफ डीएम, एसएसपी और नगर आयुक्त आवास का नक्शा खुद जीडीए से स्वीकृत नहीं है.

इस संबंध में वरिष्ठ नगर निगम पार्षद और आरटीआई एक्टिविस्ट राजेंद्र त्यागी ने बताया कि जिलाधिकारी  एसएसपी और नगर आयुक्त के आवास के नक्शे पास कराने संबंधित जानकारी के जवाब में गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की तरफ से जवाब मिला है कि डीएम आवास, एसएसपी आवास और नगर आयुक्त आवास का नक्शा पास करने का कोई भी पत्रवाली हमारे पास नहीं है. अब सवाल यह उठता है कि जिस प्रकार से छोटे गरीब लोगों का बिना नक्शा पास कराए बने मकानों को ध्वस्त किया जा रहा है तो क्या जीडीए और जिला प्रशासन इन वरिष्ठ अधिकारियों के आवासों को ध्वस्त करेगा.


आपको बता दें कि राजेंद्र त्यागी की शिकायत पर ही उत्तर प्रदेश सरकार ने  गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को आदेश दिया था कि आईएमटी द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन को अविलंब मुक्त कराया जाए. कुछ महीने पहले आरटीआई एक्टिविस्ट राजेंद्र त्यागी ने एक प्रेस वार्ता कर आईएमटी कॉलेज पर आरोप लगाया था कि कॉलेज प्रबंधन ने लगभग साढ़े दस हजार वर्ग गज जमीन अवैध रूप से कब्जाई है और उस पर छात्रावास का निर्माण कराया है. इस पूरे मामले की जांच के बाद आईएमटी कॉलेज प्रबंधन को 15 दिनों के भीतर कब्जाई गई जमीन को खाली करने का आदेश जीडीए ने दिया है.

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